सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना ”संक्रांति ” कहलाता है और सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने को मीन संक्रांति कहते हैं. पंचांग के अनुसार सूर्यदेव 14 मार्च को कुंभ राशि की यात्रा समाप्त करके मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं.ज्योतिष मान्यता के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य सभी बारह राशियों में भ्रमण करते हैं और एक राशि में करीब एक माह रुकते हैं. इस तरह सूर्य देव एक साल में सभी बारह राशियों का एक चक्कर पूरा कर लेते हैं. सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना ‘संक्रांति कहलाता है और सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने को मीन संक्रांति कहते हैं.
मीन संक्रांति से होता है खर मास आरंभ
सौर पंचांग के अनुसार सूर्यदेव 14 मार्च को कुंभ राशि की यात्रा समाप्त करके मीन राशि में प्रवेश कर देते हैं उसके बाद मेष राशि में चले जाएंगे. मीन राशि में सूर्य के प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाता है. राशि परिवर्तन के साथ ही मांगलिक कार्यों पर भी विराम लग जाएगा. जब सूर्य मीन राशि में गोचर करते हैं तो बृहस्पति की शक्ति को भी प्रभावित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ही जनमानस मांगलिक कार्यों को करने से परहेज करता है. इस अवधि में धार्मिक अनुष्ठान यानी पूजा-पाठ, हवन और तीर्थ यात्रा आदि तो किए जा सकते हैं लेकिन किसी भी तरह के मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है.
मीन संक्रांति 2024, सूर्य का कुंभ राशि से मीन राशि में संक्रमण, एक शुभ दिन है जब भगवान सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में अपना स्थान बदलते हैं. लोग धार्मिक गतिविधियाँ करते हैं, पवित्र स्नान करते हैं, और दान-पुण्य करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और ध्यान का अभ्यास करते हैं.
मीन संक्रांति 2025 में कब है?
मीन संक्रांति 2025 में 14 मार्च को मनाई जाएगी. सूर्य जब कुंभ राशि से मीन राशि में अपना स्थान बदलता है, तो इसे मीन संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है. यह विभिन्न धार्मिक गतिविधियों को करने के लिए एक शुभ दिन है. राशि चक्र के एक राशि से दूसरे राशि में सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है.
मीन संक्रांति 2025: तिथि और समय
मीन संक्रांति 14 मार्च 2024 को मनाई जाएगी .
मीन संक्रांति पुण्य काल – 14 मार्च 2025 – 12:30 पी एम से 06:29 पी एम
मीन संक्रांति महा पुण्य काल – 14 मार्च 2025 -04:29 पी एम से 06:29 पी एम
मीन संक्रांति क्षण – 14 मार्च 2024 – 06:59 पी एम
मीन संक्रांति 2025: महत्व
मीन संक्रांति वह समय है जब भगवान सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करते हैं. यह दिन फाल्गुन माह में आता है और इस दिन लोग पूजा, उपासना जैसे विभिन्न धार्मिक कार्य करते हैं, प्रार्थना करते हैं और गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है. दान-पुण्य किया जाता है, ब्राह्मणों को दक्षिणा दी जाती है और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. मीन संक्रांति, जो सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत को दर्शाती है, उत्तरी गोलार्ध के लंबे दिन और छोटी रातों की ओर बदलाव की शुरुआत है. इसे कुछ स्थानों में मेल-मिलाप, मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ इस दिन को जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
मीन संक्रांति पर क्या करें?
मीन संक्रांति के दिन कुछ कार्यों को करना बहुत आवश्यक होता है. मीन संक्रांति पर सूर्योदय के समय पवित्र नदियों में पवित्र स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे लोग पापों से मुक्त हो सकते हैं और इससे आत्मा शुद्ध होती है. लोग गंगा, यमुना, शिप्रा, नर्मदा और गोदावरी में पवित्र स्नान कर सकते हैं. इस दिन दान का अपना बहुत महत्व है. भक्तों को भोजन और कपड़े दान करने चाहिए इससे जीवन में समृद्धि आती है. माना जाता है कि ऎसा करने से प्रभु का आशीर्वाद मिलता है और दुख दर्द दूर होते हैं.
इस शुभ दिन पर भक्तों को भगवान सूर्य को समर्पित मंत्रों का जाप करना चाहिए और भगवान सूर्य को नमन करना चाहिए. लोगों को ध्यान और योग या अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए. इससे मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होती है. लोगों को हवन या यज्ञ भी करना चाहिए और मीन संक्रांति के दिन गायत्री यज्ञ करना शुभ माना जाता है. इससे पितृ दोष दूर करने में मदद मिल सकती है. यह दिन भगवान सूर्य को जल या अर्घ्य देने के लिए शुभ माना जाता है. लोगों को सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए और सूर्य देव के प्रति भक्ति व्यक्त करनी चाहिए.
मीन संक्रांति पर राशि के अनुसार दान करें
मंगल मेष राशि का स्वामी है, इसलिए मेष राशि के लोगों को मीन संक्रांति के दिन तिल, गेहूं, गुड़ और मसूर की दाल का दान करने से पुण्य मिलेगा.
शुक्र वृषभ राशि का स्वामी है, इसलिए वृषभ राशि के लोगों को मीन संक्रांति के दिन गरीबों को दूध, दही, आटा और पैसे दान करने चाहिए. इससे सुख और समृद्धि बढ़ेगी.
मिथुन राशि का स्वामी बुध है, इसलिए इस राशि के जातकों को इस दिन सुबह स्नान करने के बाद गरीबों को तिल के लड्डू, साबुत मूंग, खिचड़ी आदि दान करना शुभ रहेगा.
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है, इस राशि के जातकों को इस दिन चावल की खीर, सफेद तिल के लड्डू, मावे से बनी मिठाई आदि दान करना शुभ रहेगा.
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है. इस राशि के जातकों को मीन संक्रांति के अवसर पर लाल कपड़ा, गेहूं, गुड़ और दाल, तांबे के बर्तन आदि दान करना फलदायी रहेगा.
कन्या राशि का स्वामी बुध है, कन्या राशि के कों को इस दिन मूंग-चावल की खिचड़ी, हरी सब्जियां और अनाज दान करना चाहिए, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
तुला राशि का स्वामी शुक्र है, तुला राशि को इस दिन चीनी, गुड़, चावल, दूध-दही, सफेद या गुलाबी रंग के कपड़े दान करना विशेष फलदायी रहेगा.
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है, इस राशि के लोगों को मीन संक्रांति पर दाल, अनाज, धन आदि का दान करना चाहिए, इससे सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
धनु राशि का स्वामी गुरु है, इसलिए इस राशि के लोगों को इस दिन हल्दी, बेसन के लड्डू, पपीता और पीला चंदन दान करना शुभ रहेगा.
मकर राशि का स्वामी शनि है, मकर राशि के लोगों को इस दिन सरसों का तेल और काले तिल, काला कपड़ा और लोहा दान करना चाहिए.
कुंभ राशि का स्वामी शनि है, इस राशि के लोगों को इस दिन सरसों का तेल, कपड़ा, काला छाता और काले चने की दाल दान करनी चाहिए.
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है, इस राशि के लोगों को इस दिन पीले कपड़े, पीला चंदन और धार्मिक पुस्तकें दान करनी चाहिए.