हस्त लक्षण के आधार पर पारिवारिक जिम्मेदारियों का अध्ययन | Analysis of Family Responsibilities through Palmistry
एक कुशल हस्तरेखा शास्त्री हाथ के लक्षणों को देखकर काफी कुछ बताने में सक्षम होता है. जीवन के सभी क्षेत्रों का अध्ययन हाथ की रेखाओं को देखकर किया जा सकता है. आज हम हस्तरेखाओं के आधार पर यह बताने का प्रयास करेगें कि कौन से जातक अपने परिवार की जिम्मेवारी निभाते हैं और कौन से नहीं.
हाथों में देखने के लिए बहुत कुछ होता है जिसमें हथेली की बनावट, उसका रंग, उसमें मौजूद रेखाओं का स्वरुप ये सभी कुछ हस्तरेखा शास्त्री के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. हाथ की बनावट यदि सुंदर हो, हथेली का रंग भी साफ हो और इसमें मौजूद रेखाओं की स्थिति भी स्पष्ट और अच्छी हो तो यह एक बेहतर स्थिति दर्शाती है.
शनि रेखा का अध्ययन | Analysis of Saturn Line
पारिवारिक जिम्मेवारियों के विषय में हम सबसे पहले शनि रेखा का अध्ययन करते हैं. हथेली में शनि रेखा जिन्दगी के जिस भाग में जीवन रेखा से अलग होकर शनि क्षेत्र में प्रवेश करती है, उस भाग में व्यक्ति पारिवारिक जिम्मेवारियों से मुक्ति पाता है. इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि व्यक्ति अगर संयुक्त परिवार में रहता हो तब वह उस समय अलग हो सकता है.
ऊपर बताए हस्त लक्षण में शनि रेखा का उदगम शुक्र पर्वत से होना चाहिए और इस रेखा को जीवन रेखा के अंदर से होते हुए तब शनि क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए. यदि यही उपरोक्त लक्षण स्त्री के हाथ में स्थित हो तब वह परिवार के लिए अपने सभी सुखो का त्याग कर देती है और अपनी जिम्मेवारियों को निभाती है. यदि स्त्री के हाथ में उपरोक्त लक्षण के साथ अन्य बहुत से बुरे लक्षण भी हैं तब उसका नैतिक पतन संभव हो सकता है.
हथेली में शनि पर्वत का उभरा होना जातक के लिए परिवार से विरक्ति का भाव दे सकता है. एकांत को पसंद करने वाला होता है. शनि की उंगली मध्यमा होती है, मध्यमा उंगली की ओर अगर सुर्य या गुरु की उंगलि का झुकाव आता हो तो जातक गंभीर और स्वभाव से सोच-विचार अधिक करने वाला होगा.
व्यक्ति बुद्धिमता और गंभीरता के साथ फैसले लेने वाला होता है. जातक की सहनशीलता और विनम्रता परिवार को बांधे रखने वाली होती है. जातक अंतर्मुखी होता है ऎसे में अपने मन की हर बात न बताने के कारण स्वयं में ही घुलता सा रहता है.
जातक अपने प्रयत्नों से परिवार को आगे ले जाने वाला होता है. संयुक्त रुप में परिवार में रहता है. एक बड़ा परिवार उसे मिलता है.
मस्तिष्क रेखा के आधार पर अध्ययन | Analysis of Brain Line
पारिवारिक जिम्मेवारियों के संदर्भ में मस्तिष्क रेखा की बात करते हैं. मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा दोनो एक साथ उदय होकर दूर तक साथ चलें तो व्यक्ति बहुत लंबे समय तक जिम्मेवारी निभाता है. मस्तिष्क रेखा के आधार पर व्यक्ति के भावनात्मक स्वरुप एवं उसकी बौद्धिकता को समझने में भी मदद मिलती है.
मस्तिष्क रेखा यदि बहुत अधिक लम्बाई में हो वह मंगल पर्वत की तरफ जा रही हो तो व्यक्ति में क्रोध की अधिकता के कारण परिवार में कलह और कलेश बने रहने कि संभावना अधिक होती है. इसी के साथ जातक में जिद्द का भाव भी बहुत अधिक होता है. व्यक्ति चाहेगा की परिवार उसके नियमों को माने और उसकी बनाई गई विचारधारा पर आगे बढ़े.
मस्तिष्क रेखा अगर नीचे चंद्र पर्वत की तरफ जा रही हो तो ऎसे में जातक आत्मविश्लेषण करने वाला होता है. बहुत अधिक सोच विचार वाला होता है. भावनात्मक कमजोर हो सकता है. ऎसे में व्यक्ति स्वयं को परिवार के सभी के साथ जोड़ नही पाता है.
उपरोक्त लक्षण के साथ मस्तिष्क रेखा जब जीवन रेखा से अलग होती हैं उस समय व्यक्ति पारिवारिक जिम्मेवारी से अलग हो जाता है. मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा के उदगम स्थल का फासला अधिक होने पर व्यक्ति परिवार की जिम्मेवारियों से स्वतंत्र रहता है. जातक स्वतंत्र होकर रहना चाहता है. वह खुद को परिवार से अलग-थलग पाता है.
जीवन रेखा का अध्ययन | Analysis of Life Line
हथेली में जीवन रेखा को छूता हुआ शनि रेखा पर बना द्वीप उस समय विशेष में परिवार की स्थिति खराब बताता है. जीवन रेखा के पास ही स्थित शनि रेखा की उपस्थिति जीवन के उस भाग में पारिवारिक जिम्मेवारियों में वृद्धि बताती है. जीवन रेखा के साथ अन्य रेखा का होना जीवन में लोगों का सहयोग देने वाला होता है.
व्यक्ति को यदि जीवन रेखा में अन्य रेखाएं काटती हों तो ये स्थिति मानसिक असंतोष को दर्शाती है. परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने में व्यक्ति बहुत अधिक प्रयत्नशील होता है.
उपरोक्त लक्षण के साथ यदि शनि रेखा मोटी भी है तब यह दोष बढ़ जाता है अर्थात व्यक्ति बहुत ज्यादा परिवार की जिम्मेवारियों में सुलझा रहता है.