अंको के आधार पर मिलान | Match making on the Basis of Numerology

अंक शास्त्र में बहुत सी बातों का आंकलन किया जाता है. यदि हम सूक्ष्मता से इस विद्या का उपयोग करें तब हमें बहुत सी बातों का सही फलकथन कर सकते हैं. इस विद्या में बहुत सी बातों को स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है. जिस तरह से जन्म कुण्डली के माध्यम से आप लड़का और लड़की का मिलान विवाह के लिए किया जाता है ठीक उसी तरह अंको के द्वारा भी लड़के और लड़्की को विवाह की दृष्टि से मिलाया जा सकता है. जिनए प्रेम संबंध चल रहे होते हैं वह भी अंक शास्त्र के माध्यम से यह जान सकते हैं कि वह आपस में कितना तालमेल रखते हैं.

बहुत बार देखा गया है कि दो व्यक्ति जो विवाह करके साथ रहते हैं उनके मध्य सामजंस्य बिलकुल भी नहीं होता है और घर का वातावरण भी दूषित रहता है. बात-बात में कलह क्लेश होता रहता है और किसी एक बात पर उनकी कभी सहमति नहीं रहती है. क्योकि उनके अंको का आपस में तालमेल सही नही होता है और जिस दिन उनका विवाह होता है उस दिन का अंक भी उनके अंको से मेल खाता हुआ नहीं होता है. इसलिए उनका वैवाहिक जीवन कलहमय हो जाता है.

यदि आपके पास कोई विवाह का प्रस्ताव आता है तब आप उसे पहले अपने अंख के साथ मिलाएँ. सबसे बेहतर तरीका आपके टेलेन्ट नंबर से मिलने का माना गया है. आपकी जन्म तारीख के अंको के जोड़ का जो भी अंतिम अंक आता है वह आपका टेलेन्ट नंबर कहलाता है. यदि आपको जन्म तारीख सही से मालूम नहीं है तब दोनो के नाम के हिज्जो का कुल जोड़ करके उसका अंतिम अंक निकाल लें. इससे भी आपको पता चल जाएगा कि आ दोनो एक्-दूसरे से कितना मेल खाते हैं.

अंक शास्त्र के इस तालमेल के माध्यम से हम यह जान सकते है कि यह संबंध कितने समय तक चल सकते हैं बेशक वह प्रेम संबंध हो, दाम्पत्य जीवन हो या फिर बिजनेस पार्टनर ही क्यूँ ना हो. वैसे पाठको को करना यह चाहिए कि दोनो के टेलेन्ट नंबर और नाम के अंको को देखना चाहिए और फिर किसी पुख्ता नतीजे पर पहुंचना चाहिए. दोनो तरीखे से मिलान करने पर बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. आइए अब जरा इस सामजंस्य बिठाने वाले पैमाने का निरीक्षण करें.

हम चार संबंधो को आंकने के लिए 4 प्रकार के पैमानो का वर्गीकरण करेगें. पहला वर्गीकरण बहुत ही बढ़िया संबंध के लिए होगा. दूसरा विवरण अच्छे संबंधों के लिए होगा. तीसरा विवरण मध्यम संबंधों के लिए होगा और अंतिम विवरण बहुत ही खराब संबंधों को बताएगा.

पहला वर्गीकरण | First Classification

इस वर्गीकरण में जिन व्यक्तियो के अंक आएंगे उनके आपसी संबंध बहुत अच्छे रहेगें. चाहे वह किसी भी तरह के संबंध क्यूँ ना हो.

  • यदि आपका अंक 2 है और आपके साथी का भी 2 ही अंक है तब यह बहुत ही अच्छे संबंध माने जाएंगे. आपका अंक 2 है और साथी का अंक 6 या 9 है तब भी आपकी बहुत अच्छी तरह आपस में बनेगी. संबंधो में प्रगाढ़ता रहेगी.
  • आपका अंक यदि तीन है और आपका साथी छ्: या नौ अंक वाला है तब इनकी आपस में बहुत ही अच्छी बनेगी.
  • आपका अंक 4 है और आपके साथी का भी अंख 4 या छ्: है तब आपसी संबंधो में अभुत ही मधुरता रहेगी.
  • आपका अंक छ्: है तब आपकी अंक छ्: और अंक नौ वालों से बहुत अच्छी तरह से बन सकती है.
  • आपका अंक सात है तब सात अंक वाले से और नौ अंक वाले व्यक्तियों से आपकी बहुत जमेगी.
  • आपका अंक नौ है तब आपकी नौ अंक वाले से ही बहुत अच्छी तरह से निभ सकती है.

