अधिक मास एक विशेष अवधि है जो धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ धार्मिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण है. काल गणना की उचित व्याख्या के लिए इस समयावधि को अपनाया जाता है. जिस प्रकार समय गणना के उचित क्रम के लिए लीप वर्ष का उपयोग
अधिक मास के समय के दौरान बहुत से लोग व्रत, जप, तप और साधना करते हैं भगवान विष्णु के पूजन का ये विशेष समय होता है. इस पूरे अधिक मास को मल मास, प्भुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है इसमें पूजा और तप को ही महत्व दिया गया है. जब
भाद्रपद माह में अधिकमास पड़ रहा है. इस माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है. इस माह में आने वाली पूर्णिमा के दिन स्नानादि कर्म से निवृत होकर भगवान सूर्य नारायण का पुष्प, अक्षत तथा लाल चंदन से पूजन करें. फिर शुद्ध