हिन्दू धर्म में एकादशी का महत्व अत्यधिक माना गया है. इस दिन विष्णु भगवान की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. माँस-मदिरा, लहसुन-प्याज, मसूर की दाल आदि का इस दिन त्याग किया जाता है. वर्ष में कुल 24 एकादशी आती हैं. जिस वर्ष अधिकमास या मलमास होता है, उस वर्ष में 26 एकादशी होती हैं. एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिव्य फलों की प्राप्ति होती है.

एकादशी के विषय में कहा जाता है कि यह दो प्रकार की होती हैं - विद्धा (वेद्धा) एकादशी और शुद्धा एकादशी. जो एकादशी दशमी से युक्त होती है वह विद्धा(वेद्धा) एकादशी कहलाती है. सूर्योदय कालिक एकादशी तिथि द्वादशी तिथि से युक्त हो तब वह शुद्धा एकादशी कहलाती है. साधारण गृहस्थ व्यक्तियों तथा साधकों को शुद्धा एकादशी व्रत रखना शुभ तथा पुण्य देने वाला माना गया है.

एकादशी व्रत 2025 की तिथियाँ | Ekadasi Vrat Dates 2025

एकादशी का नाम माह दिनाँक दिन
       
पुत्रदा एकादशी पौष शुक्ल पक्ष 10 जनवरी शुक्रवार
षटतिला एकादशी माघ कृष्ण पक्ष 25 जनवरी शनिवार
जया एकादशी माघ शुक्ल पक्ष 08 फरवरी शनिवार
विजया एकादशी फाल्गुन कृष्ण पक्ष 24 फरवरी सोमवार
आमलकी एकादशी फाल्गुन शुक्ल पक्ष 10 मार्च सोमवार
पापमोचनी एकादशी चैत्र कृष्ण पक्ष 26 मार्च मंगलवार
कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष 08 अप्रैल मंगलवार
वरुथिनी एकादशी वैशाख कृष्ण पक्ष 24 अप्रैल  मंगलवार
मोहिनी एकादशी वैशाख शुक्ल पक्ष 08 मई बृहस्पतिवार
अपरा एकादशी ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष 23 मई  शुक्रवार
निर्जला एकादशी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष 06 जून शुक्रवार
योगिनी एकादशी आषाढ़ कृष्ण पक्ष 21 जून  शनिवार
देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष 06 जुलाई रविवार
कामिका एकादशी श्रावण कृष्ण पक्ष 21 जुलाई सोमवार
पवित्रा एकादशी श्रावण शुक्ल पक्ष 05 अगस्त मंगलवार
अजा एकादशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष 19 अगस्त  मंगलवार
पदमा एकादशी भाद्रपद शुक्ल पक्ष 03 सितंबर बुधवार
इन्दिरा एकादशी आश्विन कृष्ण पक्ष 17 सितंबर बुधवार
पापांकुशा एकादशी आश्विन शुक्ल पक्ष 03 अक्तूबर शुक्रवार
रमा एकादशी कार्तिक कृष्ण पक्ष 17 अक्टूबर शुक्रवार
देवप्रबोधिनी (हरिप्रबोधिनी)एकादशी कार्तिक शुक्ल पक्ष 01 नवम्बर शनिवार
उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष 15 नवंबर शनिवार
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष 01 दिसंबर सोमवार
सफला एकादशी पौष कृष्ण पक्ष 15 दिसंबर सोमवार