वैदिक ज्योतिष में केतु के साथ मंगल का गोचर बेहद परिवर्तन के साथ ही एक महत्वपूर्ण घटना का समय भी बन जाता है. मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक है और केतु क्रोध अलगाव को दर्शाता है. ऎसे में तुला राशि में केतु और मंगल की स्थिति का असर एक साथ गोचर के कारण परेशानी देने वाला भी होगा. यह एक विस्फोटक स्थिति को भी दर्शाने वाला होगा. केतु-मंगल का तुला राशि में होना बेहद क्रांतिकारी रुप से अपना असर दिखा सकता है. यह राशि गोचर करता सभी बारह राशियों के लिए विशेष होने वाला होगा. तुला राशि में मंगल के आने के बाद इस देश ओर दुनिया पर होने वाले असर काफी महत्वपूर्ण होंगे. इस समय प्राकृति आपदाओं का प्रभाव भी जीवन पर होगा.
मेष राशि
मंगल और केतु का तुला राशि में गोचर मेष राशि के लिए बदलाव ओर उत्साह को बढ़ाने का संकेत होगा. मंगल जो मेष राशि का अधिपति ग्रह है वह केतु के साथ तुला राशि में होने पर गोचर साझेदारी और संबंधों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है. अपने काम में जितना संभव हो धैर्य को बनाए रखना उचित होगा. यह गोचर रिश्तों में सामंजस्य और संतुलन को कमजोर करने वाला होगा. विवाद और उत्तेजना अधिक दिखाई देगी. इस गोचर के दौरान अपनी मुखरता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. मंगल के साथ केतु दोनों ही एक उग्र और आवेगी ग्रह हैं, और तुला राशि में इसका गोचर ठीक से नहीं होने पर संघर्ष या गलतफहमी पैदा कर सकता है.
वृष राशि
वृष राशि वालों के लिए मंगल और केतु का तुला राशि में होना नए विचारों से जुड़ने के समय को दर्शाता है. इससे बेहतर संचार और नई चीजों के अविष्कार का समय होगा. प्रियजनों के साथ गहरे संबंध अभी न बन पाएं लेकिन इस ओर शुरुआत हो सकती है. यह गोचर रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा दे सकता है. नए शौक या परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अधिक प्रेरित और प्रेरित महसूस कर सकते हैं, विशेष रूप से वे जिनमें साझेदारी या सहयोग शामिल है. अभी इस समय के दौरान सेहत को लेकर अचानक से कुछ परेशानी हो सकती है.
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए मंगल-केतु का तुला राशि गोचर एकाग्रता की कमी को दे सकता है. इस समय छात्रों को अपनी पढ़ाई को लेकर परेशानी रह सकती है. इस समय बच्चों की ओर से माता-पिता को चिंता होगी. गर्भवत महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी. यह समय दर्शन, तंत्र और विज्ञान जैसे विषयों पर अच्छी पकड़ देने वाला होगा. आध्यात्मिक रुप से जागरण का समय होगा. अचानक से गुढ़ चीजों की ओर रुझान भी बढ़ने वाला है. दोस्तों के साथ विवाद अथवा प्रेम संबंधों में अलगाव होने कि संभावना अधिक रह सकती है.
कर्क राशि
मंगल-केतु का तुला राशि में गोचर कर्क राशि वालों के लिए मिलेजुले फलों को देगा. इस समय के दौरान घर परिवार में कुछ अशांति मिल सकती है. इस समय पर चीजों की स्थिरता की उम्मीद कम हौ रहने वाली है. यह गोचर साझेदारी और सहयोग पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का होगा क्योंकि व्यर्थ के विवाद इस समय अधिक परेशानी देने वाले होंगे. यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों संबंधों में विकास और विस्तार के लिए अभी संघर्ष की जरूरत होगी. नेतृत्व करने में आगे रह सकते हैं. रिश्तों पर काम करने और दूसरों के साथ सामान्य आधार खोजने के लिए खुद को अधिक तैयार करना होगा, यह गोचर संघर्ष या शक्ति संघर्ष के रूप में चुनौतियाँ भी ला सकता है.
सिंह राशि
इस गोचर के दौरान अपनी और दूसरों की ज़रूरतों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अधिक काम करने की जरुरत होगी. परिश्रम में वृद्धि रहेगी. अपने संबंधों में उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए अधिक कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत होगी. भाई बंधुओं की ओर से चिंता अधिक रहने वाली है. कंधे और हाथ में दर्द या खिंचाव रह सकता है. इस समय यह गोचर सामाजिककरण और नए कनेक्शन बनाने के अवसर बढ़ा सकता है.
कन्या राशि
कन्या राशि में विशेष रूप से उन लोगों के लिए समय थोड़ा संभल कर करने वाला होगा जो जिम्मेदारियों का अधिक निर्वाह कर रहे होंगे. समान रुचियों या मूल्यों को साझा करने का समय कम ही मिल पाएगा. वाणी में कठोरता का समय अधिक रह सकता है. खुद को कुछ अलग थलग भी पा सकते हैं. आर्थिक निवेश की स्थिति कमजोर होगी और इस समय अचानक से धन खर्च की मांग भी बढ़ सकती है.
तुला राशि
तुला राशि वालों पर ही मंगल और केतु का असर होने वाला है. अपने आप को कई सारी बातों में उलझा हुआ देख सकता है. काम करने के लिए खुद को अधिक प्रेरित महसूस कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह गोचर रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति में कुछ कमी को दिखाता है इसलिए नए शौक या परियोजनाओं का पता लगाने के लिए आगे रहना महसूस कर सकते हैं, विशेष रूप से वे जिनमें साझेदारी या सहयोग शामिल है. तुला राशि वालों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस गोचर के दौरान अपनी अनिर्णय की प्रवृत्ति और आसानी से विचलित होने की प्रवृत्ति से सावधान रहने की जरुरत होती है.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए मंगल केतु का तुला में होना अभी क्रोध ओर उत्साह की अधिकता को दिखाने वाला होता है. तुला राशि में केतु - मंगल के गोचर का असर विवाद और आगे रहने की प्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी को दर्शाता है. यह गोचर व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ओर ध्यान देने के साथ साथ प्रगत्ति को देने में सहायक होगा. यह गोचर कुछ चुनौतियाँ भी ला सकता है. इनमें संघर्ष या शक्ति संघर्ष शामिल हैं, जिनके लिए सावधानीपूर्वक बातचीत और संचार कौशल की आवश्यकता हो सकती है. इस अवधि के दौरान शांत रहना महत्वपूर्ण है. उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए उनकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उपयोग करना महत्वपूर्ण है. विदेशी मामलों में लाभ की स्थिति मिल सकती है.
धनु राशि
तुला राशि में मंगल का गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से उनके पेशेवर जीवन में कुछ सकारात्मक विकास ला सकता है. यह गोचर करियर में उन्नति या मान्यता के अवसर पैदा कर सकता है. इसलिए, सिंह राशि के लोग खुद को अधिक नेतृत्व वाली भूमिकाएं निभाते हुए पा सकते हैं. मंगल ग्रह की ऊर्जा चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं से निपटने के लिए आवश्यक प्रेरणा भी प्रदान कर सकती है. लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में साहसिक कदम उठा सकते हैं. इस समय पर किसी कानूनी मामलों पर अधिक हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा.
मकर राशि
यह गोचर कुछ चुनौतियाँ भी ला सकता है, जैसे संघर्ष या अधिकार को लेकर विवाद. संघर्ष के साथ अलगाव जैसी बातें परेशानी दे सकती हैं. इस अवधि के दौरान जमीन से जुड़े रहना और ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है. उत्पन्न होने वाले किसी भी संघर्ष को हल करने के लिए उनके करिश्मे और कूटनीति का उपयोग करना महत्वपूर्ण है. अपने प्रेम जीवन में अधिक संतुलन और सामंजस्य की तलाश कर सकते हैं. इस गोचर के दौरान जमीन से जुड़े और खुले विचारों वाले रहें. किसी भी टकराव को हल करने के लिए स्पष्ट रूप से संवाद करना जरूरी होगा.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए मंगल-केतु गोचर महत्वपूर्ण प्रभाव देने वाला होता है. मंगल ऊर्जा, क्रिया का ग्रह और केतु का वहां प्रतिस्पर्धा को लेकर नई चीजें देगा. इस समय के दौरान पर यात्राओं का समय होगा. इस गोचर के दौरान, अधिक आत्मविश्वास और मुखर महसूस कर सकते हैं. अधिक जोखिम लेने और अपने लक्ष्यों को अधिक दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ाने वाले हो सकते हैं. अपने काम में इस समय बहुत अधिक मेहनत की जरुरत होगी. कार्यों में बहुत अधिक आक्रामक या आवेगी न बनने के लिए सावधान रहें, क्योंकि मंगल कभी-कभी इन प्रवृत्तियों को सामने ला सकता है.
मीन राशि
केतु- मंगल के तुला राशि में गोचर का होना मिलाजुला असर हो सकता है. कुछ चुनौतीपूर्ण अवधि हो सकती है. इस गोचर के दौरान अपने रिश्तों में तनाव और संघर्ष का अनुभव हो सकता है, क्योंकि मंगल-केतु व्यक्तित्व का अधिक मुखर और टकराव वाला पक्ष सामने ला सकता है. जीवन में हताशा और अधीरता की भावना भी महसूस कर सकते हैं. अपने खान पान को लेकर सजग रहने की जरुरत होगी.