इस वर्ष सूर्य ग्रहण का समय 20 अप्रैल, 14 अक्टूबर अक्तूबर 2024 को सूर्य ग्रहण का समय होगा.
भारत में इनमें से कोई भी सूर्य ग्रहण दृष्य नहीं होगा.
यह सूर्य ग्रहण अन्य देशों में दिखाई देगा.
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सूर्य ग्रहण से कुछ समय पहले ही सूर्य की रोशनी हल्की पडनी शुरु हो जाति है. आकाश में चारों और हल्की-हल्की लहरें,
इस समय में नजर आ सकती है. खगोल अर्थशास्त्रियो का ऐसा मानना हैं कि इन ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी, सूर्य और चंद्र पर
ही नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर पडता हैं.
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अन्य देशों के लिये सूर्य ग्रहण का आध्यामित्क महत्व न होकर वैज्ञानिक महत्व विशेष रुप से है. वैज्ञानिकों के लिये यह दिन किसी बडे
उत्सव से कम महत्व नहीं रखता है. इस दिन वैज्ञानिकों को शोध करने के नवीन अवसर प्राप्त
होते है. कई बार लम्बे समय तक ऎसे समय का इन्तजार करते है
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सूर्य ग्रहण का उल्लेख हमारे प्राचीन शास्त्रों में भी मिलता है. प्राचीन काल में हमारे पूर्वज
सूर्य ग्रहण काल की गणना करने में समर्थ थे. सूर्यग्रहण की घटना को सामान्यत: राजा
और राज्य की कुशलता के पक्ष से शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य ग्रहण से सता परिवर्तन
की घटनाओं की जानकारी प्राचीन
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सूर्य ग्रहण हो या फिर चन्द्र ग्रहण सभी के कारक पृ्थ्वी, सूर्य व चन्द्रमा ही होते
है. चन्द्र के फलस्वरुप सूर्य के प्रकाश में कमी सूर्य ग्रहण कहलाता है. यह अवधि कुल
मिलाकर उतने ही समय के लिये होती है जितने समय के लिये सूर्य की किरणें चन्द छाया के
फलस्वरुप पृ्थ्वी तक नहीं पहुंच पाती है. ग्रहण का प्रभाव सभी सजीव जीवों पर पडता है