हिन्दू पंचांग की 30वीं व अंतिम तिथि अमावस्या कही जाती है. अमावस्या का दिन अंधकार का समय होता है जब चंद्रमा पूर्ण रुप से लुप्त हो जाता है और दिखाई नहीं देता है. हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस दिन पितरों का दिन होता है.

अमावस्या के देव पितृ कहे गए हैं, इस कारण इस तिथि के दिन तर्पण के कार्य विशेष रुप से किए जाते हैं. किसी भी प्रकार के पितृ दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या तिथि के दिन पितरों के समक्ष किया गया दान-पूजा पितृ शांति कराने वाली होती है. अमावस्या के दिन किए गए दान और स्नान की भी बहुत महत्ता होती है.

अमावस्या तिथि महत्व

अमावस्या चंद्रमा की 16 कलाओं में से एक है. अमावस्या को अमावस, अमावस्या, अमावासी, कुहू अमावस, अमामासी, सिनी अमावस्या और दर्श अमावस्या इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. अमावस्या माह में एक बार ही आती है और किसी विशेष दिन होने पर इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

सोमवार के दिन अमावस्या तिथि होने पर यह सौमवती अमावस्या कहलाती है. मंगलवार के दिन अमावस्या होने पर यह भौमवती अमावस्या कहलाती है. शनिवार के दिन अमावस्या तिथि होने पर यह शनि अमावस्या कहलाती है. यह तीन दिनों के साथ अमावस्या का योग अत्यंत खास हो जाता है. आईये जानें इस वर्ष 2025 में किस दिन कौन सी अमावस्या का संयोग रहने वाला है.

वर्ष 2025 में अमावस्या तिथियाँ | Amawasya 2025 Dates

दिनाँक वार चन्द्रमास
29 जनवरी  बुधवार माघ माह
27 फरवरी  बृहस्पतिवार फाल्गुन 
29 मार्च शनिवार  चैत्र
27 अप्रैल रविवार वैशाख माह
26 मई सोमवार ज्येष्ठ माह
25 जून  बुधवार आषाढ़ माह 
24 जुलाई   बृहस्पतिवार श्रावण माह
22 अगस्त शुक्रवार भाद्रपद माह
21 सितंबर  रविवार आश्विन माह
21 अक्टूबर   मंगलवार कार्तिक माह
19 नवंबर बुधवार मार्गशीर्ष माह
20 दिसंबर   शुक्रवार पौष माह