हर व्यक्ति का सपना होता है कि इस धरती पर उसका एक आशियाना हो. इसके लिए व्यक्ति हजारों सपने बुनता है लेकिन, यह सपना बहुत से लोगों के लिए सपना बनकर रह जाता है तो ऐसे भी बहुत से लोग हैं जिनका घर तो बन जाता है लेकिन, उस घर में आते ही उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं. इसका कारण वस्तु दोष एवं उनकी कुण्डली में स्थित राशि व ग्रहों का प्रभाव होता है. इस विषय में लाल किताब काफी महत्वपूर्ण जानकारियां देता है. इसलिए गृह निर्माण के समय लाल किताब से घर की शुभता की जानकारियां प्राप्त करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
घर के संदर्भ में लाल किताब की मान्यता (Lal Kitab & Home)
लाल किताब की मान्यता है कि मकान के प्रमुख कारक ग्रह शनि होते हैं (Saturn is the significator of house). यही कारण है कि मकान बनाते समय जन्म कुण्डली व वर्ष कुण्डली में शनि की स्थिति का विचार जरूर करना चाहिए क्योंकि शनि की शुभता होने से व्यक्ति को मकान बनाते समय बाधाओं का सामना नहीं करना होता है जबकि शनि की स्थिति अशुभ होने से बार-बार मुश्किलों से गुजरना होता है और मकान का निर्माण पूरा नहीं हो पाता है. कुछ लोगों को मकान बनते ही हर तरफ से शुभ फल प्राप्त होने लगते हैं तो कुछ लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. यही कारण है कि मकान निर्माण से पहले यह जरूर विचार कर लें कि मकान बनाना उनके लिए शुभ है और मकान बनाते समय उन्हें किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए.
कुण्डली में शनि का स्थान (Position of Saturn in the Kundali)
लाल किताब के अनुसार कुण्डली में शनि किस भाव में विराजमान है और उनकी स्थिति कैसी इस बात का ध्यान रखकर घर का निर्माण किया जाय तो आपका आशियाना खुशियों का खजाना बन सकता है.
प्रथम खाने में शनि (Saturn in the 1st House)
अगर मित्र राशि अथवा उच्च राशि में स्थित हो और सातवां एवं दसवां खाना खाली हो तो मकान का निर्माण करना शुभ होता है. जबकि इस खाने में शनि शत्रु अथवा नीच राशि में बैठा हो तो मकान बनवाने से पहले दोष का उचित निवारण करवा लेना चाहिए. घर का मुख्य द्वारा पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए.
द्वितीय खाने में शनि (Saturn in the 2nd House)
अगर आपकी कुण्डली में शनि दूसरे घर में स्थित है तो यह मकान बनाने के संदर्भ में बहुत ही शुभ फलदायी होता है. आपका मकान आपके साथ-साथ आपके कुटुम्ब एवं सगे-सम्बन्धियों के लिए भी शुभकारी होता है.
तीसरे खाने में शनि (Saturn in the 3rd House)
कुण्डली का तीसरा घर मंगल का पक्का घर होता है. इस घर में शनि का होना मकान के लिए शुभ योग नहीं माना जाता है. अगर आपकी कुण्डली में इस प्रकार का योग बन रहा है तो मकान बनाने से पहले दोष का निवारण करा लेना चाहिए. स्वयं गृहप्रवेश करने से पहले कुत्ते को प्रवेश करना चाहिए तथा कुत्ता पालना चाहिए. ऐसा करने से दोष का शमन होता है. घर के आखिरी में अंधेरी कोठरी बनावाना आर्थिक दृष्टि से शुभ होता है.
चौथे खाने में शनि (Saturn in the 4th House)
अगर आपकी कुण्डली में शनि चौथे घर में स्थित है और आप अपना मकान बनाने की सोच रहे हैं तो उपाय के तौर पर किसी कुएं में दूध अर्पित करना चाहिए. इससे इस घर का दोष कम होता है अन्यथा अपने मकान में आप मानसिक शांति में कमी महसूस कर सकते हैं तथा आपकी दादी, सासु मां एवं मामा कष्ट महसूस कर सकते हैं.
