भाग्य रेखा की स्थिति किस्मत संबंधित निर्णयों का निर्धारण करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भाग्य रेखा की स्थिति से ज्ञात होता है कि व्यक्ति शिक्षा संबंधित क्या फैसला करेगा, कौन सा क्षेत्र चुनेगा, और किन बाधाओ का सामना करेगा, उसे किन-किन सफ़लताओ एव विफलताओ का सामना करना पड़ेगा।
भाग्य रेखा के कुछ सामान्य दृष्टिकोण नीचे दिये जा रहे है :-
यदि भाग्य रेखा का उदगम जीवन रेखा से होता है तो व्यक्ति अपने जीवन मे बहुत सफल एवं अपार धन अर्जित करता है ।
यदि भाग्य रेखा कलाई से निकलती है, तो यह दर्शाती है कि व्यक्ति अपने जीवन मे अपनी इच्छाओं का बलिदान अपने माता पिता या रिश्तेदार के लिये करता है।
यदि भाग्य रेखा कलाई से निकलती हुई सीधे शनि पर्वत तक जाती है, तो यह अच्छी किस्मत और असाधारण सफलता का संकेत होता है ।
यदि भाग्य रेखा चंद्र पर्वत पर मिलती है, तो उसकी सफलता अन्य लोगों की योजना पर निर्भर करती है।
यदि भाग्य रेखा सीधी हो और किसी पर्वत की तरफ़ झुकाव हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति की सफलता उस पर्वत की विशेषताओं से संबंधित क्षेत्र पर आधारित होंगी।
यदि भाग्य रेखा गुरु पर्वत के केन्द्र तक जाये तो इससे पता चलता है कि व्यक्ति असामान्य शक्ति का मालिक होता है, उसके जीवन मे अच्छा समय आता है ।
यदि भाग्य रेखा की एक शाखा गुरु पर्वत पर मिलती है तो व्यक्ति विशेष रुप से उसके चरण मे सामान्य से अधिक सफलता पाता है ।
यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करती हुई शनि की ऊँगली तक जाए तो यह एक अच्छा सकेत नही है, उस व्यक्ति से सफलता ही नही वरन सभी कुछ बहुत दूर हो जाता है ।
यदि जीवन भाग्य, ह्रदय रेखा पर अचानक आकर रुक जाए तो ऐसे व्यक्ति की सफलता उसकी भावनाओं पर निर्भर करती है ।
यदि भाग्य रेखा, मष्तिष्क रेखा पर आकर रुक जाए तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति की मूर्खता और बड़ी भूल के कारण उसे सफलता नही मिलती है ।
यदि भाग्य रेखा मंगल स्थान के अंत तक भी नही पहुचती हो तो ऐसा व्यक्ति जीवन मे कड़ी चुनौती, कठिनाइयो और परेशानियो का सामना करता है ।
यदि भाग्य रेखा का उदगम मष्तिष्क रेखा से हो और वह साफ सुथरी एवं स्पष्ट भी हो तो ऐसे व्यक्ति की सफलता कठिन संघर्ष के बाद एवं प्रतिभा के द्वारा प्राप्त होती है।
यदि भाग्य रेखा का उदगम ह्रदय रेखा से हो तो ऐसे व्यक्ति को सफ़लता देर से प्राप्त होती है और उसे संघर्ष भी करना पड़ता है।
विशेष
भाग्य रेखा का चंद्र पर्वत से निकलना व्यक्ति को अत्यधिक सोच विचार कर काम करने वाला और भाग्य पर अधिक निर्भर रहने वाला बना सकता है।
भाग्य रेखा जहां से शुरु हो रही हो वहां से कट कट कर आगे बढे़ तो यह जीवन के आरंभिक समय की कष्ट दायक स्थिति को भी दर्शाता है। जातक को अपने जीवन में परिवार का साथ नही मिल पाता है किसी न किसी कारण से तनाव सदैव बना रहता है।
अगर यह भाग्य रेखा हथेली के मध्य स्थान से आरंभ हो रही हो तो ऎसे में जातक को जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है.