कुंडली में प्रत्येक भाव अपने आप में परिपूर्ण होता है, लेकिन इसके साथ ही एक कुछ भाव ऎसे होते हैं जिनका प्रभाव बेहद ही शुभ और विशेष बन जाता है. इन भावों को केन्द्र भाव की संज्ञा दी जाती है. कुंडली में मौजूद यह भाव व्यक्ति के अस्तित्व पर विशेष छाप छोड़ने वाले होते हैं इन भावों के संबंधों से ही धन योग, लक्ष्मी योग जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं. वहीं जब केन्द्र का संबंध एक दूसरे से बनता है तो दोनों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को मजबूती देने वाला माना गया है.
केन्द्र भाव में कुंडली के चार स्तंभों को देखा जाता है. इन स्तंभों के द्वारा जीवन चलायमान होता है. इन के आधार पर ही कुंडली के कई योग निर्मित भी होते हैं. कुंडली के ये भाव जीवन के भौतिक स्वरुप के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं.
कुंडली के केन्द्र भाव कौन से होते हैं
पहला भाव - केन्द्र भाव
जन्म कुंडली का पहला भाव केन्द्र भाव में स्थान पाता है. यह कुंडली के शुरुआत की स्थिति भी होती है ओर व्यक्ति का जीवन इसके द्वारा दृष्टिगोचर भी होता है. कुंडली का पहला घर जिसे लग्न भी कहा जाता है केन्द्र स्थान में बेहद विशेष होता है. इसको तनु या शरीर भाव के रूप में भी जाना जाता है जो जीवन की शुरुआत यानी बचपन, स्वास्थ्य, परिवेश, व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट, चरित्र और कुंडली की सामान्य ताकत को रेखांकित करता है.
इस भाव के द्वारा शुभता आचरण एवं अच्छे खराब प्रभाव सभी को देखा जाता है. कुंडली में यदि लग्न मजबूत होता है तो व्यक्ति को जीवन में किसी भी संघर्ष से बच निकलने की अदभुत शक्ति भी प्राप्त होती है. लग्न का स्वामी ओर लग्न यदि हर प्रकार से शुभ होते हैं तो व्यक्ति कभी हार नहीं मानता है. वह अजय के रुप में सफलता को पाता है. इसके विपरित अगर यह केन्द्र भाव कमजोर हो जाए तो व्यक्ति को किसी के समक्ष विजय पाने में संघर्ष अधिक करना पड़ सकता है. आत्मसम्मान पर इसका गहरा असर भी पड़ता है.
चतुर्थ भाव केन्द्र स्थान
चौथा घर एक केंद्र भाव है जो गृह जीवन, आंतरिक सुख, माता के सुख, चल और अचल संपत्तियों, सामान्य शिक्षा को दर्शाता है। यह काल पुरुष - गर्दन और कंधों का भी प्रतिनिधित्व करता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार दूसरा घर एक व्यक्ति एवं उसके परिवार, भौतिक सुखों, वाहन, वस्त्र आभूषण, परिवार में माता, प्रेम रिश्तों के साथ संबंधों, उसके धन को दिखाने वाला स्थान होता है, यह एक व्यक्ति के मूल्यों एवं उसकी नैतिकता के लिए भी अच्छा स्थान होता है.
किसी के पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को समझने के लिए इस घर को देखा जा सकता है. धन कमाने के लिए चुने गए रास्ते को समझने में भी यह घर मदद करता है. इसे कुंडली विश्लेषण के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है और परिवार के धन और मूल्यों को समझने के लिए कुंडली मिलान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एक व्यक्ति के लिए उसका सुख और घर के साथ उसके संबंधों की परिभाषा को समझाने वाला स्थान होता है.
सातवां भाव केन्द्र भाव
एक मजबूत सातवां घर एक व्यक्ति की जीवन शैली में एक भौतिकवादी स्थिति को दर्शाता है. साझेदारी के लिए ये स्थान बेहद अच्छा होता है. जीवन में होने वाले कोई भी काम जो मिल कर किए जा सकते हैं उन्हें इसके द्वारा देखा जाता है. यह विवाह का स्थान भी है. जीवन में प्रमुख लक्ष्य के रूप में पैसा कमाना और सामाजिक स्थिति भी इस भाव से देखने को मिलती है. खुशी और स्वतंत्रता को इससे भी जोड़ा जाता है. यह भाव प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए साथी एवं धन का सही तरीके से उपयोग करने की क्षमता भी देता है.
यह भाव व्यक्ति की भावनाओं को भी प्रभावित करता है, खासकर जीवन के दूसरे पड़ाव में साथी के साथ संबंधों को भी सके द्वारा देखा जाता है. इस केन्द्र भाव के कमजोर होने की स्थिति के परिणामस्वरूप शत्रुता, विरक्ति, ऋणों का संचय हो सकता है. घर की प्रतिकूल स्थिति का परिणाम यह भी हो सकता है कि व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्यों के साथ कई तरह से नहीं मिल पाता है. यह अनुभव परिवार और परिचितों के विस्तारित क्षेत्रों में भी आगे बढ़ाया जा सकता है, विशिष्ट ग्रहों की उपस्थिति इस भाव पर अधिक प्रभाव डाल सकती है जबकि शुभ का होना जीवन को असमान बना सकता है.
दशम भाव केन्द्र स्थान
दशम भाव क्रिया और कर्म का प्रतिनिधित्व करता है इसे कीर्तिस्थान के रूप में जाना जाता है. वैदिक ज्योतिष में दशम भाव आपके कार्यक्षेत्र को निर्धारित करता है. इस घर की चाल आपके करियर की रेखा तय करती है. इसी घर से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है. शक्ति या दासता की स्थिति भी इसी घर से देखने को मिलती है. दशम भाव एक सामाजिक रुप से आगे बढ़ने को अग्रसर करता है. यह सत्ता में लोगों के साथ नेटवर्क को जोड़ने और बनाने के लिए आगे रखता है. दशम भाव सीधे तौर पर कमाई की क्षमता से भी जुड़ा होता है.
शक्ति और महत्वाकांक्षा को दर्शाता दशम भाव कड़ी मेहनत के प्रति किसी के दृष्टिकोण को स्थापित करता है. करियर में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रयास करने की बात इसी घर से आती है. जीवन के कर्मों का फल भी इस घर से देखा जा सकता है. कालपुरुष कुंडली अनुसार यह शनि ग्रह द्वारा अधिपति स्थान है और मंगल और सूर्य कारक बनते हैं. सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली लोग इस घर का प्रतिनिधित्व करते हैं. समाज के उच्च वर्ग में स्थापित होने के लिए इस घर की मजबूती आवश्यक होती है.