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कृष्णमूर्ति पद्धति और षष्टम भाव – KP Astrology and Sixth House

छठे भाव को ऋण भाव के नाम से भी जाना जाता है. शरीर के अंगों में इस भाव से पेट, पाचन तंत्र आदि देखा जाता है. इसलिए इस घर को पेट से होने वाली बीमारियों का विचार किया जाता है. इस घर के स्वामी के पीड़ित होने पर व्यक्ति के रोग ग्रस्त होने की संभावनाएं बनती है. चिकित्सा शास्त्र के अनुसार भी पाचन तन्त्र में परेशानी हुए बिना स्वास्थ्य में खराबी आने की संभावनाएं कम ही रहती है.

छठे घर की विशेषताएं: (Specialities of the Sixth House as per K P Systems)

छठे घर से काम के प्रति समर्पण, काम करने का तरीका, नौकरी में स्थायित्व तथा खाने-पीने के आदतों की वजह से होने वाली बीमारियों का आंकलन किया जाता है. छठा घर कोर्ट-कचहरी का होने के कारण जिस भाव का स्वामी इस घर में स्थित होता है. उस भाव से जुडे सम्बन्ध के कारण कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ता है जैसे:- तीसरे घर का स्वामी, जन्म कुण्डली में अगर छठे घर में हो तथा भाईयों से सम्बन्ध मधुर न हो तो, किसी मामले को लेकर कोर्ट-कचहरी में जाने की स्थिति बन सकती है. छठे घर से प्रतिस्पर्धाओं का विचार किया जाता है. खेल में जीतना, चुनाव में जीतना, तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए भी इसी घर को देखा जाता है.

अन्य बातें: (Other Information as per K P Systems)

इस घर से देखी जाने वाली अन्य बातों में सफाई, सफाई विभाग, मजदूर यूनियन, नौकर, दुश्मनी, परेशानियां, ऋण, ओवर ड्राफ्ट सुविधा तथा पालतू पशुओं का विचार किया जाता है.

इस घर से संबन्धित लोगों से मिलने वाले फल: (Results from Other People are Related to this House as per K P Systems)

छठा घर, तीसरे घर से चतुर्थ घर होने के कारण इस घर से छोटे-भाई बन्धुओं की भौतिक सुख-सुविधाओं को देखा जाता है. इस घर से इनकी शिक्षा भी देखी जाती है. भाईयों के द्वारा घर या वाहन लेने की संभावनाओं का विचार भी इसी घर से होता है. छोटी यात्राएं, घर बदलना, संतान की आर्थिक स्थिति, जीवनसाथी का विदेश जाना, पिता का मान-सम्मान, शोहरत का विचार भी इस घर से किया जाता है.

छठे भाव का घर में स्थान:(Place of the Sixth House in the Home as per K P Systems)

अनाज या पका हुआ खाना रखने की जगह, नौकरों का कमरा, जानवरों के रहने का स्थान घर में छठे भाव का स्थान माना जाता है. प्रश्न लग्न में खोई हुई वस्तु का संबन्ध इस भाव से आने पर वस्तु को इन स्थानों पर तलाशने से खोई वस्तु मिलने की संभावना रहती है.

छठा घर, सप्तम भाव का व्यय स्थान होने के कारण जीवनसाथी के व्ययों की जानकारी देता है. वैवाहिक मामलों को लेकर कोर्ट-कचहरी में जाने की संभावनाएं इस घर से देखी जाती है. साझेदारी व्यापार का टूटना भी इस घर का प्रभाव होता है.

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