भानु सप्तमी: भानु सप्तमी के दिन राशि उपाय

भानु सप्तमी: भानु सप्तमी के दिन राशि उपाय 

भानु सप्तमी हिंदू धर्म में सूर्य देवता को समर्पित एक विशेष तिथि है. यह पर्व प्रत्येक मास की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन विशेष मान्यता माघ मास और वैशाख मास में आने वाली भानु सप्तमी को दी जाती है. "भानु" शब्द का अर्थ होता है सूर्य और "सप्तमी" का अर्थ है सातवां दिन. इस प्रकार यह दिन सूर्य देव की उपासना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का विशेष अवसर होता है.

सूर्य सप्तमी के दिन को ज्योतिष अनुसार भी विशेष माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जब पहली बार सूर्य की किरणें धरती पर पड़ी थीं, वह दिन सप्तमी तिथि का ही था. इसी कारण इस तिथि को सूर्य जयंती के रूप में भी देखा जाता है. यह दिन उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है जो रोग, शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव, आत्मबल की कमी या करियर की रुकावट जैसी समस्याओं से ग्रसित होते हैं. 

भानु सप्तमी पूजा विधि

भानु सप्तमी की पूजा सुबह सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है. सबसे पहले व्यक्ति को स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए. यदि संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना श्रेष्ठ माना जाता है, अन्यथा घर पर स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाना शुभ होता है.

स्नान के पश्चात पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत और शक्कर मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र पर लाल वस्त्र, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए.

भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं और दिनभर फलाहार करते हैं. सूर्य कथा का पाठ करना चाहिए और अंत में आरती गाएं. संभव हो तो किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और गौसेवा करना चाहिए. सूर्यदेव को लाल रंग के फूल और मीठा भोग विशेष प्रिय होता है.

भानु सप्तमी का महत्व

भानु सप्तमी केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि यह जीवन में स्वास्थ्य, ऊर्जा और सकारात्मकता लाने वाला पर्व है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह नवग्रहों का राजा है और आत्मबल, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास, दृष्टि शक्ति, और निर्णय क्षमता का प्रतीक है. सूर्य की कृपा से व्यक्ति का भाग्य तेज़ होता है और उसका सम्मान बढ़ता है.

सूर्य की उपासना से हड्डियों से जुड़ी समस्याएं, नेत्र रोग, मानसिक कमजोरी और त्वचा रोगों में लाभ होता है. जो लोग आलस्य, आत्महीनता या निर्णय लेने में असमर्थता से ग्रसित होते हैं, उनके लिए सूर्य उपासना अत्यंत प्रभावी मानी जाती है. इसके अलावा यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो नौकरी में उन्नति, प्रमोशन या सरकारी क्षेत्र में सफलता की कामना रखते हैं.

भानु सप्तमी केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, ऊर्जा संचार और सकारात्मकता का स्रोत है. सूर्यदेव की उपासना व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाती है. यदि इस दिन श्रद्धा, संयम और शुद्धता के साथ पूजा-अर्चना की जाए, दान और सेवा का भाव रखा जाए, तो यह दिन जीवन के लिए एक सकारात्मक मोड़ बन सकता है.

भानु सप्तमी सभी के लिए एक ऐसा पर्व है जो हमें प्रकृति, ब्रह्मांड और आत्मा की शक्ति को समझने और उनसे जुड़ने का अवसर देता है. सूर्य का तेज न केवल हमारे शरीर को गर्मी देता है, बल्कि हमारी आत्मा को भी जाग्रत करता है. यही इस पर्व की सच्ची महिमा है.

सूर्यदेव को सत्य, तेज और धर्म का प्रतीक माना गया है. इसलिए इस दिन सत्यनिष्ठा और सेवा-भाव से किया गया हर कार्य दीर्घकालिक शुभ परिणाम देता है.

भानु सप्तमी पर सभी राशियों के लिए विशेष उपाय

हर राशि पर सूर्य की स्थिति अलग प्रभाव डालती है. भानु सप्तमी के दिन यदि राशि अनुसार विशेष उपाय किए जाएं तो यह और भी अधिक फलदायी सिद्ध हो सकते हैं:

मेष राशि

इस राशि के जातकों को इस दिन तांबे के पात्र में जल, लाल पुष्प और गुड़ मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इससे नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। और नौकरी में प्रमोशन की संभावनाएं बनती हैं.

वृषभ राशि

वृषभ राशि वाले इस दिन गाय को हरा चारा खिलाएं और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. इससे पारिवारिक समस्याएं दूर होंगी और घर में सुख-शांति बनी .रहती है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए सूर्य मंत्र "ॐ आदित्याय नमः" का जाप और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा सामग्री का दान करना शुभ रहेगा. यह उपाय मानसिक एकाग्रता और करियर में सफलता दिलाएगा.

कर्क राशि

कर्क राशि वालों को इस दिन सूर्य को शक्कर मिला जल अर्पित करना चाहिए और पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. इससे पारिवारिक तनाव दूर होंगे और मानसिक शांति मिलेगी.

सिंह राशि

सिंह राशि स्वयं सूर्य की राशि है. इस दिन इन्हें विशेष लाभ होता है. लाल वस्त्र पहनें, सूर्य को रक्त चंदन अर्पित करना चाहिए और सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे सम्मान और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।.

कन्या राशि

कन्या राशि के जातक इस दिन गुड़ और गेहूं का दान करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देते समय चने की दाल मिलाएं. इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होंगी और आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

तुला राशि

तुला राशि वालों को इस दिन सूर्य को लाल गुलाब के फूल चढ़ाने चाहिए और सूर्य स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे रिश्तों में मिठास बढ़ेगी और वैवाहिक जीवन सुखद बनेगा.

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए जल में लाल मसूर की दाल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी रहेगा. इससे शत्रुओं पर विजय और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।.

धनु राशि

धनु राशि के लोग इस दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. यह उपाय भाग्यवृद्धि और नौकरी में तरक्की दिलाता है.

मकर राशि

मकर राशि वालों को इस दिन बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए और सूर्य को गुड़-चावल मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए. इससे करियर में स्थायित्व मिलेगा और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातक इस दिन सूर्य को शुद्ध जल के साथ केसर या हल्दी डालकर अर्घ्य दें. इसके अलावा विद्यार्थियों को पठन सामग्री दान करना चाहिए. इससे शिक्षा और नौकरी दोनों में सफलता मिलती है.

मीन राशि

मीन राशि के लिए सूर्य उपासना के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों वस्त्र और भोजन का दान करना विशेष फलदायी होता है. इससे धन और संतान सुख की प्राप्ति होती है.