अंगुलियों का महत्वपूर्ण स्थान हस्तरेखा शास्त्र में माना गया है. सभी अंगुलियों की अपनी विशेषता होती है. आज हम तीसरी अंगुली - अनामिका व चौथी अंगुली - कनिष्ठिका की चर्चा करेगे कि यह क्या खासियत रखती हैं. तीसरी अंगुली
हस्त रेखाओं का अपना स्वतंत्र महत्व माना गया है. हस्तरेखा शास्त्र में रेखाओं के साथ अंगुलियों का भी बहुत महत्व होता है. हाथ का आकार व्यक्ति के व्यक्तित्व का बोध कराने में एक अहम भूमिका निभाते हैं, जिसमें अंगुलियों से