हिन्दु माह के अनुसार चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के नाम से मनाया जाता है. इस दिन गणेश जी के व्रत व पूजा का विधान है, जो श्रद्धालु इस व्रत को करते हैं तब भगवान गणेश उनके सभी संकटों को दूर करते हैं इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा गया है. सुबह सवेरे स्नान आदि से निवृत होकर व्रत रखने का विधान है.

सुबह व्रत रखने के पश्चात संध्या समय में फल, फूल, अक्षत, रौली, मौली, पंचामृत से स्नान आदि कराने के पश्चात भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए. पूजा करते समय पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा करने के बाद उसी समय गणेश जी के मंत्र का जाप करना चाहिए.

संध्या समय में कथा सुनने के पश्चात गणेश जी की आरती करनी चाहिए. इस दिन व्रत रखने वाले जातक को सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है. व्यक्ति को अपने व्यवसाय में सफलता मिलती है. मानसिक शांति बनी रहती है तथा परिवार में खुशहाली का वातावरण बना रहता है.

गणेश चतुर्थी के दिन जो व्यक्ति भगवान गणेश का व्रत रखते हैं और जो व्यक्ति व्रत नहीं रखते हैं वह सभी अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीब लोगों को दान कर सकते हैं. इस दिन गरीब लोगों को गर्म वस्त्र, कम्बल, कपडे़ आदि दान कर सकते हैं. भगवान गणेश को गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद को गरीब लोगों में बांटना चाहिए. लड्डुओं के अतिरिक्त अन्य खाद्य वस्तुओं को भी गरीब लोगों में बांटा जा सकता है.

विनायक चतुर्थी व्रत तिथियाँ 2025 | Ganesh Chaturthi Fast Tithi 2025

दिनाँक दिन हिन्दु माह
03 जनवरी शुक्रवार पौष माह शुक्ल पक्ष
01 फरवरी शनिवार माघ माह, शुक्ल चतुर्थी
3 मार्च सोमवार  फाल्गुन माह, शुक्ल चतुर्थी
01 अप्रैल मंगलवार चैत्र माह शुक्ल पक्ष 
01 मई बृहस्पतिवार वैशाख माह शुक्ल पक्ष 
30 मई , शुक्रवार ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष 
28 जून शनिवार आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष
28 जुलाई   सोमवार  श्रावण माह शुक्ल पक्ष
27 अगस्त बुधवार भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष
25 सितंबर बृहस्पतिवार आश्विन माह शुक्ल पक्ष
25 अक्टूब्रर शनिवार कार्तिक माह शुक्ल पक्ष  
24 नवंबर सोमवार मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष
24 दिसंबर बुधवार पौष माह शुक्ल पक्ष