शनि राहु में समानता (Similarities between Saturn and Rahu)
शनि एवं राहु दोनों ही कार्मिक ग्रह माने जाते है (Saturn and Rahu give results according to the Karma). कर्मिक का अर्थ होता है कर्म के अनुरूप फल देने वाला. नवग्रहों में शनि देव को दण्डनायक का पद प्राप्त है जो व्यक्ति को उनके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार सजा भी देते हैं और पुरष्कार भी. राहु का फल भी शनि की भांति पूर्व जन्म के अनुसार मिलता है. राहु व्यक्ति के पूर्व जन्म के गुणों एवं विशेषताओं को लेकर आता है.शनि एवं राहु दोनों ही ग्रह दु:ख, कष्ट, रोग एवं आर्थिक परेशानी देने वाले होते हैं. परंतु, जन्मपत्री में ये दोनों अगर शुभ स्थिति में हों तो बड़े से बड़ा राजयोग भी इनके समान फल नहीं दे सकता. यह व्यक्ति को प्रखर बुद्धि, चतुराई, तकनीकी योग्यता प्रदान कर धन-दौलत से परिपूर्ण बना सकते हैं. ऊँचा पद, मान-सम्मान एवं पद प्रतिष्ठा सब कुछ इन्हें प्राप्त होता है.
शनि राहु में भेद (Differences between the nature of Saturn and Rahu)
शनि राहु में कुछ समानताएं हैं तो इनमें अंतर भी हैं. शनि का भौतिक अस्तित्व है अर्थात यह पिण्ड के रूप में मौजूद हैं जबकि राहु एक आभाषीय बिन्दु है इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है. मकर एवं कुम्भ इन दोनों राशियों का स्वामित्व शनि को प्राप्त है जबकि राहु की अपनी कोई राशि नहीं है. राहु जिस राशि में बैठता है उसे अपने अधिकार में कर लेता है.शनि देव की गति मंद होने के कारण शनि का फल विलम्ब से अथवा धीरे-धीरे प्राप्त होता है जबकि राहु जल्दी फल देने वाला ग्रह है (Rahu gives quick results while Saturn gives delared results). यह एक पल में अमीर बना देता है तो दूसरे ही पल कंगाल बनाने की भी योग्यता रखता है. शनि देव का गुण है कि यह व्यक्ति को ईमानदारी एवं मेहनत से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं तो राहु चतुराई एवं आसान तरीकों से सफलता पाने का विचार उत्पन्न करता है.