शरीर में उर्जा निर्माण तथा रोगों से लड़ने की शक्ति के लिये सूर्य को विशेष रुप से देखा जाता है. सूर्य आत्मकारक होने के कारण हृदय में निवास करते है. सूर्य सभी ग्रहों में राजा होने के कारण उसमें प्रशासनिक कार्यो (administrative acts) को करने की विशेष योग्यता होती है. इसलिये जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य सुस्थिर हो उन व्यक्तियों को प्रबन्धन व प्रशासन के कार्य करने में कुशलता प्राप्त होती है. सूर्य से प्रभावित लोग अधिकार व शक्ति रखना पसन्द करते है.
सूर्य का स्थान शरीर के अंगों में :- ( Placement of Sun in the Different Organs of Body)
शरीर के अंगों में सूर्य को हृदय के बाद रीढ की हड्डी का स्थान दिया गया है. शरीर में उर्जा शक्ति का निर्माण करने के लिये सूर्य देव ही प्रभावी होते है. व्यक्ति को रोगों से लड़ने की क्षमता भी सूर्य के फलस्वरुप ही प्राप्त होती है. दाई आंखों (right eye) में किसी प्रकार की परेशानी के विषय में भी सूर्य को ही देखा जाता है.सूर्य का स्वभाव:-(Nature of Sun)
सूर्य स्वभाव से अधिकार पसंद प्रवृति के है. इनमें नेतृत्व की क्षमता (leadership) विशेष रुप से पाई जाती है. सूर्य को नैतिक नियमों का सख्ती से पालन करने वाला कहा जाता है. सूर्य को अनुशासन प्रिय भी माना जाता है. जिन व्यक्तियों की कुण्डली के लग्न भाव में सूर्य स्थित होता है. उनमें अनुशासन (discipline) की भावना सामान्य रुप से पाई जाती है. सूर्य के प्रभाव क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति खुशमिजाज होते है. सूर्य उर्जा शक्ति का कारक होने के कारण बिजली पर सूर्य का अधिकार होता है.सूर्य प्रभावित व्यक्ति नाराज भी होते हैं तो होने के बाद गलतियों को माफ भी कर देते है. ऎसे व्यक्ति मर्यादा में रहकर काम करना पसन्द करते है. इनके काम में लगनशीलता (dedication) की झलक देखी जा सकती है. ये निडर भी होते हैं. इसलिये, सत्य के साथ चलना पसंद करते हैं. सूर्य को न्याय करने वाले शासक के रुप में देखा जाता है. अपने स्वभाव के विपरीत विषयों पर कभी-कभी कठोरता का भाव भी अपना लेते है.
सूर्य क्योकि सभी ग्रहों में राजा है . इसलिये इससे प्रभावित व्यक्तियों को उच्च पद की चाह सदैव रहती है. सूर्य पर अशुभ प्रभाव हो तो अधिकारों का दुरुपयोग होने की संभावनाएं बनती है. परन्तु ऎसा होने पर फल इसके विपरीत प्राप्त होता है. सामान्य रुप से राजाओं में साहस का गुण भी पाया जाता है. इसलिये इस प्रकृति के व्यक्ति साहसी भी होते है.
सूर्य के प्रभाव से होने वाली बीमारियां : (Diseases Occur By Sun)
कुण्डली पर सूर्य किसी प्रकार का अशुभ प्रभाव होने पर हृदय रोग होने की संभावना रहती है. इसके प्रभाव से हाई बल्ड प्रेशर (high blood pressure) जैसे रोग की भी आशंका रहती है. आत्मविश्वास व आत्मशक्ति में कमी की भी संभावना रहती है. सूर्य पर किसी प्रकार का कोई अशुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति में रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी आती है. सभी प्रकार के बुखार का कारण सूर्य देव को कहा गया है.सूर्य को मस्तिष्क संबन्धी रोगों के लिये भी देखा जाता है. सिर में दिमाग के कारक सूर्य है. इसलिये सूर्य पर अशुभ प्रभाव में होने पर मानसिक परेशानियां बढ़ने की आशंका रहती है. इसके प्रभाव से रीढ की हड्डी में कष्ट एवं दृष्ट दोष उत्पन्न होता है.