वर्ष 2024 में 8 मार्च के दिन होली रंगोत्सव मनाया जाएगा. इस होली को धुलैण्डी के
नाम से भी जाना जाता है. होली का त्योहार मस्ती और रंग का पर्व है. यह पर्व बंसत
ऋतु से चालीस दिन पहले मनाया जाता है. सामान्य रुप से देखे तो होली समाज से
बैर-द्वेष को छोडकर एक दुसरे से मेल मिलाप करने का पर्व है.
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14 जनवरी के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है. मकर
संक्रान्ति के दिन से मौसम में बदलाव आना आरम्भ होता है. यही कारण है कि रातें छोटी
व दिन बडे होने लगते है. सूर्य के उतरी गोलार्ध की ओर जाने बढने के कारण ग्रीष्म ऋतु
का प्रारम्भ होता है. मकर संक्रान्ति के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भर कर तिलों
का प्रयोग किया जाता है.
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सूर्य ग्रहण से कुछ समय पहले ही सूर्य की रोशनी हल्की पडनी शुरु हो जायेगी. आकाश में चारों और हल्की-हल्की लहरें,
इस समय में नजर आ सकती है.
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14 April, 2024 Vaisakhi भारत की संस्कृति में अनेक राज्य,
अनेक धर्म, अनेक भाषाएं, अनेक रीति-रिवाजों को मानने वाले लोग एक साथ रहते है. अनेक
संस्कृतियों का एक साथ रहना, हमें विश्व में एक नई पहचान देता है.
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शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी
तिथि का दिन नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता है. इसके अलावा भी प्रत्येक माह की पंचमी
तिथि के देव नाग देवता ही है.
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वैशाख संक्रांति में सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. वैशाख संक्रान्ति 14 अप्रैल 2022, को बृहस्पतिवार के दिन प्रात:काल को
08:39 मिनिट पर आरंभ होगी. शुभ मुहूर्त्ति इस संक्रान्ति के स्नान दान आदि का पुण्यकाल का समय दोपहर
15:03 तक रहेगा.
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भारतीय हिन्दू शास्त्रों में उपवास की विशेष महिमा मानी गई है. शास्त्रों में मानसिक
शान्ति-सुख- समृद्धि और मनोकामनाओं कि पूर्ति के लिये उपवास करने की मान्यता है.
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रक्षा बंधन का पर्व एक ऎसा पर्व है, जो धर्म और वर्ग के
भेद से परे भाई - बहन के स्नेह की अट्टू डोर का प्रतीक है. बहन द्वारा भाई को राखी
बांधने से दोनों के मध्य विश्वास और प्रेम का जो रिश्ता बनता है.
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आश्चिन मास का शुक्ल पक्ष अपने साथ शुभ नवरात्रे लेकर आता
है. नवरात्रि उपवास के समाप्त होते ही दशमी तिथि में दशहरा पूरे भारत वर्ष में बडी धूमधाम से
मनाया जाता है.
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वर्ष 2022 के शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर, आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होगें.
इस दिन चित्रा नक्षत्र, प्रतिपदा तिथि के दिन शारदीय नवरात्रों का पहला नवरात्रा होगा.
माता पर श्रद्धा व विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के लिये यह दिन विशेष रहेगा.
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श्री महालक्ष्मी पूजन व दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण
पक्ष की अमावस्या में प्रदोष काल, स्थिर लग्न समय में मनाया जाता है.
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बसन्त पंचमी का पर्व माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के
दिन मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 26 जनवरी, 2024 में मनाया जायेगा. बसन्त पंचमी के
दिन भगवान श्रीविष्णु,
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श्री महालक्ष्मी पूजन व दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण
पक्ष की अमावस्या में प्रदोष काल, स्थिर लग्न समय में मनाया जाता है.
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शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देव कहा गया है. शिवरात्रि पर्व त्रयोदशी तिथि, फाल्गुन
मास, कृष्ण पक्ष की तिथि को प्रत्येक वर्ष किया जाता है.