वर्ष फल कुण्डली में पंचम भाव में जो ग्रह स्थित होते हैं, उनके प्रभावों को जानने हेतु आप कई बातों का अनुसरण कर सकते हैं कि ग्रह के कारक तत्व व उसका प्रभाव वर्ष कुण्डली पर कैसा रहने वाला है. कुण्डली में ग्रहों की स्थिति बहुत मायने रखती है ग्रहों का शुभता लिए होने से जातक आनंद व सुख की अनुभूति कर पाता है.

सूर्य ग्रह | Sun Planet

वर्ष फल कुण्डली के पांचवें भाव में सूर्य के शुभ स्थिति में होने पर जातक समाज में उच्च स्थिति को पाता है.  सफलता व परिवार का सुख मिलता है, खुशहाली व प्रेम की प्राप्ति होती है. सत्ता का सुख, धन व धर्म कर्म के कार्यों को पाता है. सूर्य कमजोर होने पर प्रेम की पीडा़, अलगाव हो सकता है. संतान का दुख व देरी का सामना करना पड़ सकता है. शिक्षा में बाधा व कमी आ सकती है.

चंद्र ग्रह | Moon Planet

चन्द्रमा के पंचम भाव में होने पर व्यक्ति धैर्यवान होता है. स्वभाव में सौम्यता बनी रहती है. आकर्षक व्यक्तिव के कारण लोग उससे प्रभावित रहते हैं, सभी के साथ मेल जोल रखने वाला व हंसमुख होता है. स्वस्थ जीवन का आनंद लेने वाला होता है. संगीत व कलात्मक अभिरूचियों से प्रसन्न व प्रतिष्ठित रहता है.

मंगल ग्रह | Mars Planet

मंगल पंचम भाव में होने के कारण व्यक्ति उच्च पद को पाता है, सत्ता के सुख और राजा से सम्मान पा सकता है, साहस से भरपुर होता है टैक्निकल शिक्षा के प्रति लगाव अधिक हो सकता है. अशुभ ग्रहों के प्रभव के कारण शुभ फलों में कमी आ सकती है. संतान से परेशानी हो सकती है. व्यक्ति के स्वभाव में चतुरता व चालाकी का भाव हो सकता है.

बुध ग्रह | Mercury Planet

बुध के पंचम भाव में होने के कारण व्यक्ति में शिक्षा में सफलता मिलती है. लोगों से सहायता व सहयोग मिलता है हंसमुख व व्यवहार कुशल होता है, अचानक से प्रोपर्टी से लाभ मिल सकता है. व्यक्ति लेखक या काव्यात्मक हो सकता है, पर अगर पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो संतान व विद्या में कमी आती है.

बृहस्पति ग्रह | Jupiter Planet

जातक को विद्वान ज्ञानी बनाता है, धर्म के प्रति आसक्त होता है. शुभ गुणों को पाता है, संतान की ओर से सुख का भाव मिलता है. शुभ युक्त व बली अवस्था में होने के कारण जीवन में लोगों से स्नेह प्राप्त होता है. पीडित होने पर संतान की ओर से दिक्कत होती है.

शुक्र ग्रह | Venus Planet

प्रेम से युक्त और कलात्मकता से भरा हुआ बनाता है. धनी, कवि कलाकार व शुभता बनी रहती है. शुक्र के शुभता में होने से वाणी में मिठास आती है, व्यक्ति सभी का प्रेमी बनता है. वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती है.

शनि ग्रह | Saturn Planet

यदि वह मजबूत स्थिति में हो तो जातक को धनी व व्यवहार से सौम्य बनाता है. व्यक्ति परिश्रम करने वाला बनता है तथ अमेहनत से आगे बढ़ता है. अशुभता होने पर विवाह में देरी, धन की हानी, व्यवहार में जिद्दीपन आता है. कष्ट, दरिद्र और परिवार से  दूर कर सकता है, सौंदर्य में कमी हो सकती है.

राहु ग्रह | Rahu Planet

राहु के होने पर धन युक्त व बुद्धि को अस्थिर करता है मानसिक संताप रहता है. सफलता मिलती है परंतु संघर्ष भी बने रहते हैं. कुछ अच्छा पाने के लिए अत्यधिक संघर्ष की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. दुविधा बनी रह सकती है, संतान संबंधि परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं.

केतु ग्रह | Ketu Planet

मंत्र सिद्धि देता है, संतान की तकलीफ बनी रहती है. सरकार से हानि मिल सकती है मानसिक उग्रता बनी रहेगी. उतावलापन बना रह सकता है.