मगसर अमावस्या : अर्थ, महत्व और लाभ

मगसर अमावस्या को मार्गशीर्ष माह के दौरान मनाया जाता है. यह अमवास्य तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अर्थात मगसर महीने में नवंबर-दिसंबर के कृष्ण पक्ष में आती है, मगसर अमावस्या का दूसरा नाम अगहन अमावस्या है, मगसर को अग्रहायण, मगसर और अगहन भी कहा जाता है. इस दिन विश्णु पूजा, पितृ पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है. इस दौरान गंगा स्नान भी करते हैं और कई तरह की वस्तुओं का दान भी किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करते हैं,

मगसर अमावस्या और इसकी विशेषता

यह त्यौहार हिंदू धर्म और ज्योतिष में महत्वपूर्ण है, इस दिन, हम खुद को नकारात्मक ऊर्जाओं से शुद्ध करने के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान करते हैं, जैसे भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, तिल तर्पण और पिंड दान करने से हमारे पितृ मुक्ति पाते हैं, मगसर अमावस्या से जुड़ी लोगों की कई पौराणिक मान्यताएं और कथाएं ग्रंथों में मिलती हैं, कुछ के अनुसार इस दिन सृष्टि  के निर्माता भगवान ब्रह्मा का जन्म हुआ था.

भगवान शिव ने इस अमावस्या पर तांडव नृत्य किया था, इस दिन, भगवान विष्णु ने भगवान वामन का रूप धारण किया था, अमरता का अमृत पाने के लिए असुरों और देवताओं ने क्षीर सागर का मंथन किया, दूसरी कहानी भगवान कृष्ण के बारे में है, जो वृंदावन की गोपियों को किसी भी पवित्र नदी में डुबकी लगाने के लिए कहते हैं, अगर वे ऐसा करते हैं, तो वे उन्हें प्राप्त कर सकते हैं,

मगसर अमावस्या स्नान दान लाभ 

मगसर अमावस्या पर लोगों को आवश्यक चीजें दान करने से अच्छे कर्म मिलते हैं, इस दिन की गई रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय पूजा हमें खुशी, सकारात्मकता और समृद्धि ला सकती है, ज्योतिष इस त्यौहार को सूर्य और शनि शनि ग्रह से जोड़ता है. इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए, इससे हमें सूर्य देव का आशीर्वाद और दिव्य गुण प्राप्त होते हैं सूर्य के शुभ प्रभाव कुंडली में बढ़ते हैं.  

इस दिन गंगा में स्नान करने से मन पवित्र होता है ओर कष्ट दूर होते हैं. मन और आत्मा पवित्र होते हैं. सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव मिलता है. इस दिन शनि पूजा करते हैं, शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करते हैं तो इससे शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव कम हो सकते हैं और आपको सौभाग्य प्राप्त हो सकता है,

मगसर पूजा पूजा विधि और लाभ 

मगसर अमावस्याके दिन कई तरह के विशेष पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं. इस दिन व्रत रखते हैं, तो पानी में तिल डालना शुभ होता है. पवित्र नदी में स्नान करके प्रार्थना करनी चाहिए, भगवान विष्णु और शिव की पूजा करनी चाहिए, पितृ पूजा पवित्र नदी के तट पर की जानी चाहिए, यह हमारे पूर्वजों की मुक्ति के लिए किया जाता है, मगसर अमावस्या के दिन व्रत धारण करने वाले को पर कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए, बहुत आवश्यक होने पर फलाहार किया जा सकता है.  

मगसर अमावस्या को एक बहुत ही पवित्र समय माना गया है, अगर भक्त पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, तो उन्हें आशीर्वाद मिलता है और इच्छाएं पूरी होती हैं, जो भक्त जीवन में मानसिक तनाव से अधिक परेशान रहते हैं उनके लिए मगसर अमावस्या का पूजन बहुत उत्तम फल देता है.  इस समय पर स्नान करने से आप ग्रहों के बुरे प्रभावों को खत्म कर सकते हैं, स्नान हमारे शरीर और आत्मा को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है और हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, स्नान हमें चिंता और तनाव को कम करने और हमें शांत मन देने में मदद कर सकता है, इस स्नान से त्वचा संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है.

मगसर अमावस्या पूजा मंत्र 

मगसर अमावस्या के दिन कुछ मंत्रों के जाप से पूजा लाभ विशेष फल प्रदान करता है. इस समय पर मिलता है भक्तों को विशेष लाभ 

ॐ नम: शिवाय

ॐ कुल देवताभ्यो नमः

ॐ आपदामपहर्तारम दातारं सर्वसम्पदाम्,लोकाभिरामं श्री रामं भूयो-भूयो नामाम्यहम

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नम:! 

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्

ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः। · ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः। · ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

मगसर महीना और इसका महात्म्य 

मगसर महीना भगवान कृष्ण से संबंधित है, ऐसा माना जाता है कि यह महीना मगसर नक्षत्र से संबंधित है, मगसर नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से एक है और इस महीने की पूर्णिमा इसी नक्षत्र से आती है, इसी कारण से इस महीने को मगसर माह के नाम से जाना जाता है, इस महीने को मगसर, अगहन और अग्रहायण के नाम से भी जाना जाता है. इस महीने में दान, स्नान आदि का बहुत महत्व है. भगवान कृष्ण ने गोपियों को इस महीने का महत्व बताते हुए कहा था कि इस महीने में यमुना नदी में स्नान करने से व्यक्ति अपने करीब आ जाता है, इसलिए इस महीने में नदी में स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है. 

मगसर अमावस्या में गंगा नदी में स्नान करना कार्तिक, माघ, वैशाख आदि अन्य महीनों की तरह ही पवित्र माना जाता है, मगसर अमावस्या के दिन भगवान शिव सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इससे सभी समस्याओं और पापों से मुक्ति मिलती है, उदयतिथि के दिन दान और पुण्य करने से व्यक्ति के सभी पापों से मुक्ति मिलती है, मान्यता है कि इस दिन ये काम करने से सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक फल प्राप्त होते हैं, इसलिए मगसर को इतना विशेष माना गया है.