हरियाली तीज कथा, पूजा विधि और राशि अनुसार करें पूजन
हरियाली तृतीया
07 अगस्त 2024 को बुधवार के दिन हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा.
हरियाली तीज अपने नाम अनुसार ही सावन के सबसे सुंदर परिदृष्य के रुप में दिखाई देती है. हरियाली तीज का त्यौहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है. यह त्यौहार सौभाग्य एवं दांपत्य जीवन की सुख समृद्धि के लिए विशेष रुप से किया जाता है. इस पर्व को महिलाओं का पर्व भी कहा जाता है. इस पर्व पर प्रकृत्ति की शक्ति एवं उसके अत्यंत सुंदर रुप की झलक प्राप्त होती है. जीवन शक्ति एवं पोषण का अधिकार भी ईश्वर ने स्त्रियों को दिया है उसी शक्ति में वृद्धि और उसे ग्रहण करने का समय होता है हरितालिका तीज का समय.
यह त्यौहार मानसून के मौसम के दौरान आता है जब आसपास का वातावरण प्रकृति के हरे रंग से आच्छादित होता है, इसलिए इसका नाम हरियाली तीज पड़ा. हरियाली तीज को सावन तीज, छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है. हरियाली तीज का त्योहार वही महत्व रखता है जो विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला करवा चौथ का होता है. हरियाली तीज का त्योहार देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ उनकी एकता को समर्पित है. मान्यताओं के अनुसार इस शुभ दिन पर भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसी कारण देवी पार्वती को 'तीज माता' भी कहा जाता है.
उत्तर भारतीय राज्यों में हरियाली तीज बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. पंजाब में इसे तीयन के नाम से जाना जाता है और राजस्थान राज्य में इसे सिंधारा तीज के नाम से जाना जाता है. हरियाली तीज का उत्सव एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन भावना और उत्साह हर जगह समान है.
हरियाली तीज से संबंधित रीति-रिवाज़
हरियाली तीज के दिन, विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल पक्ष द्वारा पारंपरिक कपड़े, चूड़ियाँ, मेहंदी, सिंदूर और मिठाई समेत अन्य चीजें भेंट की जाती हैं. महिलाएं विशेष रूप से हरे एवं लाल रंग को धारन करती हैं. इस दिन 'सिंधरा' उपहार देने की प्रथा नवविवाहितों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है. सभी नवविवाहित महिलाओं के लिए सावन तीज का विशेष महत्व है. हरियाली तीज की पूर्व संध्या पर, कुछ स्थानों पर उन्हें त्योहार मनाने के लिए अपने माता-पिता के घर वापस बुलाया जाता है.
हरियाली तीज से एक दिन पहले 'सिंधारा' मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत ससुराल में सास द्वारा बहू को नए वस्त्र, गहने, सौंदर्य प्रसाधन, मेहंदी और मिठाई भेंट करने की परंपरा से होती है.
इस शुभ अवसर पर महिलाएं, लड़कियां हथेलियों पर मेहंदी एवं पैरों पर आलता को लगाती हैं. हरा और लाल रंग पवित्र वैवाहिक बंधन का प्रतीक होता है.
हरियाली तीज पर महिलाएं अपनी सास का आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छूती हैं और बदले में उन्हें उपहार देती हैं. यदि किसी कारण से सास मौजूद नहीं है, तो पति की ओर से सबसे बड़ी भाभी या किसी अन्य बुजुर्ग महिला को भी भेंट अर्पित करते हैं तथा आशीर्वाद लेते हैं.
