Posts for Tag Sahayak Rekha
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शुक्र का घेरा, शनि का वलय और तीन मणिबंध रेखा | The Girdle of Shukra, The Ring of Shani and Three Manibandh Rekha
शुक्र का घेरा | The Girdle of Shukra अर्धवृत्त का आरंभ तर्जनी और मध्यमा उंगली से और समाप्त कनिष्ठा और अनामिका के आधार के बीच होता है इसे ही शुक्र का घेरा कहते हैं।यह व्यक्ति को बेहद संवेदनशील और एक उग्रवादी बनाता है।
विवाह रेखा | Vivah Rekha | Marriage Rekha
विवाह रेखा की क्षैतिज रेखाएं कनिष्ठा के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित होती हैं। इन रेखाओं से रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी और पति - पत्नी के बीच प्यार और स्नेह के अस्तित्व का संकेत मिलता है। परन्तु विवाह
जलयात्रा, यात्रा, और दुर्घटना की भविष्यवाणी | Prediction of Voyages, Travel and Accidents | Yatra Rekha
हस्त रेखा शास्त्र व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बहुत बारीकी से समझने में मदद करता है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात हो या उसके काम-काज की, या उसके जीवन में आनी वाली सफलताओं अथवा असफलताओं की इन सभी को समझने में
संतान रेखा | Santan Rekha | The Line of Children in Hastrekha
वह रेखाऐं जो विवाह रेखा के ऊपर बुध पर्वत पर तथा अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं संतान से संबंधित रेखाएं होती हैं। परन्तु इस रेखा के साथ अन्य रेखाओं का एवं हाथ की विशेषताओं का अध्ययन करके ही संतान संबंधित भविष्यवाणी
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