Category Archives: vedic astrology

स्वाधिष्ठान चक्र | Second Chakra । Sacral Chakr । Swadhisthana Chakra | Second Chakra Location | Chakra

स्वाधिष्ठान, चक्र जननेन्द्रियों या अधिष्ठान त्रिकास्थि में स्थित होता है. स्वाधिष्ठान को द्वितीय चक्र स्वाधिष्टान, सकराल, यौन, द्वितीय चक्र नामों से भी संबोधित किया जाता है. यह मूलाधार के पश्चात द्वितीय स्थान पाता है जिस कारण इसे द्वितीय (दूसरा) चक्र … Continue reading

Posted in jyotish, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

जानिए, दशमी तिथि का महत्व और इसमें किए जाने वाले कार्य

सूर्य अपने अंशों से जब 12 अंश आगे जाता है, तो एक तिथि का निर्माण होता है. इसके अतिरिक्त सूर्य से चन्द्र जब 109 अंशों से लेकर 120 अंश के मध्य होता है. उस समय चन्द्र मास अनुसार शुक्ल पक्ष … Continue reading

Posted in hindu calendar, jyotish, panchang, vedic astrology | Tagged , , , , | Leave a comment

बृहस्पतिवार व्रत कथा | Guruvar Vrat Katha in Hindi | Thursday Fast Story in Hindi – Brihaspati Deva Katha

बृहस्पतिवार (गुरुवार व्रत) कथा | Thursday Story प्राचीन समय की बात है– एक बड़ा प्रतापी तथा दानी राजा था, वह प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखता एवं पून करता था. यह उसकी रानी को अच्छा न लगता. न वह व्रत करती … Continue reading

Posted in jyotish, rituals, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

ऋषि अत्रि का ज्योतिष में योगदान

ज्योतिष के इतिहास से जुडे 18 ऋषियों में से एक थे ऋषि अत्रि. एक मान्यता के अनुसार ऋषि अत्रि का जन्म ब्रह्मा जी के द्वारा हुआ था. भगवान श्री कृष्ण ऋषि अत्रि के वंशज माने जाते है. कई पीढीयों के … Continue reading

Posted in jyotish, saint and sages, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

प्रथम भाव-लग्न भाव क्या है.| Lagna Bhava Meaning | First House in Horoscope | Ist House in Indian Astrology

भारतीय हिन्दू वैदिक ज्योतिष में प्रथम भाव को कई नामों से जाना जाता है. इस भाव को लग्न भाव, केन्द्र भाव व त्रिकोण भाव भी कहा जाता है.  लग्न भाव कुण्डली का बल होता है. और अन्य सभी भावों की … Continue reading

Posted in jyotish, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

होरा की गणना तथा उपयोग | Calclation and Uses of Hora

जिस दिन और जिस समय जातक ने प्रश्न किया है उस दिन की होरा ज्ञात करेंगें. होरा जानने के बाद यह तय करेंगें कि प्रश्न के समय किस ग्रह की होरा चल रही थी. जिस ग्रह की होरा चल रही … Continue reading

Posted in jyotish, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

क्या पुखराज रत्न मेरे लिये अनुकुल रहेगा? | Is Pukhraj Stone Good for Me (Can I Wear Yellow sapphire)

गुरु रत्न पुख्रराज, गुरुरत्न, पुष्पराग, गुरुवल्लभ, वचस्पति वल्लभ, पीतमणी के नाम से भी विख्यात है. इस रत्न को धारण करने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुदृढ होती है. यह रत्न व्यक्ति को संतान, संपति और ऎश्वर्य के साथ साथ ज्ञान … Continue reading

Posted in gemstones, jyotish, vedic astrology | Tagged , , , | Leave a comment

मंगलवार व्रत विधि -विधान । मंगलवार व्रत कैसे करें । Tuesday Fast

मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, पुरुषार्थ और साहस में बढोतरी के लिये किया जाता है. इस व्रत को करने से उपवासक को सुख- समृ्द्धि की प्राप्ति होती है. यह व्रत उपवासक को राजकीय पद भी देता है. सम्मान और संतान … Continue reading

Posted in jyotish, rituals, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

भेरी,पुष्कल,विरांची, शुभाचारी,कालसर्प,अखण्ड सम्राज्य योग | How is Bheri Yoga Formed | Pushkal Yoga | Viranchi Yoga | Shubhachari Yoga | Kalsarp Yoga | Akhandh Samrajya Yoga

भेरी योग भेरी योग में लग्नेश, शुक्र, ग्रुरु एक-दूसरे से केन्द्र में और नवमेश बली हो या शुक्र, बुध के पहले, दुसरे, सातंवे या बारहवें भाव में युति और दशमेश बली. यह योग व्यक्ति को दीर्घायु बनाता है. यह योग … Continue reading

Posted in astrology yogas, jyotish, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment

पितामह सिद्धान्त | Pitahma Siddhanta – History of Astrology | Pitahma Siddhanta Description

सिद्धान्त, संहिता और होरा शास्त्र ज्योतिष के तीन स्कन्ध ज्योतिष की तीन भाग है. इसमें भी सिद्वान्त ज्योतिष सर्वोपरि है. सिद्वान्त ज्योतिष को बनाने में पौराणिक काल के उपरोक्त 18 ऋषियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इन सभी ऋषियों … Continue reading

Posted in jyotish, saint and sages, vedic astrology | Tagged , , | Leave a comment