Articles in Category Muhurta
फूलैरा दूज : राधा कृष्ण की खास होली
फूलैरा दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. यह त्योहार होली से जुड़ा हुआ है और प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.
यशोदा जयंती : संतान सुख के लिए किया जाता है यशोदा जयंती का व्रत
यशोदा जयंती का पर भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है, माता यशोदा भगवान श्री कृष्ण की माता के रुप में सदैव ही पूजनीय रही हैं और उनके मातृत्व प्रेम की परिभाषा संतान और माता के प्रेम की परकाष्ठा को दर्शाती
अभिजित मुहूर्त और इसका महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर व्यक्ति का जीवन नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति से प्रभावित होता है. नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह जीवन के प्रत्येक पहलु को प्रभावित करते हैं. नक्षत्रों का असर
नर्मदा जयंती: माघ सप्तमी पर मनाई जाती है नर्मदा जयंती
माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन नर्मदा जयंती का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भक्त माँ नर्मदा का पूजन भक्ति भाव के साथ मनाते हैं. नर्मदा जयंती का पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का
थाई अमावस्या : जानें कब और क्यों मनाई जाती है थाई अमावस्या
थाई अमावस्या तमिल हिंदू व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण दिन है। थाई अमावसई या अमावस्या का दिन तमिल हिंदुओं के बीच बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन पूर्वजों की पूजा करते हैं और उपवास
कन्नड़ हनुमान जयंती : मार्गशीर्ष माह में क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि को हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. इस त्योहार को हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है. कन्नड़ हनुमान जयंती मुख्य रूप से कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के
भानु सप्तमी : भानु सप्तमी व्रत और विशेष उपाय
भगवान सूर्य की पूजा का दिन भानु सप्तमी कहलाता है. इस दिन भानु यानि सूर्य की पूजा की जाती है. शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी व्रत रखा जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने
मगसर अमावस्या : अर्थ, महत्व और लाभ
मगसर अमावस्या को मार्गशीर्ष माह के दौरान मनाया जाता है. यह अमवास्य तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अर्थात मगसर महीने में नवंबर-दिसंबर के कृष्ण पक्ष में आती है, मगसर अमावस्या का दूसरा नाम अगहन
अगहन अमावस्या : साल की सबसे खास अमावस्या
अगहन मास भक्ति और समर्पण से भरा होता है. ऎसे में इस माह में आने वाली अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. साल भर में आने वाली सभी अमावस्या में से विशेष यह अगहन अमावस्या काफी महत्वपूर्ण
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रुप में पूजा जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश जी का पूजन विधि विधान के साथ करते हैं. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और
देव दिवाली : देवताओं की दीपावली
देव दिवाली 2025 महत्वपूर्ण तिथि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली कोप देवताओं की दीपावली के पर्व नम से जान अजाता है. मान्यताओं के अनुसर इस दिन देवताओं दीपावली का
विजयदशमी क्यों है अबूझ मुहूर्त ? ज्योतिष महत्व
विजयादशमी का संबंध ज्योतिष शास्त्र अनुसार मुहूर्त प्रकरण में आता है. मुहूर्त गणना में इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.यह एक अबूझ मुहूर्त भी है, वो मुहूर्त जिन पर किसी शुभ कार्य को करने के लिए
दुर्गा विसर्जन : दुर्गा पूजा से लेकर विदाई तक का समय
दुर्गा विसर्जन नवरात्रि के अंतिम दिन का प्रतीक है जिसे भक्त उत्साह के साथ मनाते हैं. देश भर के अलग अलग हिस्सों में इसे मनाते हुए देख अजा सकता है. अलग अलग स्थानों में अलग अलग रंग रुप लिए ये दिन विशेष
क्यों की जाती है संधि पूजा ? जानें संधि पूजा महत्व
संधि पूजा देवी दुर्गा के निमित्त किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान होता है. इसे विशेष रुप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री राम जी द्वारा किया गया था संधि पूजन. संधि पूजा
शिव वास और इसके नियम
शिव वास अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव के निवास स्थान की स्थिति को बताता है. शिव वास की स्थिति को जानकर भगवान शिव के रुद्राभिषेक को करना शुभफल देने वाला होता है. शिव वास के नियमों के द्वारा जान सकते
आश्विन पूर्णिमा : व्रत कथा और आश्विन पूर्णिमा के रहस्य
आश्विन मास की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था, और इस दिन कई अन्य विशेष घटनाएं घटित हुई जिनके कारण यह दिन
महेश्वर व्रत 2025 : जानें क्यों किया जाता है महेश्वर व्रत
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को महेश्वर व्रत करने का विधान है. इस वर्ष महेश्वर व्रत 12 मार्च 2025 को बुधवार के दिन किया जाएगा. महेश्वर भगवान शिव का ही एक अन्य नाम है. इस दिन भगवान शिव का
बुधाष्टमी व्रत, जानें बुधाष्टमी पूजा विधि और कथा
भारतवर्ष में प्रत्येक दिन किसी न किसी महत्व से जुड़ा होता है. यहां मौजूद तिथि, नक्षत्र और दिनों का मेल होने पर कोई उत्सव, व्रत-त्यौहार इत्यादि संपन्न होते हैं. इन सभी का मेल एक उत्साह ओर विश्वास के
कोकिला व्रत 2025, जाने कोकिला व्रत की कथा और इसकी पूजा विधि
व्रत और त्यौहार की श्रेणी में प्रत्येक दिन और समय किसी न किसी तिथि नक्षत्र योग इत्यादि के कारण अपनी महत्ता रखता है. इसी के मध्य में आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन कोकिला व्रत भी मनाया जाता है. अषाढ़
नवचंडी यज्ञ - पूजा कब और क्यों की जाती है
नवचंडी शक्ति का ही एक अंग है. देवी के नव रुपों का स्वरुप है. नव चंडी देवी की शक्ति और उसका पूजन किसी भी भक्त को साधना की परकाष्ठा तक पहुंचा देने में अत्यंत ही सहायक बनता है. नवचण्डी का पूजन एक यज्ञ