तक्षक कालसर्प दोष कैसे बनता है - How Takshak Kaal Sarp Dosh Forms
तक्षक कालसर्प दोष (Takshak Kaal Sarp Dosh) जन्मपत्री में तब बनता है जबकि राहु जन्मपत्री में विवाह स्थान, साझेदारी के घर यानी सप्तम भाव में हो और केतु लग्न स्थान यानी प्रथम भाव में स्थित हो. इन दिनों ग्रहों की इस स्थिति में शेष सातों ग्रह सप्तम से लग्न के बीच में स्थित हों तब तक्षक कलसर्प दोष बनता है.अपनी कुंडली में कालसर्प दोष चैक कीजिये "Check Kalsarp Dosha in Your Kundli" एकदम फ्री
तक्षक कालसर्प दोष का प्रभाव - Effects of Takshak Kaal Sarp Dosh
इस दोष में विवाह स्थान में बैठा राहु वैवाहिक जीवन के सुखों को कम करता है. जिस व्यक्तियों की कुण्डली (Kundli) में यह दोष बन रहा है उन्हें सबसे पहले अपने दाम्पत्य जीवन की खुशियों पर ध्यान देना चाहिए. छोटी-छोटी बातों को लेकर जीवनसाथी से विवाद नहीं करना चाहिए. अगर किसी वजह से आपस में तनाव बढ़ जाए तो मुद्दों को बात-चीत से सुलझाने की कोशिश करें न कि एक दूसरे से रूठकर या झगड़कर मुद्दे को और गंभीर बनालें. इन बातों का ध्यान रखेंगे तो तक्षक कालसर्प दोष (Takshak Kaal Sarp Dosh) के अशुभ प्रभाव को कुछ कम करने में कामयाब हो सकते हैं.जन्मपत्री में यह दोष होने पर साझेदारी के कार्य में व्यक्ति को नुकसान होने की आशंका रहती है. इस स्थिति से बचने हेतु व्यक्ति को स्वतंत्र व्यवसाय करना चाहिए. यदि साझेदारी में व्यवसाय करना ही पड़े तो साझेदारों पर विश्वास करके बैठना नहीं चाहिए बल्कि सभी व्यवसायिक मुद्दों पर अपनी दृष्टि रखनी चाहिए अन्यथा साझेदार धोखा दे सकते हैं. मित्र भी विश्वासघात कर सकते हैं इसलिए, आँख बंद करके इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
तक्षक कालसर्प (Takshak Kal Sarp Dosh) से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में छोटी-मोटी उलझनें लगी रहती हैं जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है. स्वास्थ्य भी व्यक्ति का ठीक नहीं रहता है, गुप्त रोग होने की भी आशंका रहती है.
तक्षक कालसर्प दोष शांति उपाय - Remedies for Takshak Kaal Sarp Dosh
तक्षक कालसर्प दोष (Takshak Kal Sarp Dosh) के कष्टकारी प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति चाहे तो तक्षक कालसर्प दोष शांति उपाय करवा सकता है. नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करके उन्हें धान का लावा चढ़ाना चाहिए. इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. तक्षक कालसर्प दोष वाले व्यक्ति के लिए नागपंचमी का इसलिए भी महत्व है कि, तक्षक नाग ने नाग जाति की रक्षा के लिए आस्तिक मुनि तथा जनमेय से कहा था कि, नागपंचमी के दिन जो भी व्यक्ति आस्तिक मुनि एवं जनमेय का जयकार करेगा उसके घर से सर्प की बाधा दूर हो जाएगी.तक्षक कालसर्प दोष की शांति के लिए घर में नाग देवता की मूर्ति स्थापित करके नियमित धूप,दीप सहित उनकी पूजा करना भी लाभप्रद होता है. इस दोष से प्रभावित व्यक्ति यदि नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जप करे तो मन से भय दूर होता है तथ कालसर्प दोष की बाधा से मुक्ति मिलती है.