कुण्डली में केतु तथा मंगल की युति या सम्बन्ध किसी भाव में होने पर सर्जरी होने की संभावना बनाती है. जैसे:-यह संबन्ध पंचम स्थान में बने तो संतान का जन्म सर्जरी से होने की संभावना बनती है. लग्न भाव में यह संबन्ध बनने पर व्यक्ति की स्वयं की सर्जरी होने की संभावना बन सकती है.
कृष्णमूर्ति पद्धति और केतु की विशेषताएं - KP Astrology and Qualities of Ketu
राहु सांप का मुंह व केतु को सांप की पूंछ कहते है. दोनों एक ही शरीर के दो भाग है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दोनों एक दूसरे से विपरीत दिशा में रहते है. केतु मंगल के समान फल देता है. कुण्डली में मंगल के सुस्थिर होने पर केतु से प्राप्त होने वाले फल शुभ होते हैं. परन्तु, केतु को मंगल से भी अधिक कष्टकारी कहा गया है.
कुण्डली में केतु तथा मंगल की युति या सम्बन्ध किसी भाव में होने पर सर्जरी होने की संभावना बनाती है. जैसे:-यह संबन्ध पंचम स्थान में बने तो संतान का जन्म सर्जरी से होने की संभावना बनती है. लग्न भाव में यह संबन्ध बनने पर व्यक्ति की स्वयं की सर्जरी होने की संभावना बन सकती है.
कुण्डली में केतु तथा मंगल की युति या सम्बन्ध किसी भाव में होने पर सर्जरी होने की संभावना बनाती है. जैसे:-यह संबन्ध पंचम स्थान में बने तो संतान का जन्म सर्जरी से होने की संभावना बनती है. लग्न भाव में यह संबन्ध बनने पर व्यक्ति की स्वयं की सर्जरी होने की संभावना बन सकती है.