सूर्य महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर एक कम अवधि के लिए पड़ता है. इस दशा के दोरान व्यक्ति आत्मिक रुप से जागरुक बनता है. वह अपने आस पास की स्थिति को अब बहुत अधिक गहराई से देख पाता है. सूर्य आत्मा का कारक है जिसके चलते व्यक्ति जो भी अनुभव करता चला जाता है उन सभी का उसे आने वाले जीवन पर भी असर पड़ता है. सभी लग्नों में सूर्य की महादशा का असर कुछ मौलिक चीजों को छोड़ कर अलग-अलग दिखाई देता है. यहां व्यक्ति को सूर्य की दशा लग्न के अनुसार प्रभाव देती है. मेष से मीन लग्न तक सभी में सूर्य अपने अपने स्वामित्व के आधार पर ही अपने असर को दिखाता है.
सूर्य महादशा के प्रभाव में चल रहे हैं, तो लग्न के आधार पर फल अशुभ और शुभ दोनों हो सकते हैं अलग-अलग लग्न अलग-अलग परिणाम देते हैं और यह पूरी तरह से सूर्य ग्रह की शक्ति और शक्ति पर निर्भर करता है. यदि सूर्य ग्रह स्वराशि, उच्च और मित्र राशि में स्थित हो तो निश्चित रूप से शुभ फल देता है. यदि यह पापी शनि, राहु, केतु और मंगल से पीड़ित है तो यह निश्चित रूप से बुरा परिणाम देगायदि ग्रह तुला राशि में नीच का हो तो सूर्य की महादशा अवश्य ही अशुभ फल देगी.
आइये जानते हैं कैसे सभी लग्न के लिए सूर्य महादशा दिखाती है अपना फल
मेष लग्न के लिए सूर्य महादशा का परिणाम
मेष लग्न वालों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है. सूर्य ग्रह पंचम भाव पर अधिपत्य रखता है जिसके कारण यह काफी शुभ हो जाता है. सूर्य व्यक्ति को शुभदायक फल प्रदान करता है. से जातक के लिए एक लाभकारी ग्रह है.
वृष लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
वृष लग्न के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है. इस स्थान को केन्द्र भाव भी कहा जाता है. यहां सूर्य शुभ स्थिति में होने पर अनुकूल परिणाम देता है. सूर्य की स्थिति का प्रभाव व्यक्ति को सकारात्मक रुप से मान सम्मान प्रदान करने में भी सहायक बनता है.
मिथुन लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
मिथुन लग्न के लिए तीसरे भाव का स्वामी होता है सूर्य ग्रह. यह इस भाव का स्वामी होकर मिलेजुले परिणाम प्रदान करता है. व्यक्ति को पराक्रम मिलता है साहस अच्छा होता है. एकाग्रता की कमी परेशान कर सकती है.
कर्क लग्न के लिए सूर्य महादशा का परिणाम
कर्क लग्न के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी होता है. सूर्य ग्रह वैदिक ज्योतिष के अनुसार यहां पर तटस्थ होता है. इस दशा के दोरान व्यक्ति को आर्थिक स्थिति में अच्छे मौके मिलते हैं लेकिन क्रोध एवं वाणी में उग्रता का प्रभाव देखने को मिलता है. सूर्य पीड़ित और दुर्बल होने पर बुरा परिणाम दे सकता है.
सिंह लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
सिंह लग्न के लिए सूर्य लग्नेश होकर शुभ होता है. सूर्य ग्रह अत्यंत संतोषजनक और अभूतपूर्व परिणाम दे सकता है. सूर्य लग्न का स्वामी है और एक प्राकृतिक शुभ ग्रह बन जाता है. सूर्य की महादशा के दौरान विकास के अच्छे मौके मिलते हैं. सामाजिक प्रतिष्ठा, आर्थिक लाभ, महिमा और सामाजिक स्थिति अच्छी होती है.
कन्या लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
कन्या लग्न के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होता है. यह भाव व्यय का स्थान होता है इस कारण से सूर्य की दशा कुछ खराब परिणाम देने वाली होती है. इस समय व्यक्ति अपने खर्चों के कारण परेशानी अनुभव कर सकता है. व्यक्ति को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से परेशानी अधिक झेलनी पड़ सकती है. विदेश से लाभ मिलता है.
तुला लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
तुला लग्न के लिए सूर्य एकादश भाव का स्वामी होकर लाभ प्रदान करने वाला होता है. लाभ भाव का स्वामी होकर सूर्य लाभकारी रहता है.. अच्छी स्थिति में स्थित सूर्य महादशा के दौरान पर्याप्त धन, ज्ञान, सम्मान, सम्मान और सामाजिक स्थिति मिल सकती है.
वृश्चिक लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
वृश्चिक लग्न के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी होता है. सूर्य महादशा में व्यक्ति अपने करियर में नए पड़ाव अनुभव कर पाता है. 10वें भाव का स्वामी सूर्य यदि अच्छी स्थिति में तो व्यक्ति अपने करियर से ऊंचाईयों को छू लेने में सक्षम होता है.
धनु लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
धनु लग्न के लिए सूर्य नवम भाव का स्वामी होता है. भाग्य का स्वामी बनकर सूर्य व्यक्ति को अच्छे लाभ प्रदान करता है. सूर्य महादशा व्यक्ति को भ्रमण के अवसर देती है. व्यक्ति को धार्मिक यात्राओं का मौका भी इस समय के दोरान मिलता है.
मकर लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
मकर लग्न के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होता है. अष्टम भाव का स्वामी होकर सूर्य दशा खराब रुप में फल अधिक देती सूर्य की महादशा के दौरान अच्छे परिणाम का अनुभव नहीं हो पाते हैं. सूर्य ग्रह आठवें भाव का स्वामी है जो मारकेश भी बन जाता है.
कुम्भ लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
कुम्भ लग्न के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी बनता है. सूर्य की स्थिति व्यक्ति को सामाजिक एवं कारोबार में अधिक प्रभावित करने वाली होती है. सूर्य की महादशा के दौरान मिलेजुले अनुभव हमें प्राप्त होते हैं. यदि जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित है, तो वित्तीय मुद्दों और वैवाहिक कलह का अनुभव भी दे सकता है.
मीन लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल
मीन लग्न के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी होता है. जन्म कुंडली में छठा भाव रोग, ऋण और शत्रुता को दर्शाता है. जन्म कुण्डली में सूर्य की महादशा व्यक्ति को शत्रुओं की अधिकता दे सकती है स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं.