Category Archives: vedic astrology

मंगल के आत्मकारक होने पर क्या मिल पाती है सफलता

जैमिनी ज्योतिष अनुसार आत्मकारक ग्रह कुंडली में का विशेष ग्रह होता है जो अपने प्रभाव द्वारा कुण्डली के फलों को बदल देने में काफी सक्षम होता है. आत्मकारक ग्रह एक प्रकार से कुंडली में सभी ग्रहों को अपने द्वारा प्रभावित … Continue reading

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शुक्र ग्रह का नकारात्मक एवं खराब प्रभाव क्यों है इतना घातक

शुक्र ग्रह का असर जीवन में कई तरह की भिन्नताओं को दिखाने वाला होता है. शुक्र पर एक बहुत अलग लेकिन व्यावहारिक परिभाषा तब अधिक सप्ष्ट होती है जब ग्रह अपने प्रभावों को दिखाने में सक्षम होता है. शुक्र की … Continue reading

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बुध का आत्मकारक होना वाणिज्य में देता है सफलता

बुध को वैश्य वर्ग का माना गया है, अर्थात व्यापार से संबंधित ग्रह के रुप में बुध को विशेष रुप से देखा जाता है. बुध की स्थिति कुंडली में एक अच्छे वाणिज्य को दर्शाने वाली होती है. बुध एक ऎसा … Continue reading

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शनि का सभी लग्नों पर असर और इससे मिलने वाले प्रभाव

शनि का प्रभाव प्रत्येक लग्न के लिए विशेष होता है. किसी लग्न में शनि बेहद खराब हैं तो किसी के लिए बेहद उत्तम होते हैं वहीं किसी के लिए सम भाव के साथ दिखाइ देते हैं. अब शनि हम पर … Continue reading

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मंगल केतु का एक साथ होना क्यों होता है नकारात्मक

मंगल और केतु यह दोनों ही ग्रह काफी क्रूर माने जाते हैं. इन दोनों का असर जब एक साथ कुंडली में बनता है तो यह काफी गंभीर ओर नकारात्मक प्रभाव देने वाला माना गया है. इन दोनों ग्रहों की प्रकृति … Continue reading

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मेष लग्न के लिए शनि की महादशा का फल

मेष लग्न के लिए शनि की महादशा का समय कार्यक्षेत्र एवं महत्वाकांक्षाओं की स्थिति को प्रभावित करने वाला होता है. मेष लग्न का स्वामी मंगल है और शनि इस लग्न के लिए दशम भाव के साथ एकादश भाव का स्वामी … Continue reading

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सूर्य का छठे भाव में होना शत्रुओं एवं विरोधियों को करता है समाप्त

छठे भाव में सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर विजय दिलाएगा. आप अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ विलय करेंगे और सौहार्दपूर्ण तरीके से एक साथ काम करेंगे. छठे भाव में स्थित सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर … Continue reading

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सूर्य का पंचम भाव में होना बौद्धिकता एवं ज्ञान की अभिव्यक्ति

ज्योतिष में सूर्य सबसे शक्तिशाली ग्रह है, यह हमारे स्वयं को, हमारी समग्र ऊर्जा और हमारे व्यापक अस्तित्व को व्यक्त करने के तरीके को प्रभावित करता है. जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है, तो यह सूर्य … Continue reading

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शुक्र और शनि की युति प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार शुक्र और शनि की युति सभी लाभ देती है और यह युति अनुकूल मानी जाती है. शुक्र और शनि की युति के मध्य में कुछ द्वंद भी देखने को मिल सकता है. यहां विचारों एवं इनकी ऊर्जाओं … Continue reading

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सूर्य दूसरे भाव में जीवन को कैसे करता है प्रभावित

सूर्य की स्थिति का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में बेहद उपयोगी माना गया है. जन्म कुंडली में दूसरे भाव का प्रभाव और यहां सूर्य की स्थिति का होना बहुत अच्छे प्रभाव देने वाला होता है. जन्म कुंडली के दूसरे … Continue reading

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