नामांक | What is the Impact of Namank on Your Life
अंकशास्त्र में मूलांक (जन्मांक) और भाग्यांक ज्ञात करना बेहद आसान होता है और अधिकतर सभी को मालूम भी होता है कि किस प्रकार इसे प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन नामांक को निकाल पाना सभी को नही आता और यह थोड़ा लंबा तरीका होता है. अंक शास्त्र के अनुसार नामांक का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. आजकल हम अनेक व्यक्तियों को को देख सकते हैं जिन्होंने अपने नामांक में परिवर्तन करके अनेक उपलब्धियों को प्राप्त किया है. बहुत से लोग नामांक के सही उपयोग द्वारा अपने जीवन में अनेक बदलाव करने का प्रयास करने में सफलता पाते हैं.
अंकशास्त्री व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिये भी नामांक का सहारा लेते हैं. अक्सर समाचार पत्रों में तथा टेलीविजन पर भविष्यवाणी करने वाले अंकशास्त्री भी ये बताते हुए देखे जा सकते हैं कि कई जाने माने लोग या प्रमुख हस्तियां अपने नाम में कुछ बदलाव कर नामांक बदल देते हैं जिसके प्रभाव स्वरूप उन्हे सफलता या सुख प्राप्त हुआ है. अत: हम प्रयास करते हैं कि किस प्रकार नामांक की गणना कैसे की जाती है ?
नामांक की गणना अंग्रेजी के अक्षरों को दिये गये अंकों के आधार पर ही की जाती रही है. आज भी लगभग सभी अंकशास्त्री नामांक की गणना इसी प्राचीन तरीके से करते हैं. नामांक कि गणना के लिए कीरो पद्धति, सेफेरियल पद्धति तथा पाइथागोरस पद्धति का उपयोग किया जाता है, इनमें से किसी ने नौ अंक को स्थान दिया तो किसी ने स्थान नहीं दिया. नामांक जीवन में आवश्यक बदलाव ला सकते हैं और हमारे जीवन को आशावादी दिशा प्रदान कर सकते है. इनके द्वारा हमें सफलता की दिशा मिलती है.
जीवन में नाम का बहुत महत्व होता है नाम से ही हमारी पहचान होती है. नाम का महत्व खुद ब खुद दृष्टिगत होता है, तथा नाम रखने की विधि को संस्कार कर्म में रखा जाता है और इसमें जातक के जन्म नक्षत्र पर आधारित नाम रखने का प्रयास किया जाता है. कुछ स्थानों पर हम यह भी देखते हैं कि किसी व्यक्ति का नाम तो उचित होता है. लेकिन फिर भी सफलता पाने में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ता या उसे वह सफलता मिल ही नहीं पाती, ऐसे समय में अंक ज्योतिष या अंक शास्त्र द्वारा हम नाम में कुछ परिवर्तन करके उस नाम का महत्व एवं प्रभाव और भी अधिक बढा़ सकते हैं.
नाम के अंकों अर्थात नामांकों को घटा या बढ़ाकर उपयोग में लाने से उचित एवं उपयुक्त लाभ प्राप्त हो सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति के नामांक का ग्रह उसके मूलांक, भाग्यांक का शत्रु होता है तो उस नाम को बदलने कि आवश्यकता होती है. नाम के आगे अथवा पीछे कुछ अक्षरों को जोड़ घटाकर नामांक को उसके भाग्यांक तथा मूलांक के साथ ताल मेल स्थापित करके उसे लाभकारी बनाया जा सकता है.
देखा जाए तो कुछ अंक किसी निश्चित अंक के मित्र व कुछ शत्रु होते हैं. यदि नामांक, भाग्यांक व मूलांक के शत्रु अंक का होगा तो सफलता नहीं मिलेगी इसलिए नामांक का मूलांक व भाग्यांक से बहुत आवश्यक होता है.
नामांक गणना | Calculation of Namank
नामांक में दिर गए अंकों के आधार पर हम किसी भी व्यक्ति, स्थान इत्यादि का नामांक प्राप्त कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर- अनिल कुमार के नाम का नामांक प्राप्त करना होतो वह इस प्रकार होगा.
A N I L K U M A R
1 5 1 3 2 6 4 1 2
1+5+1+3=10, 2+6+4+1+2=15
10+15=25
2+5=7 इस प्रकार इस व्यक्ति का नामांक 7 बनता है.
| 
 अंग्रेजी के अक्षर  | 
 कीरो पद्धति  | 
 सेफेरियल पद्धति  | 
 पाइथागोरस पद्धति  | 
| 
 A  | 
 1  | 
 1  | 
 1  | 
| 
 B  | 
 2  | 
 2  | 
 2  | 
| 
 C  | 
 3  | 
 2  | 
 3  | 
| 
 D  | 
 4  | 
 4  | 
 4  | 
| 
 E  | 
 5  | 
 5  | 
 5  | 
| 
 F  | 
 8  | 
 8  | 
 6  | 
| 
 G  | 
 3  | 
 3  | 
 7  | 
| 
 H  | 
 5  | 
 8  | 
 8  | 
| 
 I  | 
 1  | 
 1  | 
 9  | 
| 
 J  | 
 1  | 
 1  | 
 6  | 
| 
 K  | 
 2  | 
 2  | 
 2  | 
| 
 L  | 
 3  | 
 3  | 
 1  | 
| 
 M  | 
 4  | 
 4  | 
 3  | 
| 
 N  | 
 5  | 
 5  | 
 4  | 
| 
 O  | 
 7  | 
 7  | 
 5  | 
| 
 P  | 
 8  | 
 8  | 
 6  | 
| 
 Q  | 
 1  | 
 1  | 
 7  | 
| 
 R  | 
 2  | 
 2  | 
 8  | 
| 
 S  | 
 3  | 
 3  | 
 9  | 
| 
 T  | 
 4  | 
 4  | 
 1  | 
| 
 U  | 
 6  | 
 6  | 
 2  | 
| 
 V  | 
 6  | 
 6  | 
 7  | 
| 
 W  | 
 6  | 
 6  | 
 5  | 
| 
 X  | 
 5  | 
 6  | 
 3  | 
| 
 Y  | 
 1  | 
 1  | 
 4  | 
| 
 Z  | 
 7  | 
 7  | 
 5  |