गुरु का गोचर इस समय मकर राशि पर हो रहा है. मकर राशि में ही गुरु इस समय वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. पर आने वाले 30 जून 2020 को गुरु मकर से निकल कर अपनी पूर्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे. गुरु वक्री होंगे और अपनी स्वराशि में जाने के कारण इनके इस बदलाव का असर कई प्रकार से दिखाई देगा. विशेष रुप से ये समय धनु राशि, मीन राशि मकर, राशि और मिथुन राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा.
30 जून से 19 नवम्बर क गुरु धनु राशि में ही गोचर करेंगे. इसके बाद 20 नवम्बर को पुन: मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे. 30 जून को मंगलवार के दिन गुरु(बृहस्पति) का राशि परिवर्तन होगा. यह राशि परिवर्तन प्रात:काल समय के दौरान होगा. वक्री गुरु उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होंगे.
वक्री गुरु का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में फल
वक्री गुरु की स्थिति एक बार फिर से धनु में होने के कारण ये समय सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक रुप से बदलाव को दिखाएगा. इसका असर उन कामों पर होगा जो रुके हुए थे. एक बार फिर से कुछ बेहतर रुख दिखई दे सकता है. कुछ सकारात्मक परिवेश की स्थिति लोगों पर असर डाल सकती है. लेकिन उसी के साथ यह एक अत्यधिक उग्र स्थिति भी होगी, क्योंकि धनु में वक्री गुरु की स्थिति उसके कारक तत्वों को विस्तार देने वाली होगी.
वक्री गुरु का धनु में होने का पौराणिक महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसर कुछ ऎसे सिद्धांत दिए गए हैं जिनमें ग्रहों के वक्री होने और उस कारण उनके मिलने वाले फलों को बहुत ही बेहतर रुप से बताया गया है. कुछ बातों के अनुसार मान्यता है कि शुभ ग्रहों का मार्गी से वक्री होना उनके इफैक्ट को बढ़ाने वाला होता है. माना जाता है कि शुभ ग्रह अपनी वक्री अवस्था में जो शुभ फल देते हैं उसमें वृद्धि कर देते हैं. इसी में धनु राशि में गुरु का मकर से निकल कर वक्री अवस्था में ही धनु की ओर लौटना काफी प्रभावशाली असर देने वाला होगा.
गुरु महाराज 13 सितंबर को मार्गी हो जाएंगे और धनु राशि में ही स्थित रहेंगे. तब तक का समय कुछ राशि वालों को अचानक होने वाले अवसर देगा. आइये जानते हैं कैसा रहेगा गुरु(बृहस्पति) का गोचर राशियों के लिए किस तरह का होगा.
30 जून से 19 नवम्बर 2020 तक इन राशिवालों पर होगा गुरु महाराज खास असर
बृहस्पति का एक बार फिर से गोचर में धनु राशि की और लौटना बड़े बदलाव का संकेत देने वाला हो सकता है. इस समय पर धनु और मीन राशि वालों पर जिम्मेदारियों की एक नयी लिस्ट सामने आ सकती है, तो वहीं दूसरी ओर मिथुन राशि वालों को अपने पुराने कामों में एक बार फिर से हाथ आजमाने का मौका मिल सकता है.
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए इस समय भाग्य का एक बार फिर आपको साथ मिल सकता है. पर कोशिश यही करें की खुद अपने कामों को पूरा करने की कोशिश करें. घर के किसी वरिष्ठ सदस्य की ओर से आपको कुछ नयी बातें पता चलेंगी. यात्राओं पर जाने के योग हैं पर संभल कर काम करना ही बेहतर होगा.
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का पुन: वक्री होकर धनु में जाना मिले जुले फलों से प्रभाव डालने वाला होगा. आपको कुछ चीजों में अचानक होने वाली परेशानियां सामने आ सकती हैं. कुछ कारणों से चिंता बढ़ सकती है.
मिथुन राशि
आप लोगों के लिए गुरु का प्रभाव सो समझ कर काम करने के मौके देगा. आप अपने रिश्ते में एक बार फिर से बेहतर कोशिशों को देख पाएंगे. बच्चों के लिए ये समय अनुकूल रह सकता है वह अपनी योग्यता का परिचय दे सकते हैं.
कर्क राशि
थोड़ा सकारत्मक हो सकता है क्योंकि एक बार पुन: भाग्य का सहयोग आपके काम को बेहतर रंग दे पाए. प्रेम रिश्तों की ओर से कुछ समय के लिए राहत मिल सके. यात्रा का योग भी बनेगा.
सिंह राशि
इस राशि के लिए गुरु का वक्री होकर धनु में आना कुछ मानसिक समस्याओं से राहत दिला सकता है. आपकी ताकत बढ़ेगी. आप में काम को लेकर बेहतर क्षमता का विकास होगा.
कन्या राशि
आप लोगों के लिए वक्री गुरु कुछ तेजी से आने वाले अवसर देने वाला होगा. सकारात्मक फलों की प्राप्ति की आशंका भी बढ़ेगी. परिवार में किसी का आगमन होगा या फिर आपकी घर वापसी का समय भी होगा.
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए वक्री गुरु का प्रभाव खर्चों की वृद्धि तो दिखाता है पर अब वह आपको अपने लिए कुछ नए स्थान की प्राप्ति के अवसर भी देता प्रतीत होता है.
वृश्चिक राशि
आप को घरेलु स्तर पर लोगों का सहयोग मिलने की उम्मीद दिखाई देगी. अगर किसी कारण से कुछ प्रोपर्टी के काम रुके हुए थे वो पुन: गति पकड़ सकते हैं.
धनु राशि
अपने ही घर पर एक बार फिर से गुरु का आना आप लोगों को नए अवसर देने कि कोशिश कर सकता है. अच्छे परिणाम लेकर आएगा.
मकर राशि
गुरु अपनी वक्र स्थिति में होने के कारण थोड़ी राहत ले कर आ सकता है. आप अपने काम को ध्यान दे पाएंगे. बाहरी संपर्क लाभ देने योग्य होंगे.
मीन राशि
आपके लिए काम में वृद्धि और अब आप अपने प्रयास, चाहे वो आम जिंदगी हो या आपका कार्य-क्षेत्र, उन्हीं जगहों पर करेंगे जहां से आप बेहतर अनुभव कर पाएंगे.
वक्री गुरु के लिए उपाय
वक्री गुरु का धनु राशि में गोचर करना क्रोध को बढ़ाने और खर्चों में वृद्धि करने वाला होगा. इस समय वक्री गुरु के लिए सबसे बेहतर उपाय गुरु के मंत्र जाप का होगा. वक्री होना स्थिति को अधिकता यानी के दोहराव दे सकता है. चीजों में बार-बार लगे रहना और पुन: फिर से उन अवसरों को देने वाला जो किसी कारण से छूट गए थे.