शारदा पूजा : दीपावली पर होता है देवी शारदा का विशेष पूजन
शारदा पूजा दिवालि के दिन की जाने वाली विशेष पूजा है जो देश भर में भक्ति भाव के साथ की जाती है. विशेष रुप से गुजरात में शारदा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है जिसे चोपड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. शारदा पूजा देवी सरस्वती को समर्पित है जिन्हें ज्ञान को प्रदान करने वाली देवी माना जाता है. हिंदू धर्म में ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी मानी जाने वाली सरस्वती को शारदा के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली के दिन मुख्य रूप से धन और समृद्धि की देवी मानी जाने वाली देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इस दिन देवी शारदा और श्री गणेशजी की पूजा का भी बहुत महत्व है.
शारदा पूजा मुहूर्त 2024
शारदा पूजा 1 नवम्बर 2024 को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. दीवाली शारदा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा : -
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 06:33 ए एम से 10:42 ए एम
अपराह्न मुहूर्त (चर) - 04:13 पी एम से 05:36 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 12:04 पी एम से 01:27 पी एम
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर, 2024 को 03:52 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - 01 नवम्बर, 2024 को 06:16 पी एम बजे
शारदा पूजा पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म में दिवाली के त्यौहार का बहुत महत्व है और इस दिन शारदा पूजा भी की जाती है. परंपरागत रूप से दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती और श्री गणेश तीनों की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है. दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है.इसी दिन शारदा पूजा भी की जाती है. शारदा पूजा मां सरस्वती को समर्पित है. दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और देवी सरस्वती की पूजा का भी प्रावधान है. शारदा पूजा विशेष रूप से गुजरात में की जाती है. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. इनकी पूजा करने से साधक को बुद्धि, ज्ञान की प्राप्ति होती है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और मां सरस्वती भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शारदा पूजा विधि 2024
दिवाली के दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी के साथ देवी शारदा की भी पूजा की जाती है. पूजा के लिए मंदिर में देवी को स्थापित किया जाता है. देवी लक्ष्मी और भगवान के साथ-साथ देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए.भक्ति भाव के साथ मां शारदा की पूजा करनी चाहिए. पूजा में देवी शारदा को सफेद या पीले फूल और सफेद चंदन अर्पित करते हैं. इस दिन देवी सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करते हैं. देवी की विधिवत पूजा करते हुए देवी शारदा की कथा पढ़ते हैं. इसके बाद धूप-दीप से देवी शारदा की आरती करते हैं और आरती के बाद मिठाई और फूल चढ़ाते हुए पूजा संपन्न होती है.
शारदा पूजन से शिक्षार्थियों को मिलता है लाभ
दिवाली के दिन शारदा पूजा की जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश के साथ माता शारदा यानि सरस्वती की भी पूजा की जाती है. मां शारदा बुद्धि, ज्ञान और विद्या की देवी हैं. दिवाली के दिन शारदा पूजा की जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश के साथ माता शारदा यानि सरस्वती की भी पूजा की जाती है. मां शारदा बुद्धि, ज्ञान और विद्या की देवी हैं. इनकी पूजा का विशेष महत्व है. दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ माता शारदा यानि सरस्वती की भी पूजा की जाती है. पूजा में साफ चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ माता सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करते हैं. मां शारदा की पूजा शाम के समय करनी चाहिए. पूजा में सरस्वती यंत्र स्थापित करते हैं मां शारदा की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं. इसके बाद मां शारदा को सफेद या पीले फूल और सफेद चंदन चढ़ाते हैं पूजा में ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करनी चाहिए. फिर मां की विधिवत पूजा करते हुए मां की पूजा के साथ-साथ पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करते हैं इस दिन छात्रों को देवी का आशीर्वाद मिलता है.
शारदा पूजा महत्व
शारदा पूजा माँ सरस्वती के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए की जाती है. यह पूजा दिवाली के मुख्य त्यौहार पर लक्ष्मी पूजा और चोपड़ा पूजा के साथ की जाती है. ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती को शारदा के नाम से भी जाना जाता है. देवी लक्ष्मी, जो कि दिवाली पूजा की प्रमुख देवी हैं, के साथ-साथ भक्त इस दिन देवी सरस्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करते हैं. दीपावली, रोशनी का त्योहार, उन सभी पहलुओं का उत्सव है जो जीवन में समृद्धि लाते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार, यह माना जाता है कि धन ही सुखी और समृद्ध जीवन का एकमात्र कारक नहीं है. देवी शारदा द्वारा प्रदान की गई बुद्धि देवी लक्ष्मी द्वारा प्रदान की गई धन और समृद्धि को बनाए रखने के लिए आवश्यक है और भगवान गणेश द्वारा प्रदान की गई ज्ञान इस धन को बढ़ाने के लिए आवश्यक है. शारदा पूजा सभी विद्यार्थियों के लिए एक शुभ दिन है क्योंकि इस दिन वे देवी सरस्वती की पूजा करते हैं जो उन्हें उनकी शिक्षा और अध्ययन में सफलता का आशीर्वाद देती हैं. इसलिए, दिवाली के दिन शारदा पूजा का पालन हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व रखता है.