हाथ में स्थित पर्वतों से स्वास्थ्य का आंकलन | Analysis of Ailments through Mounts and Nails
मानव हाथ में बने पर्वतों का आंकलन बहुत सी बातों के विश्लेषण में किया जाता है. उनमें से एक विषय रोग होने की संभावना को जानना भी होता है. यदि किसी व्यक्ति के हाथ में बनी जीवन रेखा में दोष हो और पर्वत भी दोषपूर्ण हो तब रोग होने की संभावना होती है. आइए पर्वतों से होने वाले रोगों के बारे में जानने का प्रयास करें.
- यदि जीवन रेखा दोषपूर्ण हो और गुरु पर्वत विकसित हो तब पाचन संबंधी रोग होने की संभावना होती है.
- आक्रामक मंगल यदि विकसित हो तब व्यक्ति को पक्षाघात होने की संभावना बनती है.
- जीवन रेखा दोषपूर्ण और रक्षात्मक मंगल बली हो तब स्नायु रोगों की संभावना बनती है.
- हाथ में चंद्र पर्वत के निम्न भाग पर क्रॉस या आड़ी रेखाएँ स्थित हो तब नाभि के नीचे के भाग में रोग होने का खतरा होता है, यदि मध्य भाग में यह दोष हो तब पेट के रोग हो सकते हैं.
- यदि चंद्र पर्वत के ऊपरी भाग में दोष हो तब छाती तथा गले के रोग होने की संभावना बनती है.
- यदि शुक्र पर्वत पर दोष हो तब यौन रोग होने की संभावना बनती है.
- हथेली में शनि पर्वत तथा शनि क्षेत्र में कहीं भी दोष है तब व्यक्ति को वात प्रधान रोग हो सकते हैं या हड्डी के रोग होने की सम्भावना बनती है तथा दाँत संबंधी रोग भी होने की संभावना होती है.
- यदि सूर्य पर्वत पर द्वीप बना हो या सूर्य पर्वत के नीचे द्वीप बना हो तब नेत्र संबंधी रोग हो सकते हैं.
- चंद्रमा मन का कारक है इस कारण चंद्र पर्वत अगर स्टार बना हो तब मानसिक आघात लगने की संभावना बनती है.
हस्तरेखा विज्ञान - नाखूनो के माध्यम से रोग की संभावना | Analysis of Ailments through Nails
हस्तरेखा विज्ञान में सभी चीजों का महत्व होता है. हाथ का, रेखाओं का, चिन्हों का, अंगुलियों का, हथेली का और नाखूनो आदि बहुत सी बातों का विश्लेषण किया जाता है. हाथ में नाखून अंगुली की जड़ से सिरे की ओर बाहर की तरफ बढ़ता है. एक नाखून को पूरी तरह बदलने में पाँच माह तक का समय लग जाता है. यदि नाखून की जड़ के पास कोई दोष स्थित हो तब उससे संबंधित रोग की आशंका समय तकरीबन एक मास की होती है. यदि मध्य में दोष हो तब लगभग ढ़ाई मास का समय रोग होने का होता है. यदि सिरे की ओर नाखून में दोष हो तब चार माह का समय बताना चाहिए. आइए विस्तार से अध्ययन करें.
- यदि किसी व्यक्ति के हाथ में नाखून बड़े हैं, चमकीले हैं, उनमें गुलाबी रंग की आभा मौजूद है तब व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
- यदि नाखूनों के मध्य मामूली सा गड्ढा बना हो तब व्यक्ति को मानसिक आघात लगने के लक्षण होते हैं. समय का अंदाजा आप ऊपर लिखे पांच मास से लगा सकते हैं.
- यदि नाखून के मध्य गड्ढा इतना बड़ा हो कि वह चम्मच के समान दिखाई दे रहा हो तब व्यक्ति को चर्मरोग हो सकते हैं और इंफ्लूएंजा भी शीघ्र होने की संभावना बनती है.
- यदि कछुए की पीठ की तरह नाखून का मध्य भाग उभरा हुआ हो तब फेफड़े संबंधी रोग हो सकते हैं.
- नाखून पर खड़ी धारियाँ व सफेद धब्बे तनाव की निशानी है. यदि नाखून का रंग पीला हो तब ये आशंका और अधिक बढ़ जाती है.
- नाखून पर बनी आड़ी धारियाँ व्यक्ति के निरंतर मानसिक आघात को बताती हैं.
- जिन व्यक्तियो के नाखूनों का रंग सफेद होता है वह अहंकारी स्वभाव के होते हैं और उनके अंदर बहुत ज्यादा उतावलापन होता है.
- नाखूनो का पीला रंग जीगर की खराब स्थिति बताता है लेकिन लड़्कियों के मासिक धर्म के आरंभ में नाखुन का पीला होना स्वाभाविक सी बात होती है. यदि अन्य दिनों में पीला हो और पुरुष का नीला हो तब बीमारी की आशंका होती है. फेफड़ो संबंधी रोग भी हो सकते हैं.
- यदि किसी व्यक्ति के नाखून छोटे हैं तब उसे स्नायु संबंधी रोग हो सकते हैं और ऎसा व्यति तनाव में भी जल्दी आ जाता है. ऎसे व्यक्ति को आँतों से संबंधित रोगों की संभावना हो सकती है.
- यदि नाखून कम चौड़ा हो और लंबा अधिक हो तब शारीरिक शक्ति व्यक्ति में कम होती है. ऎसा व्यक्ति शीघ्र ही थकान का अनुभव करता है. ऎसे व्यक्ति को नाक, कान, गला, आँख, छाती के रोग जल्दी पकड़ लेते हैं. ऎसे नाखून से रीढ़ की हड्डी के रोगों की संभावना भी बनती है.