हृदय रेखा की स्थिति व्यक्ति के भीतर मौजूद रोमांटिक संभावनाओं को निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस रेखा कि विभिन्न प्रकार की स्थिति द्वारा विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण, प्रेम, रोमांटिक जीवन की
ह्र्दय रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे हथेली को पार करता हुआ कनिष्ठा पर समाप्त होता है। यह रेखा जीवनरेखा और मस्तिष्क रेखा के ऊपर हथेली के शीर्ष पर स्थित है। यह रोमांटिक संभावनाओं, विपरीत लिंग के मध्य आकर्षण ,भावनात्मक
द्वीप | An Island हाथ में बनने वाले द्वीप, चक्र और धब्बों के कारण व्यक्ति के जीवन पर असर देखे जा सकते हैं. यह चिन्ह किसी न किसी रुप में व्यक्ति के जीवन पर जबरदस्त रुप में प्रभाव डालते हैं. हाथ में बनने वाले विभिन्न
प्रसिद्ध हस्तरेखाविद पूरी दुनिया भर में हस्तरेखा को केवल आने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी के लिये विज्ञान के रुप मे प्रयोग करते हैं। यह चमत्कारी विज्ञान नहीं है। इसका उपयोग दुर्घटना से बचने के लिये भविष्यवाणी रुप में किया
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की रेखाओं का विशेष महत्व है। इसमे सम्मलित लक्षण जैसे क्रास, सितारे, वर्गों और अर्धचन्द्राकार का अध्ययन हथेली द्वारा किया जाता है। यह रेखाएं व्यक्ति का भविष्य, शुभ संकेत और अशुभ संकेत दर्शाती
हथेली पर गुरु का प्रभाव जातक को एक अच्छा बोलने वाला है. व्यक्ति दूसरों को लेकर बहुत समझाने वाला होता है. बृहस्पति की हथेली पर शुभ स्थिति उसे लोगों के मध्य प्रसिद्धि देने वाली होती है. व्यक्ति मुखिया बन सकता है. शिक्षा
हस्त रेखा शास्त्र व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बहुत बारीकी से समझने में मदद करता है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात हो या उसके काम-काज की, या उसके जीवन में आनी वाली सफलताओं अथवा असफलताओं की इन सभी को समझने में
भाग्य रेखा को किस्मत की रेखा के रूप में भी जाना जाता है । यह हथेली के केंद्र मे स्थित होती है , इस रेखा का उदगम कलाई से, चंद्र पर्वत से, जीवन रेखा से, मस्तिष्क रेखा या ह्रदय रेखा से होता है । इस रेखा द्वारा उन सभी
सूर्य की रेखा को अपोलो रेखा, सफलता रेखा या प्रतिभा रेखा से भी जाना जा सकता है एवं यह हाथ के आकार पर निर्भर करता है । सूर्य रेखा द्वारा व्यक्ति के जीवन में ख्याति, सफलता और प्रतिभा की भविष्यवाणी की जा सकती है। सूर्य रेखा
मस्तिष्क रेखा का आकार और उसका स्थान निर्धारित करता है कि व्यक्ति का मानसिक स्तर सामान्य है या असामान्य। यदि मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत पर मिलती हो तो जातक की कल्पना असामान्य या अप्राकृतिक होती है। यदि मस्तिष्क रेखा एक
सदियों से मनुष्य अपने भविष्य के बारे में जानने को उत्सुक रहा है. उसने स्वयं को संतुष्ट करने के लिए तथा भविष्य की घटनाओं के बारें में पता लगाने के लिए फलित ज्योतिष के आधार पर विभिन्न शाखाओं का निर्माण किया जैसे ज्योतिष,