ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है. बुध उन शुभदायक ग्रहों में से एक है जो सकारात्मक हैं. यह संचार कौशल, मानसिक क्षमताओं और बुद्धि का प्रदाता है. बुध का शुभ फल जब प्राप्त होता है तो व्यक्ति उत्तम शक्ति को पाता है. बुध आपकी जन्म कुंडली के अनुसार उच्च राशि में मजबूत या उपस्थित हो तो व्यक्ति को उच्च बौद्धिक गणितज्ञ बना सकता है इसके विपरित पाप ग्रहों की दृष्टि में बुध अनुकूल परिणाम प्रदान नहीं कर पाता है.
बुध ग्रह की विशेषताएं
बुध ग्रह की विशेषताओं में मानसिक शक्तियाँ, बौद्धिक मन, निर्णय लेने का कौशल, तार्किकता, विचार, संचार, भाषण, चेतना जैसी बातें शामिल होती हैं. ज्योतिष में बुध को सभी के मध्य विचार करने वाला माना गया है. बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशियों पर अधिकार रखता है. बुध के कारण भाषण या संचार कौशल में सुधार होता है. बुध की मदद से व्यक्ति अपनी छवि को भी बेहतर बना सकता है. ज्योतिष में यह वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. यह शुभ ग्रह जातकों को नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. यह आपकी सोचने की प्रक्रिया और चेहरे के भावों पर नियंत्रण रखता है. यह आपके सचेत कार्यों, विकल्पों और विश्लेषणात्मक दिमाग को नियंत्रित करता है.
जन्म कुंडली में बुध मजबूत होता है, तो व्यक्ति अपने शब्दों पर बेहतर नियंत्रण रख सकता है. बुध के द्वारा व्यक्ति को पता होता है कि दूसरों के साथ कैसे संवाद करना है. इससे उसे दूसरों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने में और मदद मिल सकती है. यदि बुध आपकी कुंडली में अनुकूल स्थिति में है, तो आप सीख सकते हैं कि बातचीत कैसे शुरू करें और इसे कैसे समाप्त करें. इसके अलावा, बुध तीन नक्षत्रों (नक्षत्रों) का भी स्वामी है. यह अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का स्वामी है.
बुध का असर अन्य ग्रहों के साथ प्रभाव
बुध का अन्य ग्रहों से संबंध कुछ इस प्रकार का माना गया है. बुध के मित्र ग्रह सूर्य और शुक्र हैं. इसके साथ तटस्थ ग्रह में शनि, मंगल और बृहस्पति आते हैं. बुध केवल चंद्र को अपना शत्रु मानता है. बुध के अन्य ग्रहों से सम्बन्धों के बारे में यह स्पष्ट देखा जाता है कि बुध के शत्रु से अधिक उसके मित्र हैं. और अब, आपके लिए यह समझना आसान होगा कि क्या होता है जब बुध अन्य ग्रहों के साथ एक हो जाता है तो वह कैसे अपना असर दिखाता है.
बुध जब सूर्य के साथ होता है तो शुभ माना जाता है. बुध की अपने मित्र ग्रह सूर्य के साथ युति से बुधादित्य योग बनाती है. बुध और सूर्य दो ग्रहों की युति का प्रभाव व्यक्ति को विश्लेषणात्मक कौशल और बुद्धिमत्ता देने वाला होता है. जीवन में विशेषताओं का आगमन होता है यह एक महान व्यक्तित्व बनाने में भी सहायता करता है.
बुध और शुक्र की युति शुभ होती है. जब सौंदर्य का ग्रह बुद्धिमान बुध के साथ मिलता है तो मन से मिलता है. यह शुक्र और बुध का मिलन सकारात्मक प्रभाव डालने वाला होता है. यह योग व्यक्तियों को उनके संचार कौशल को बेहतर एवं तेज करने में मदद कर सकता है. व्यक्ति विज्ञान या गणित विषयों में रुचि ले सकता है. आर्थिक स्थिति परअच्छी पकड़ हो सकती है.
बुध और शनि की युति कुछ अच्छी एवं कुछ गंभीर बौद्धिकता को प्रदान करती है. एक ही घर में बुध और शनि की युति वाला व्यक्ति व्यवसायी या वकील बनने की संभावना रखता है. व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इन ग्रहों की यह युति संतान के दौरान समस्याएं पैदा कर सकती है.
बुध और मंगल की युति का असर व्यक्ति को तर्क युक्त बनाता है. बुध और मंगल के एक ही भाव में होने वाले जातक साहसी, बहादुर और ऊर्जावान होते हैं. गंभीर बातचीत करते समय आपके पास गलत संचार नहीं हो सकता है. लेकिन, आप अपने तर्क को साबित करने के लिए तर्क-वितर्क में लिप्त हो सकते हैं. आपको अपने करियर ग्रोथ में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है.
बुध और गुरु की युति का प्रभाव व्यक्ति को विचारशील और तक युक्त बनाता है. यदि बुध बृहस्पति के साथ हो तो व्यक्ति जल्दी ही जीवन में नई चीजें सीख सकता है. यह संबंध इस बात की ओर भी इशारा करता है कि व्यक्ति कई बार अनावश्यक लड़ाई-झगड़े में शामिल हो सकता है. बृहस्पति की उपस्थिति जीवन में आध्यात्मिकता और उच्च ज्ञान विकसित करने में मदद कर सकती है.
बुध और चंद्रमा की युति का असर दो नैसर्गिक शत्रु ग्रहों की युति जैसा देखने को मिल सकता है. आपको अनुकूल परिणाम नहीं दे सकती है. लेकिन जीवन में कोई बड़ी समस्या नहीं हो सकती है क्योंकि बुध एक शुभ ग्रह है. यदि ये दोनों ग्रह एक ही घर में हों तो आप वन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कमी आती है.
बुध और राहु-केतु की युति काफी गंभीर मानी जाती है. बुध राहु के साथ होने पर नए विचारों और बुद्धिमत्ता को देने में सक्षम होता है. अपनी चीजों पर बात करना अधिक पसंद कर सकते हैं. बुध केतु के साथ होने पर रिसर्च देता है. त्वचा से संबंधी बिमारी और वाणी विकार हो सकते हैं.
बुध से मिलने वाले परिणाम अन्य ग्रहों के साथ युति भावों, राशियों और बल में इसकी स्थिति पर निर्भर करती है. ऎसे में जब बुध किसी पाप ग्रह के साथ होता है या फिर वह नीच राशि एवं खराब भाव स्थान खरब नक्षत्र में बैठता है तब बुध का दोष काफी गहरा असर डालने वाला होता है.
बुध दोष के उपाय
बुध मंत्रों का उपयोग बुध के पाप प्रभाव को समाप्त करने के लिए विशेष होता है. यदि बुध मंत्रों का जाप किया जाए तो इसके प्रभाव द्वारा जातक व्यक्ति को बुध के सकारात्मक असर मिलते हैं. बुध की शांति का असर बुध के खराब असर को कम कर देने वाला होता है.
" ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"
"ॐ बुं बुधाय नम: "
"प्रियंगु कलिका श्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम
सौम्यं सौम्य गुणोपेतं बंध तं प्रणमाम्यहम्"