पांचवें खाने में शनि (Saturn in the fifth house)
पांचवां घर संतान का स्थान माना जाता है. इस घर में शनि के होने पर मकान बनाने से पूर्व शनि की वस्तुओं का दान करना चाहिए. अगर संभव हो तो भैस का दान करना चाहिए यह इस विषय में उत्तम दान माना जाता है. इससे संतान पर होने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है. वैसे, 48 वर्ष के पश्चात मकान बनवाना शुभकारी रहता है.
छठे खाने में शनि (Saturn in the sixth house)
लाल किताब का कथन है कि अगर आपकी कुण्डली में शनि छठे घर में बैठा है तो मिट्टी के बर्तन में सरसों तेल भरकर उस बर्तन को तालाब में दबाना चाहिए. इससे इस स्थान में स्थित शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. कुत्ता पालना आपके लिए शुभकारी होता है. वैसे,36-39 वर्ष के पश्चात घर का निर्माण करवाते हैं तो यह आपके लिए अधिक शुभकारी होगा.
सातवें खाने में शनि (Saturn in the seventh house)
मकान एवं घर के लिए सातवें खाने में बैठा शनि बहुत ही शुभकारी माना जाता है. अगर आपकी कुण्डली में शनि सातवें खाने में विराजमान है तो संभव है कि आपके कई मकान होंगे. लेकिन, आपको याद रखना होगा कि ऐसा कार्य न करें जिससे शनि की शुभता में कमी आए. वैसे, आपके लिए उचित होगा कि पैतृक घर को कभी नहीं बेचें अर्थात उन्हें कायम रखें.
आठवें खाने में शनि (Saturn in the eighth house)
कुण्डली में अष्ठमस्थ शनि होने पर घर बनाना तभी शुभकारी माना जाता है जबकि कुण्डली में राहु-केतु शुभ होकर विराजमान हों. अन्य स्थितियों में घर बनाते हैं तो उचित उपाय करवा लेना चाहिए तथा चांदी का चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखना चाहिए.
नवम खाने में शनि (Saturn in the ninth house)
शनि के नवम भाव में होने पर लाल किताब कहता है कि व्यक्ति को उस समय गृह निर्माण नहीं करवाना चाहिए जब उसकी पत्नी गर्भवती हो. इस समय घर बनवाने से व्यक्ति की परेशानियां बढ़ जाती हैं तथा बुजुर्गों को कष्ट होता है. इस घर से सम्बन्धित उपाय के तौर पर पीतल के बर्तन में हल्दी अथवा केसर भर कर घर में रखना चाहिए. जलवान की लकड़ी घर की छत पर नहीं रखना चाहिए.
दसवें खाने में शनि (Saturn in the tenth house)
कुण्डली के दसवें खाने में शनि होने पर 48 वर्ष तक शनि काफी धन देता है जब-तक की आप अपना घर न बना लें. अगर इस आयु के अंदर अपना घर बनावा लेते हैं तो आय में थोड़ी कमी आ सकती है लेकिन, शनि की स्थिति मजबूत है तो थोड़ी बहुत परेशानियों के बाद स्थितियों में सुधार हो सकता है. सोना, पीत वस्त्र एवं चने की दाल दान करना आपके लिए शुभकारी रह सकता है. आपके लिए यह भी जरूरी है कि मकान का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में नहीं रखें.
ग्यारहवें खाने में शनि (Saturn in the eleventh house)
शनि ग्यारहवें खाने में होने पर 52 वर्ष के पश्चात बनाया गया मकान अधिक उत्तम माना जाता है. इससे पहले मकान बनवाना हो तो उचित उपाय करवाने के पश्चात ही मकान बनावाना चाहिए अन्यथा कठिनाईयों का सामना करना होता है. अगर आपकी कुण्डली में शनि ग्यारहवें घर में बैठा है तो इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके मकान का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में नहीं हो. दूसरी बात यह गौरतलब है कि पैतृक मकान को कभी नहीं बेचें.
बारहवें खाने में शनि (Saturn in twelfth house)
शनि का बारहवें खाने में होना मकान बनाने के विषय में बहुत ही शुभफलदायी होता है. अगर आपकी कुण्डली में भी शनि बारहवें खाने में बैठा है तो, जब कभी भी मकान बनाना शुरू करें उसे पूरा किये बिना बीच में न रोकें. अगर अपने उद्देश्यों में बार-बार कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है तो सोना धारण करना आपके लिए शुभ होगा.