कुंडली में मेडिकल लाइन से संबंधित शिक्षा और नौकरी कैसे देखें

अपने करियर में जब कोई व्यक्ति चिकित्सा से जुड़े कार्य को चुनता है तो ऎसा होना उसकी कुंडली के कुछ विशेष योगों के द्वारा ही संभव हो पाता है. आज के समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इतनी अधिक शाखाएं हैं जिन्हें लेकर कई तरह के ज्योतिष नियम काम करते हैं. विशेष रुप से चिकित्सा का कार्य एक ऎसा काम है जिसमें हृदय की मजबूती के साथ भावनाओं पर नियंत्रण का अच्छा योग होना जरुरी है. एक डाक्टर के कार्य को कर पाना आसान नहीं होता है इसमें जल्दी से फैसले लेने ओर उचित निर्णयों के साथ आगे बढ़ना आवश्यक शर्त होती है. अब ऎसे में एक उत्कृष्ट बौद्धिक एवं साहसिक दिल और दिमाग के साथ ही ऎसे काम हो पाते हैं. 

यह वास्तव में आपके जन्म पर आपकी ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है जो आपके चिकित्सा करियर को निर्धारित करता है. कुछ राशियों में कुछ लक्षणों के कारण चिकित्सक बनना तय दिखाई देता है. कई सारे नियम मिलकर ज्योतिष के क्षेत्र में व्यक्ति को सफलता दिला सकते हैम ओर कुछ ग्रह इस संदर्भ में कमाल का कार्य कर सकते हैं. आईये जानते हैं कि चिकित्सा क्षेत्र में कौन से योग सफलता दिला सकते हैं.

चिकित्सा करियर के लिए विशेष ग्रह

कुछ ग्रहों का प्रभाव चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष असर देने वाला होता है. इन सभी में सूर्य और बृहस्पति को विशेष स्थान प्राप्त होता है. सूर्य और बृहस्पति का योग एक चिकित्सक के रूप में करियर के लिए आशाजनक माना जाता है. इन दोनों ग्र्हों को वैद्य के रुप में भी जाना जाता है. अब इसके अतिरिक्त मंगल, चंद्रमा का प्रभाव साहस एवं भावना के क्षेत्र में काम करता है. इन ग्रहों के द्वारा व्यक्ति के डाक्टरी पेशे में जाने की अच्छे संभावनाएं दिखाई देती हैं.

सर्जनों के लिए मंगल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसी के साथ सर्जन डॉक्टर के लिए शुक्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इन ग्रहों के अलावा, सूर्य, बृहस्पति और चंद्रमा भी एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. बृहस्पति एक कारक है जो किसी व्यक्ति को ठीक से उपचार करने के लिए ज्ञान की शक्ति देता है. डॉक्टर बनने के लिए चंद्रमा को पीड़ित होना चाहिए या बृहस्पति पर अशुभ प्रभाव पड़ना चाहिए. यह योग एक व्यक्ति को रोगियों को ठीक करने के लिए मजबूत माना जाता है. सूर्य वह जो आत्मा को दर्शाता है, और यह रोगियों को ठीक करने और जीवन देने की क्षमता को दर्शाता है. एक सफल चिकित्सक बनने के लिए सूर्य का मजबूत स्थान में, वृश्चिक या धनु राशि में होना अच्छा होता है. शुक्र का ज्ञान इतना व्यापक है कि मृत व्यक्ति को ठीक करने का अधिकार देता है, और मंगल व्यक्ति को रक्त को संभालने और चीजों से निपटने का अधिकार देता है. तो इन ग्रहों की स्थिति को  कुंडली में देखने की आवश्यकता होती है.

चिकित्सा की कौन सी फील्ड में मिलेगी सफलता है

जब ग्रहों का योग देखा जाता है तब अन्य ग्रहों का सहयोग भी इसमें काम करता है. एक डॉक्टर का क्षेत्र कई चीजों से संबंधित होता है. अब आप इस क्षेत्र में कौन सी जगह अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं ये बातें अन्य ग्रहों के एवं योगों के द्वारा संभव होता है. यदि जन्म कुंडली में सूर्य और बृहस्पति की युति में शनि भी शामिल होता है तो होम्योपैथी का क्षेत्र व्यक्ति के लिए एक अच्छा क्षेत्र हो सकता है.

आपकी जन्म कुंडली के चौथे, पांचवें और दसवें भाव में राहु और केतु की स्थिति एक चिकित्सा करियर का संकेत देती है. यह आपके पांचवें घर में जितना अधिक प्रमुख होगा, डॉक्टर बनने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. दरअसल, पंचम भाव जातक की बुद्धि का द्योतक होता है इसलिए ग्रहों की युति आपके लिए मार्ग प्रशस्त करेगी. सूर्य का मकर या कुंभ राशि में होना समान रूप से अनुकूल माना जाता है. कुंडली में चंद्रमा और मंगल का योग मजबूत है तो ज्योतिष के अनुसार यह एक और महत्वपूर्ण कारक बनता है.

डॉक्टर से जुड़े करियर में किन भावों का होना आवश्यक है

पंचम भाव शिक्षा और बुद्धि को प्रदर्शित करता है.

दशम भाव नौकरी करियर, स्थिति, उपलब्धियों और मान्यता को दर्शाता है. 

द्वितीय भाव, नवम भाव और एकादश भाव सहायक भाव बनते हैं और बृहस्पति, सूर्य, चंद्रमा, मंगल या शुक्र का इन भावों और राशियों के साथ मजबूत संबंध होना चाहिए. डॉक्टर बनने के लिए इन भावों में ग्रहों की स्थिति मजबूत होनी चाहिए. 

सर्जन बनने के लिए ग्रहों की युति

मंगल, सूर्य और शनि की ग्रह स्थिति महत्वपूर्ण है और इसी से मंगल सर्जन बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एक सफल सर्जन बनने के लिए सूर्य और मंगल का वृश्चिक राशि में दशम भाव में एक साथ होना चाहिए. यदि मंगल कर्क राशि में हो, शनि तुला राशि में हो तो सर्जन भी बन सकता है. लेकिन दोनों ग्रह केंद्र स्थान में हों जो पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर में हों. जब लग्न से दशमेश मेष या वृश्चिक नवमांश में हो या चंद्रमा मेष या वृश्चिक नवमांश में हो, तो व्यक्ति एक सफल सर्जन हो सकता है.

डॉक्टर ऑफ मेडिसिन के लिए ग्रहों की युति

पंचम भाव या दशम भाव का स्वामी छठे या बारहवें भाव के स्वामी से जुड़ा हुआ हो. दृष्टि या स्थिति के कारण हो सकता है. पंचम भाव, दशम भाव, लग्न भाव के स्वामी के साथ बृहस्पति का प्रबल प्रभाव होना चाहिए. चन्द्रमा को पीड़त होना चाहिए. चंद्रमा और सूर्य छठे, आठवें या बारहवें भाव में होने चाहिए या इन भाव के स्वामियों के साथ संबंध होना चाहिए. मंगल ग्रह से चंद्रमा और सूर्य का प्रभाव होना चाहिए. सूर्य और शनि एक दूसरे के साथ हों या दृष्टि से संबंधित हों. सूर्य और शनि के बीच योग परिवर्तन को डॉक्टर से जुड़े करियर के लिए अच्छा माना जाता है. 

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