पर्व के दिन पूजा करने के लिए महिलाएं नए वस्त्रों और गहनों के साथ सौलह शृंगार करती हैं तथा इस दिन पर झूला झूलने का भी रिवाज रहा है. लोक गीतों एव्म धार्मिक कथाओं के साथ इस पर्व को मनयअ जाता है,
हरियाली तीज पूजन विधि
शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन को भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन के उत्सव रुप में मनाते हैं. महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के सुख की कामना हेतु महादेव और मां पार्वती की स्तुति करती हैं.इस दिन घर को साफ-सुथरा करके फूलों से सजाया जाता है तथा मंदिर को भी पवित्र किया जाता है. एक मिट्टी की वेदी का निर्माण करते हैं और उस पर भगवान शिव, शिवलिंग, भगवान गणेश, देवी पार्वती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की मूर्तियां रखते हैं. इसके बाद देवताओं के लिए सोलह चरणों का अनुष्ठान, षोडश उपचार पूजन किया जाता है. हरियाली तीज का पूजन पूरी रात चलता है और इस समय में महिलाएं रात में जागरण भी करती हैं और भक्ति संगीत और मंत्रोच्चार द्वारा पूजन करती हैं
हरियाली तीज कथा
हरियाली तीज पर्व की कथा भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह से जुड़ी है. कहानी के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की. इस पूर्ण तपस्या के सहस्त्रों वर्षों के बाद, देवी पार्वती भगवान शिव को अपने प्रिय पति के रूप में प्राप्त करने में सक्षम थीं. ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान शिव ने मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. उस शुभ दिन के बाद से, देवत्व ने विवाहित महिलाओं के लिए एक पवित्र दिन के लिए दिन का आशीर्वाद दिया है. इसी वजह से सुखी और भरपूर वैवाहिक जीवन को पाने के लिए विवाहित दंपत्ति के जीवन में हरियाली तीज का दिन विशेष महत्व रहता है.
हरियाली तीज पर राशि अनुसार उपाय
अब जानिए हरियाली तीज के दिन राशि के अनुसार कौन से उपाय आपके लिए फलदायी साबित हो सकते हैं.
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए तीज पर्व पर लाल रंग का उपयोग अत्यंत शुभ माना गया है. लाल रंग मेष राशि का स्वामित्व भी पाता है. इस दिन पर देवी पार्वती जी को लाल रंग से इर्मित वस्तुओं को अर्पित अवश्य करना चाहिए. मांगल्य सुख को प्रदान करता जै.
वृष राशि
वृष राशि के लिए तीज पर्व के समय गुलाबी रंग का उपयोग करना शुभ होता है. इस दिन चांदी के दीपक में कपूर डाल कर प्रज्जवलित करना चाहिए. देवी पार्वती को श्रृंगार सामग्री का दान करके लाल या सफेद सुत द्वारा देवी पार्वती एवं भगवान शिव का गठबंधन करना चाहिए.
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए हरा रंग उपयोग करना अत्य्म्त शुभ माना गया है. मिथुन राशि के लिए हरा रंग अत्यंत सकारात्मक माना गया है. इस दिन देवी को हरे रंग की वस्तुएं अर्पित करनि चाहिएं तथा कन्याओं को खीर खिलानी चाहिए.
कर्क राशि
कर्क राशि वालों को तीज के दिन में देवी पार्वती और भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाने चाहिएं. इसके साथ ही भगवान का अभिषेक करते हुए इस म्म्त्र का जाप करना चाहिए "ॐ नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च । मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च"
सिंह राशि
सिंह राशि वालों को तीज के दिन शिवलिंग पर गाय का दूध, शहद अर्पित करना चाहिए तथा देवी पार्वती और भगवान शिव को भोग स्वरूप खीर अर्पित करनी चाहिए.
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को आज के दिन देवी पार्वती को हरे रंग की चूडियां जरुर अर्पित करनी चाहिए. रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभदायक होता है.
तुला राशि
तुला राशि वालों को आज के दिन देवी पार्वती और भगवान शिव का लाल धागे के साथ गठबंधन अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही भगवान को केसर का भोग अर्पित करना चाहिए.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को तीज के शुभ अवसर पर माता पार्वती को लाल रंग की चुनरी अर्पित करनी चाहिए. इसके साथ ही भगवान शिव के समक्ष कपूर को अर्पित करना चाहिए.
धनु राशि
धनु राशि वालों को तीज के शुभ अवसर पर मंदिर में जाकर भगवान शिव और देवी पार्वती का पूजन करना चाहिए. पीले रंग भगवान शिव को अर्पित करने चाहिए तथा नारियल अर्पित करना चाहिए भोग स्वरुप.
मकर राशि
मकर राशि वालों को तीज के शुभ अवसर पर भगवान को नीले पुष्प अर्पित करने चाहिए. देवी पार्वती एवं भगवान शिव के समक्ष लौंग और घी का दीपक प्रज्जवलित करना चाहिए.
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों को हरियाली तीज के शुभ दिन पर देवी पार्वती एवं भगवान शिव को आसमानी रंग की वस्तुओं को अर्पित करना चाहिए. भगवन को पूरी और हलवे का भोग अवश्य लगाना चाहिए.
मीन राशि
मीन राशि वालों को हरियाली तीज के शुभ अवसर पर भगवान को लाल ओर पीले रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए. देवी को खीर का भोग अर्पित करना उत्तम होता है.