महापद्म कालसर्प दोष का निर्माण - How Mahapadam Kaalsarp Dosh) Forms
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब कभी राहु छठे घर में होता है और केतु बारहवें घर में होता है उस समय यदि शेष सातों ग्रह यानि सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरू एवं शुक्र इनके बीच में एक ही तरह एक गोलार्द्ध में आ जाते हैं तब महापद्म कालसर्प योग (Mahapadam Kaalsarp Dosh) बनता है. इस समय जिस स्त्री अथवा पुरूष का जन्म होता है उसकी कुण्डली में यह योग बनता है. यह योग अशुभ फलदायी होने के कारण ज्योतिषशास्त्री इसे महापद्म कालसर्प दोष (Mahapadam Kaalsarp Dosh) कहते हैं.
महापद्म कालसर्प का प्रभाव - Mal Effects of Mahapadam Kaalsarp Dosha
महापद्म कालसर्प (Mahapadam Kaalsarp Dosh) में राहु उस घर में होता है जिससे शत्रु, रोग, प्रतियोगिता एवं मातृ पक्ष का विचार किया जाता है तथा केतु उस भाव में होता है जिससे जिन्दग़ी की आखिरी मंजिल, व्यय तथा यात्रा का विचार किया जाता है. इन दोनों ग्रहों की इस स्थिति के कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक रहने की जरूरत होती है क्योंकि, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है. दवाईयों एवं चिकित्सा मद में धन खर्च करना पड़ता है. इस दोष के प्रभाव से अचानक धन व्यय की संभावना रहती है. कुछ ऐसी परिस्थिति बन सकती है जिसके कारण व्यक्ति अदालती मामलों में उलझ सकता है. इस वजह से उसे काफी धन भी खर्च करना पड़ता है.
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दोष से प्रभावित व्यक्ति का काफी समय यात्रा में व्यतीत होता है जिससे उसकी घरेलू जिन्दगी पर असर पड़ता है. व्यक्ति को सुख की कमी महसूस होती है तथा मानसिक अशांति एवं निराशाओं में घिरा होता है. मामा की तरफ से सहयोग में कमी आती है तथा राहु की दशा एवं अन्तर्दशा के समय इनके मामा को कष्ट उठाना पड़ता है. वृद्धावस्था में इन्हें तकलीफ होती है.
अपनी कुंडली में कालसर्प दोष चैक कीजिये "Check Kalsarp Dosha in Your Kundli" एकदम फ्री
महापद्म कालसर्प के अच्छे प्रभाव Good effects of Mahapadam Kaalsarp Dosh)
महापद्म कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को जानकार यदि आप यह सोचते हैं कि महापद्म कालसर्प दोष (Mahapadam Kaalsarp Dosh) जन्मपत्री में है तो जीवन मे तरक्की मिलना मुश्किल होगा, तो इस धारणा को मन से निकाल दीजिए. कुछ ज्योतिषशास्त्री यह कहते हैं कि व्यक्ति बाहादुर एवं साहसी होता है. अपनी योग्यता एवं मेहनत से वह भौतिक वस्तुएं अर्जित करता है. व्यक्ति इतना प्रभावशाली हो सकता है कि दूसरो को कठिन से कठिन हालातों से निकालने की योग्यता रखता है. इस मत को मानने वाले ज्योतिषी उहारणस्वरूप यह कहते हैं कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की कुण्डली में भी महापद्म कालसर्प दोष (Mahapadam Kaalsarp Dosh) मौजूद था.
महापद्म कालसर्प दोष के उपाय - Remedies for Mahapadam Kaalsarp Dosh
इस दोष की शांति के लिए श्रावण मास में 30 दिन तक दूध एवं जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. इस मास में कालसर्प दोष शांति करवाना भी लाभप्रद होता है. पितरों के नाम से दिया गया दान कालसर्प दोष की पीड़ा को कम करने के लिए अच्छा उपाय माना गया है. चांदी से निर्मित सर्पकार अंगूठी अथवा गोमेद रत्न पहनने से महापद्म कालसर्प दोष (Mahapadam Kaalsarp Dosh) में राहत मिलती है. महापद्म कालसर्प दोष की शांति के लिए श्रावण मास में किसी योग्य पंण्डित से पूजा एवं हवन कर सकते हैं.