चैत्र अमावस्या 2024
हिन्दू पंचांग अनुसार चैत्र माह की अमावस्या इस वर्ष 08 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. चैत्र में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को उपवास एवं पितरों की शांति हेतु पूजा पाठ एवं दान इत्यादि किया जाता है. चैत्र अमावस्या पर धर्म स्थलों एवं पवित्र नदी में स्नान करने का भी बहुत धार्मिक महत्व माना गया है.
चैत्र अमावस्या से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
चैत्र माह की अमावस्या एक बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि होती है. इस के साथ ही उन कार्यों का आरंभ हो जाता है जो शक्ति प्राप्ति, तंत्र, मंत्र एवं आद्यात्मिक विकास के लिए सहायक बनते हैं. इस अमावस्या के दौरान जो भी साधक अपनी शक्ति एवं ऊर्जा में वृद्धि करने का प्रयास करता है उसके लिए आगे के रास्ते खुलते जाते हैं.
चैत्र अमावस्या में पूजा पाठ के साथ में तपस्या का एवं रात्रि जागरण का भी महत्व होता है. पर ध्यान देने योग्य बात यह होती है की इस रात्रि
जागरण को वहीं लोग करते हैं जो शक्ति उपासना एवं गृहस्थ से अलग होकर अपनी साधना को करते हैं.
अमावस्या तिथि को तंत्र की पूजा एवं मंत्र सिद्धि के लिए उपयोगी माना गया है. ऎसे में चैत्र अमावस्या के दिन किया गया तंत्र अनुष्ठान प्रभावशाली असर डालने वाला भी होता है. अमावस्या की रात्रि किसी भी खास तरह की सिद्धि को जागृत करने के लिए बहुत विशेष मानी जाती है.
चैत्र अमावस्या में किए जाने वाले कार्य
- चैत्र अमावस्या के दिन प्रात:काल उठ कर स्नान कार्यों से मुक्त होकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए.
- दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए.
- श्री विष्णु भगवान का पूजन करें और शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए.
- पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए.
- पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, गंगा जल चढ़ाना चाहिए.
- पीपल पर काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा फूल चढ़ाने चाहिये.
- गाय को रोती अथवा हरा चारा खिलाना चाहिए.
- तुलसी का पूजन करना चाहिए और तुलसी पर लाल धागा बांधना चाहिए.
- इस दिन संध्या समय घर के ईशान स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए.
- एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर भी जलाना चाहिए.
- आचरण में शुद्धता और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
चैत्र अमावस्या पर नहीं करें ये काम
- अमावस्या पर मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
- तामसिक भोजन एवं शराब इत्यादि के सेवन से बचना चाहिए.
- प्रेम प्रसंग से दूर रहना चाहिए.
- सुनसान स्थान पर जाने से बचना चाहिए.
- किसी के द्वारा दी गई सफेद चीज का सेवन नहीं करना चाहिए.
- साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
चैत्र अमावस्या पर करने वाले उपाय
चैत्र कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुछ स्थानों में भूत अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस अमावस्या के दिन सुबह आटे की गोलियां बनाएं ओर किसी नदी या जलाश्य जिसमें मछलियां हों वहां डाल देनी चाहिए इस उपाय को करने से आपके जीवन में जो भी नकारात्मक हो वह दूर होती जाती है.
- अमावस्या के दिन पक्षियों को अनाज डालना चाहिए.
- चींटियों को चीनी व आटा खिलाना चाहिए.
- गरीबों को वस्त्र भोजन इत्यादि चीजों का दान करना चाहिए.
- जिन जातकों पर काल सर्प का प्रभाव बना हुआ हो उन लोगों के लिए इस दिन पूजा विशेष रुप से करनी चाहिए.
- कालसर्प दोष की शांति के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए. नाग देव की पूजा करनी चाहिए.
- चांदी से बने नाग-नागिन जोड़े का पूजन करके इन्हें बहते हुए जल में प्रवाहित कर देने से काल सर्प शांति होती है.
चैत्र अमावस्या के दिन पितरों के लिए कैसे करें पूजा
गरुड़ पुराण के अनुसार इस अमावस्या का दिन पितरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
किसी भी प्रकार के पितृदोष होने पर अगर अमावस्या तिथि के दिन पितरों का पूजन किया जाए व उनके लिए व्रत इत्यादि अनुष्ठान किया जाता है. मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन पितर पृथ्वी आते हैं और इस दिन उनके निमित्त किया गया भोजन व दान पाकर वह अपने को वंश वृद्धि और सुख शांति का आशीर्वाद देते हैं.
सुबह के समय सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करना चहिए.
पितरों के लिए दक्षिणाभिमुख होकर पितृ तर्पण करना चाहिए.
पितरों के लिए व्रत भी किया जा सकता है.
पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए.
'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए.
चैत्र अमावस्या का ज्योतिषिय महत्व
ज्योतिष के नजरिये से अमावस्या के दिन चंद्रमा को कमजोर माना गया है. इस दिन समय जन्म लेने वाले जातक की कुंडली में चंद्रमा का बल कमजोर रहता है और चंद्रमा के प्रभाव से मानसिक रुप से व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता उचित रुप से काम नहीं कर पाती है. वह भावनाओं में जल्द बहने वाला और दूसरों की बातों में आने वाला होता है.
इस कारण इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में मौजूद कमजोर चंद्रमा का दोष कम होता है. इसी के साथ इस दिन शिवलिंग पूजन करने और गरीबों को दूध से बने खाद्य पदार्थ खिलाये जाएं तो चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है. इसी कारण से पवित्र नदियों में स्नान और पूजा पाठ इत्यादि कार्यों को इस दिन विशेष रुप से करने कि सलाह दी जाती है जिससे की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो और हम सभी के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे.
चैत्र अमावस्या तिथि महत्व
पौराणिक धार्मिक मान्यता अनुसार अमावस्या तिथि के दिन यदि गंगा इत्यादि पवित्र नदियों में स्नान कियअ जाए तो व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिलती है और पुण्य प्राप्त होता है. पवित्र नदी में स्नान करके पितृ तर्पण करना, सूर्य को अर्घ्य देना व इसके बाद ब्राह्म्णों को सामर्थ्य अनुसार भोजन कराने से पितरों को शांति मिलती है और पापों का नाश होता है. अमावस्या के दिन तिल का दान करना बहुत उपयोगी होता है.इसके अतिरिक्त गरीबों में खीर बांटना भी बहुत अच्छा माना जाता है.