मंगल का आर्द्रा नक्षत्र प्रवेश क्यों होता है विशेष

मंगल जब मिथुन राशि में होता है तब आर्द्रा में जाता है. मंगल का आर्द्रा नक्षत्र में जाना दो शक्तिशाली तत्वों का एक साथ होने का योग बनता है. आर्द्रा नक्षत्र में मौजूद होने के कारण मंगल व्यक्ति को कड़ी मेहनत करके लाभ प्राप्त करने की शक्ति, देता है. आर्द्रा नक्षत्र परिवर्तन और विनाश के लिए खड़ा है और मंगल यहां पर होने से इन गुणों को वृद्धि मिलती है. यह नक्षत्र अवचेतन में छुपी पिछले जीवन की कुछ अपूर्ण इच्छाओं को दर्शाता है. मंगल का होना उन चीजों की पूर्ति के लिए प्रयास को दर्शाता है.

आर्द्रा नक्षत्र राहु द्वारा शासित है, और मंगल के साथ इस का संबंध शत्रुतापूर्ण देखने को मिल सकता है. इसके देवता रुद्र हैं जो  मंगल के साथ सकारात्मक मेल का असर भी दिखाता है. इस नक्षत्र में भगवान रुद्र और शिव की विनाशकारी क्षमता भी होती है. इस नक्षत्र में मंगल का होना  भावनाओं को बढ़ाता है. इसमें मंगल का होना व्यक्ति के स्वभाव में तेजी से होने वाले बदलाव दिखा सकता है.

व्यक्ति या तो बहुत खुश रहेगा या बहुत गुस्से में दिखाई दे सकता है. व्यक्ति को भावनाएं संतुलित करने में मुश्किल हो सकती है. बहुत खोजी और मेहनत करने की प्रवृत्ति भी इनमें होती है. अपने लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करते हैं. 

आर्द्रा नक्षत्र एक संवेदनशील नक्षत्र है जो संवेदनशीलता और भावना से जुड़ा है. नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति को सत्यवादी, दयालु और मजबूत संचार की कुशलता देता है. 

आर्द्रा नक्षत्र में मंगल का अंशात्मक प्रभाव 

आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में 6:40 – 20:00 तक रहता है, यहीं पर मंगल का प्रभाव इस पर पड़ता है. आर्द्रा नक्षत्र का अर्थ है नम या गीलापन, यह कई मायनों में कोमल, स्थिर, मजबूत,  बहुत त्याग करने वाले, व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन जीवन में  बीमारी, भय और क्रोध का शिकार भी अधिक होता है. 

आर्द्रा नक्षत्र में मंगल का होना व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने जैसा होता है. व्यक्ति अपने काम को परिश्रम से करता चीजों को एक जिम्मेदार तरीके से करता है. लोगों को अपनी बातों एवं कार्यों से मंत्र मुग्ध करने की क्षमता रखता है. व्यक्ति का अंतर्ज्ञान तेज होता है. एक अच्छे मनोवैज्ञानिक या फिर खोज करता के रुप में भी स्थान पाता है. दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ, वह एक सौहार्दपूर्ण तरीके से व्यवहार करने वाला होता है. अवसरों में आगे बढ़ना और लोगों के प्रति कृतज्ञ होने की सक्षमता भी उसमें होती है कई तरह के समाजिक कार्यों में भी शामिल रहता है. 

कार्यक्षेत्र एवं सफलता पर इसका असर 

आर्द्रा नक्षत्र में जब मंगल होता है तो व्यक्ति सामान्य ज्ञान की एक अच्छी समझ होती है. चीजों को प्राप्त करने की क्षमता होती है. उसकी याददाश्त अच्छी होती है. वह दयालु और शांतचित्त भी होता है लेकिन दबाव में विद्रोह के लिए आगे बढ़ता है. कठिनाइयों के समय भी वह अपनी सक्षमता बनाए रख सकता है. वह किसी एक प्रकार के काम से चिपके रहना पसंद नही करता है. एक साथ कई तरह के काम में निपुणता हासिल कर सकता है.  अपने सहकर्मियों की राय का सम्मान करता है, भले ही वे उससे सहमत न हो लेकिन ऊपरी तौर पर उन्हें ये जताता नहीं है.  काम के लिए घर से दूर, या शायद विदेशों में भी बस सकता है. 

पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य 

आर्द्रा नक्षत्र में मंगल का होना व्यक्ति को रिश्तों में उतार-चढ़ाव की स्थिति दिखाने वाला होता है. व्यक्ति अपने रिश्ते को लेकर असुरक्षित महसुस कर सकता है प्रेम में निराशा का भाव मिल सकता है व्यर्थ के मुद्दे परेशान लरने वाले होते हैं. वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं. व्यक्ति स्वयं के कष्टों को दूसरों के सामने अधिक उजागर नहीं करता है. स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ बीमारियों से ग्रसित होने की संभावना रह सकती है. हृदय, रक्त विकार एवं दांत की समस्याओं से सावधान रहने की आवश्यकता होती है. 

आर्द्रा नक्षत्र में मंगल के प्रवेश का नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव

यदि मंगल आर्द्रा नक्षत्र में हो तो धन के लिए अधिक क्रियाशील रह सकता है. व्यवसाय में कुशल होता है, कानूनी मामलों में सफलता को पाता है.  आर्द्रा नक्षत्र में मंगल की उपस्थिति के कारण जातक सज्जन, धन से सुखी, समाज और  प्रतिष्ठित,  कुशल, एवं शास्त्रों का ज्ञाता भी बनाती है. लोग क्रय-विक्रय में तो निपुण होते हैं, व्यापार-व्यवसाय के विशेषज्ञ होते. प्रेम संबंधों की अधिकता देखने को मिल सकती है. 

आर्द्रा नक्षत्र के 1 पद में मंगल 

इस चरण में जातक अच्छा खाने वाला और पीने की चीजों का शौकीन होगा जिसके कारण कई बार ऐसे लोग शराब भी ले आते हैं. जातक बलवान, लड़ाई-झगड़ों में आगे, भाग्यवान, वाहनों का शौकीन आदि होता है. जातक अपने जीवन में एक पथ पर चलने वाला होता है.

आर्द्रा नक्षत्र के 2 पद में मंगल  

इस अवस्था में व्यक्ति दूसरों के धन पर अधिक नजर रख सकता है. कार्यों में कुछ कठोर हो सकता है. व्यर्थ के मुद्दों में वह फंस सकता है. आपसी सहमती की कमी उसके जीवन को परेशान कर सकती है. अभिमान एवं क्रोध के कारण मुश्किल स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. दूसरों में दोष देखता है, दूसरों को परेशान करता है, गुप्त रोगों से पीड़ित हो सकता है. प्रेम संबंधों में असंतुष्ट रहता है, विदेशी भूमी पर अच्छा लाभ पाता है. 

आर्द्रा नक्षत्र के 3 पद में मंगल का  

इस अवस्था में व्यक्ति अधिक क्रोधी हो सकता. अपने विपरित लिंग के लोगों के साथ मतभेद भी अधिक रह सकते हैं. बातूनी ज्यादा होता है, मेहनती होता है. सरकार के हित में कार्य करने के कारण जातक दूसरे देशों में रहता है.

आर्द्रा नक्षत्र के 4 पद में मंगल  

इस चरण में व्यक्ति स्नेही, अनुशासन प्रिय, मजबूत, बहादुर और शांत, लेकिन क्रोधी होता है. किसी भी विषय का अच्छा ज्ञाता हो सकता है. शास्त्र में उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करता है. मोटापे की समस्या परेशानी दे सकती है. स्वास्थ्य को लेकर अधिक सजग रहना होता है. आर्द्रा नक्षत्र में मंगल की उपस्थिति के कारण व्यक्ति अनुशासित होता है, अनुशासन की कमी देखकर परेशान होता है. बलवान, साहसी होता है 

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