दूसरा वर्गीकरण | Second Classification

इस वर्गीकरण में जिन अंको के तालमेल की बात हम करेगें उनका आपसी सामंजस्य भी अच्छा रहेगा लेकिन पहले वर्गीकरण वालों से कुछ कम होगा.

  • आपका अंक यदि एक है और आपका साथी 2,3,6,7 या 9 अंक वाला है तब आप दोनो की आपस में बन सकती है. कुछेक बातों पर कभी-कभार तकरार हो सकती है लेकिन निबाह हो जाएगा.
  • आपका अंक यदि 2 है और आपका साथी 4 या 7 अंक वाला है तब भी आपका तालमेल बना रह सकता है. संबंध अच्छे ही कहे जाएंगे.
  • यदि आपका अंक तीन है तब आपकी पांच अंक वाले व्यक्ति से संबंध अच्छे बने रह सकते हैं.
  • यदि आपका अंक चार है और आपका साथी सात, आठ या नौ अंक वाला है तब आपका आपसी तालमेल अच्छा कहा जाएगा.
  • आपका अंक यदि सात है तब आपकी अंक छ्: वाले व्यक्ति से अच्छी बनेगी.
  • यदि आपका अंक आठ है तब आपकी छ्: अंक वाले व्यक्ति से अच्छी निभेगी.

तीसरा वर्गीकरण | Third Classification

यह तीसरा वर्गीकरण है जिसमें दो व्यक्तियों के आपसी संबंध मध्यम दर्जे के रहते हैं. यदि आपका और आपके साथी का वर्गीकरण इस तीसरे वर्ग में आता है तब आपके आपसी संबंध मिश्रित रहेगें. मध्यम दर्जे के संबंधों के साथ आपको आपस में निभाना पड़ेगा.

  • आपका अंक एक है और आपके साथी का भी एक या आठ अंक है तब आपके आपसी रिश्ते मध्यम स्तर के रहेगें.
  • आपका अंक दो है और आपके साथी का तीन या आठ अंक है तब आपकी आपस में मध्यम ही बनेगी.
  • आपका अंक तीन है और आपके साथी का चार है या सात है तब आपकी आपस में कम ही निभेगी.
  • यदि आपका अंक चार है और आपके साथी का अंक पांच है तब आपके आपस में मध्यम स्तर के संबंध रहेगें.
  • आपका अंक पांच है और आपके साथी का अंक 6,7,8 या 9 है तब आपके आपसी संबंध मध्यम स्तर के रह सकते हैं.
  • आपका अंक छ्: है और आपके साथी का अंक सात या आठ है तब आपके संबंधो में मधुरता का कुछ अभाव रह सकता है.
  • आपका अंक सात है और आपके साथी का अंक आठ है तब आपके संबंध ज्यादा अच्छे नहीं होगें.
  • आपका अंक आठ है और आपके साथी का अंक भी आठ या नौ है तब आपके संबंध मध्यम श्रेणी के होगें.

चौथा वर्गीकरण | Fourth Classification

चौथे और अंतिम वर्गीकरण में वह अंक आते है जिनकी कभी भी आपस में बनती नहीं है. वैचारिक मतभेद रहते हैं. सुख की कमी रहती है. इस वर्ग के तालमेल को सबसे खराब माना जाता है.

  • आपका अंक एक है और आपके साथी का चार या पांच अंक है तब आपकी आपस में बिलकुल भी नहीं निभ पाएगी.
  • आपका अंक आपका अंक दो है और आपके साथी का पांच अंक है तब आपका यह संबंध घातक हो सकता है.
  • आपका अंक तीन है और आपके साथी का अंक भी तीन ही है या उसका अंक आठ है तब आपकी आपस में नही बनेगी. बन भी गई तब भी घर का वातावरण कलहपूर्ण रहेगा. सुख का अभाव रहेगा.
  • आपका अंक पाँच है और आपके साथी का अंक भी पाँच ही है तब आपकी आपस में नहीं निभेगी.

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