वर्ष फल कुण्डली में चतुर्थ भाव में स्थित ग्रहों के प्रभावों द्वारा जो फल प्राप्त होते हैं वह जातक के जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करते हैं. वर्ष फल कुण्डली ज्योतिष शास्त्र की तीन शाखाओं में से एक है. वर्ष फल मुख्यत: किसी विशेष घटनाओं को अध्ययन करने के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाता है. फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों के कारकों का फल देखना होता है.

सूर्य ग्रह | Sun Planet

चतुर्थ भाव में सूर्य के स्थित होने के प्रभाव स्वरूप जातक घूमने का शौकिन होता है, चिंताओं से घिरा रह सकता है. वर्ष कुण्डली अनुसार चौथे भाव में सूर्य के स्थित होने से व्यक्ति का मन अशांत रह सकता है, परंतु उसके व्यवसाय के लिए अच्छा रह सकता है. वह दर्शनशास्त्र के प्रति लगाव रखने वाला हो सकता है.

चंद्र ग्रह | Moon Planet

चंद्र के चतुर्थ भाव में स्थित होने के कारण व्यक्ति मन से संतुष्ट होता है, उसे राजा से सम्मान की प्राप्ति हो सकती है. समाज में सम्मान और प्रेम की प्राप्ति हो सकती है. चंद्रमा के पीडित होने पर माता से दूरी या निवासस्थान से दूर जाना पड़ सकता है. मानसिक रुप से तनाव कि स्थिति से गुजरना पड़ सकता है.

मंगल ग्रह | Mars Planet

चतुर्थ भाव में मंगल ग्रह के प्रभाव स्वरूप मानसिक अशांति बनी रह सकती है. घरेलू विवाद रह सकते हैं अथवा संपत्ति विवाद हो सकता है, माता से झगडे की स्थित उत्पन्न हो सकती है. मंगल पीडित होने पर चोरी कि संभावना अथवा लांछन लग सकता है. धोखे या छल से धन हानि की संभावना बनी रह सकती है जिस कारण तनाव बना रह सकता है.

बुध ग्रह | Mercury Planet

बुध के चतुर्थ भाव में स्थित होने के कारण व्यक्ति को विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है या घर से कुछ समय के लिए दूर जाकर काम करना पड़ सकता है. शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है, वाहन, संगीत व कला के प्रति विशेष लगाव उत्पन्न हो सकता है.

बृहस्पति ग्रह | Jupiter Planet

बृहस्पति के चतुर्थ भाव में स्थित होने के कारण व्यक्ति में ज्ञान की चाह बनी रहती है. लोगों में गणमान्य बनता है. विद्वान होता है व जीवन में सुख पाता है. समाज में सम्मान व उन्नती पाता है. धर्म के कार्यों में अग्रसर व भाग्य का साथ पाता है.

शुक्र ग्रह | Venus Planet

शुक्र के चतुर्थ भाव में स्थित होने पर व्यक्ति को यात्रा करनी पड़ सकती है और यात्रा से लाभ की प्राप्ति होती है. संगीत व कला के प्रति रूचि उत्पन्न होती है. व्यक्ति को मित्रों का साथ मिलता है, घर में सुख व सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माता का स्नेह व सुख प्राप्त होता है वाहन का सुख मिलता है.

शनि ग्रह | Saturn Planet

शनि के चतुर्थ भाव में होने पर यदि लग्नेश बलिष्ठ न हो तो माता को तकलीफ झेलनी पड़ सकती है, घर से अलग रहना पड़ सकता है व जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है.

राहु ग्रह | Rahu Planet

राहु के चतुर्थ भाव में होने पर व्यक्ति को अपनी योग्यता में कमी झेलनी पड़ सकती है, व्यक्ति में मूर्खता अधिक झलकती है, शिक्षा में अरूचि व कमी झेलनी पड़ सकती है. बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा में कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं. स्त्री की कुण्डली में होने पर दांपत्य सुख में कमी आ सकती अथवा गंभीर रोग प्रभावित कर सकते हैं.

केतु ग्रह | Ketu Planet

केतु विदेश संबंधी काम दे सकता है. माता को कष्ट की स्थिति झेलनी पड़ सकती है. भाग्य में कमी व संघर्ष अधिक करना पड़ सकता है. शनि से पिडित होने पर मानसिक अशांति मिल सकती है.