20 दिसम्बर को गुरू शनि ग्रह की राशि कुम्भ में प्रवेश कर रहा है. गुरू के घर परिवर्तन को ज्योतिषशास्त्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह सभी ग्रहों का गुरू होने के साथ ही साथ शुभ ग्रह भी है. इनके घर परिवर्तन से विवाह, संतान, ज्ञान, विद्या, आजीविका, स्वास्थ्य सहित धार्मिक विषय प्रभावित होते हैं. इस तरह जीवन के हर पहलू को गुरू प्रभावित करता है. 1 मई 2010 तक कुम्भ राशि में ताम्र स्थिति में रहते हुए गुरू पुनर्वसु के चौथे चरण एवं पौष तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण में गमन करेगा. चुंकि आपकी कुण्डली के छठे व नवम घर का स्वामी गुरू अष्टम भाव से गोचर कर रहा है अत: गुरू का राशि परिर्वतन आपकी परेशानियों को बढ़ सकता है.
आजीविका पर प्रभाव (Jupiter’s Transit and Business for Cancer )
आजीविका के क्षेत्र में आपके लिए उचित होगा कि सहकर्मियों से मधुर सम्बन्ध बनाये रखें तथा मेहनत व ईमानदारी से अपने कार्य पर ध्यान दें. आपके लिए यह भी जरूरी होगा कि अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें व किसी से अप्रिय न बोलें. कोई आपकी छवि को धूमिल करने की भी कोशिश कर सकता है अत: सावधान रहना हितकर होगा. किसी महत्वपूर्ण कार्य में आचानक से बाधाओं का भी सामना करना पड़ सकता है. अगर आप व्यापार करते हैं तो इस समय आपको अपने व्यवसाय पर अधिक व्यय नहीं करना चाहिए.
आर्थिक विषयों पर प्रभाव (Jupiter’s Transit and Finance for Cancer )
आर्थिक विषयों में भी आपको उतार-चढ़ाव की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है लेकिन आपकी जन्म राशि से दूसरे व चौथे घर पर गुरू की दृष्टि होने के कारण प्रोपर्टी से आपको लाभ मिल सकता है. पैतृक सम्पत्ति से भी सुख प्राप्त होगा.
परिवार पर प्रभाव (Jupiter’s Transit and Family for Cancer )
इस समय पारिवारिक विषयों को प्रेम व समझदारी से हल करना चाहिए. बात-चीत में नम्रता व आत्मिय भाव प्रकट करना चाहिए इससे पारिवारिक सुख शांति बनी रहेगी तथा सगे-सम्बन्धियों से भी मधुर सम्बन्ध बने रहेंगे.
स्वास्थ्य एवं अन्य विषयों में गुरू के घर परिवर्तन का प्रभाव (Jupiter’s Transit and Health for Gemini)
इस समय आपको अनावश्यक रूप से काफी भाग-दौड़ करना पड़ सकता है. आप आशा-निराशा के भंवर में फंस सकते हैं जिससे आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय
कुम्भ राशि में गुरू की मौजूदगी के कारण जीवन में आने वाली परेशानियों में कमी लाने के लिए गुरूवार के दिन नवग्रह सूक्त का पाठ करना चाहिए. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा घी का दीपक जलकर करना चाहिए