नामांक को सौभाग्य अंक भी कहते हैं. आज लगभग सभी अंकशास्त्री नामांक की गणना इसी प्राचीन तरीके से करते हैं. नामांक कि गणना के लिए कीरो पद्धति, सेफेरियल पद्धति तथा पाइथागोरस पद्धति का उपयोग किया जाता है, इनमें से किसी ने नौ
नामांक की गणना अंग्रेजी के अक्षरों को दिये गये अंकों के आधार पर ही की जाती रही है. व्यक्ति के नाम के अक्षरों के कुल योग से बनने वाले अंक को नामांक कहा जाता है. नामांक गणना के लिए कीरो पद्धति, सेफेरियल पद्धति तथा
मूलांक 8 का स्वामी ग्रह शनि को माना जाता है इस कारण मूलांक आठ के जातकों पर शनि का प्रभाव देखा जा सकता है. पाश्चात्य मूलांक ज्योतिषियों के मतानुसार भी मूलांक आठ के व्यक्ति शनि के प्रभाव से युक्त होते हैं. 8, 17, 26