हस्तरेखाओं की जानकारी एक अथाह सागर के समान है जिसे पूर्ण रुप से कभी शायद ही कोई पा सका हो. बहुत सी बातों का सूक्ष्मता से अध्ययन करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. आज हम हाथों में बनी मुद्रिका की बात करेंगे.
भाग्य रेखा को किस्मत की रेखा के रूप में भी जाना जाता है । यह हथेली के केंद्र मे स्थित होती है , इस रेखा का उदगम कलाई से, चंद्र पर्वत से, जीवन रेखा से, मस्तिष्क रेखा या ह्रदय रेखा से होता है । इस रेखा द्वारा उन सभी
मस्तिष्क रेखा का आकार और उसका स्थान निर्धारित करता है कि व्यक्ति का मानसिक स्तर सामान्य है या असामान्य। यदि मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत पर मिलती हो तो जातक की कल्पना असामान्य या अप्राकृतिक होती है। यदि मस्तिष्क रेखा एक