राहु एक ऎसा छाया ग्रह है जो अपनी शक्ति के द्वारा किसी भी ग्रह को प्रभावित कर पाने में सक्षम होता है. यह एक ऎसा ग्रह है जिसका असर व्यक्ति के जीवन में उन घटनाओं को लाने के लिए जिम्मेदार होता है जिनके होने पर जीवन में हर ओर बदलाव की स्थिति देखने को मिलती है. राहु में शक्ति है और भ्रम का मायाजाल है जिसके द्वारा वह कुछ भी घटित कर सकता है ये गुण अन्य किसी ग्रह में नहीं है. राहु जब किसी राशि में मेल करता है तो वह उस राशि के गुण अपने आप में समावेश कर लेता है. राहु के ये गुण दूरगामी असर डालते हैं और राशियों के अनुरुप इनका प्रभाव भी अत्यंत ही सघन रुप में पड़ता है. राहु वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण छाया ग्रह है. एक खगोलीय दृष्टिकोण से, राहु को चंद्रमा के उत्तरी नोड के रूप में जाना जाता है. जहां चंद्रमा का उत्तर की ओर का मार्ग पृथ्वी के क्रांतिवृत्त तल को काटता है वहीं राहु बन जाता है.
राहु के मेष राशि में होने का प्रभाव
मेष राशि में राहु का होना वैसे कई मायनों में काफी क्रियात्मक हो सकता है. मेष राशि क्रियाशील राशि है, जिसमें ऊर्जा का विशाल स्त्रोत होता है. जो एक जगह रुकना पसंद नहीं करती है. जिसमें साहस है निडरता है भय से मुक्त है. मेष राशि वाले आमतौर पर साहसी होते हैं और जीवन में बहुत जोखिम उठाना पसंद करते हैं. जोखिम उठाने की यह कुशलत और उन्हें कई मायनों में बेहतर परिणाम दिलाने में सक्षम हो सकती है. मेष राशि वालों में खुद का भाग्य बनाने की कलाभी होती है बस जरुरी है की वह इस बात पर ध्यान दें.
अब जब राहु इस राशि में होता है तो वह व्यक्ति के भीतर गजब का जुनून दे सकता है. राहु वाले लोग आमतौर पर बहुत भाग्यशाली हो सकते हैं क्योंकि जोखिम उठाना उनके लिए ज्यादातर समय फायदेमंद साबित हो सकता है. इनमें उतावलापन भी होता है, पर इस कारण कुछ खराब तो कुछ अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं. इनके भीतर की तीव्रता प्रेम के लिए बहुत अवसर देने वाली हो सकती है. अपनी व्यवहार कुशलता में निपुण होते हैं लेकिन क्रोध एवं जिद के चलते संघर्ष भी देखते हैं. मेष राशि में राहु व्यक्ति को किसी भी परेशानी से खुद को बचाने का भाव भी देता है. मेष राशि में राहु आत्म-विश्वास और एक प्रगतिशील स्वभाव को प्रदान करने वाला होता है. इस राशि के लोगों में स्वतंत्र होने की इच्छा बहुत होती है. इनके भीतर कुछ नया ओर अलग कर दिखाने की चाह भी खूब होती है. अपने विचारों द्वारा दुनिया को बदल देने की चाह रखते हैं. विचारों पर टिके रहना चाहते हैं लेकिन बदलावों के चलते ऎस होना मुश्किल दिखाई देता है.
मेष राशि में राहु के लक्षण
मेष राशि में राहु का होना व्यक्ति के भीतर कई तरह की चीजों को दर्शाता है. कुंडली में राहु का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि वह मेष राशि के साथ किस भाव में स्थित है. इसके अलावा अन्य ग्रहों के साथ-साथ अन्य कारकों के संबंध में इसकी स्थिति विभिन्न प्रकार के असर दिखाने वाली होती है. व्यक्ति स्वयं संचालित होता है वह दूसरों के कहे से अधिक स्वयं के द्वारा काम करना पसंद करता है. व्यक्ति अपने उद्देश्यों के लिए अत्यधिक प्रेरित होता है. जीवन का आनंद लेना पसंद करता है. जो चाहेगा उसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने को तैयार रहने वाला होगा.
मेष राशि में पहले भाव में
पहले घर में शारीरिक बल देने वाला होगा. धनवान बना सकता है. रोमांटिक संबंध कमजोर हो सकते हैं. क्रूर प्रवृत्ति दे सकता है ओर विवाद में अधिक उलझा सकता है. जीवन में कठोर कार्यों रोमांच में अधिक शामिल रख सकता है.
मेष राशि में दूसरे भाव में
आर्थिक रुप से खर्चों की अधिकता देता है. घर से दूर ले जा सकता है. परंपराओं से अलग कर सकता है. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत देने वाला होता है.
मेष राशि में तीसरे भाव में
तीसरा घर भाई-बहनों, साहस और साहित्यिक कार्यों का प्रतीक है इस घर में राहु का मेशः में होना साहसिक बनाता है. भाई बहनों के साथ विवाद या अलगाव दे सकता है. दृढ़ निश्चयी और आत्मविश्वासी बनाता है.
मेष राशि में चौथे भाव में
यहां राहु पारिवारिक संबंधों में कष्ट दे सकता है. घर से दूर जाने और निवास बनाने वाला हो सकता है. सुख में सदैव किसी न किसी कारण से कमी को दर्शाने वाला होता है.
मेष राशि में पांचवें भाव में
मेष राशि में पांचवें घर में राहु व्यक्ति को चतुर और आप बुद्धिमान बनाता है. उत्सुक शिक्षार्थी की तरह हर चीज को समझने जानने की इच्छा उसमें रहती है.
मेष राशि में छठे भाव में
छठे में मेष राशि में बैठा राहु साहसी बनाता है. व्यक्ति कई शत्रुओं का सामना करने में सक्षम होता है. विजयी भी होता है. स्वास्थ्य समस्याएं देता है लेकिन सुधार भी देता है.
मेष राशि में सातवें भाव में
मेष राशि में सप्तम भाव पर राहु जीवनसाथी, वैवाहिक सुख को कमजोर कर सकता है. अतिरिक्त यौन संबंधों को प्रदान करने वाला होता है.
मेष राशि में आठवें भाव में
शारीरिक या मानसिक रूप से परेशानी दे सकता है. संतान का सुख प्रभावित करता है. रोग प्रभाव डाल सकते हैं.
मेष राशि में नवम भाव में
नवम भाव में मेष राशि में बैठ कर निड़र बनाता है. धर्म के विपरित काम करवा सकता है. नैतिकता के प्रति अलग सोच देता है. भाई बंधुओं से विवाद दे सकता है.
मेष राशि में दशम भाव में
राहु का मेष राशि में दसवें घर में होना पिता के सुख को प्रभावित कर सकता है. करियर और प्रतिष्ठा भी प्रभावित होती है. मेहनती और निडर बनता है.
मेष राशि में एकादश भाव में
एकादश भाव में मेष राशि में राहु का होना लाभ, आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायक होता है. मित्रता का प्रतीक बनता है.
मेष राशि में बारहवें भाव में
बारहवां भाव में मेष राशि में होने पर हानि, दुर्भाग्य का प्रतीक बन सकता है. कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.