टैरो कार्ड रीडिंग - इतिहास एवं उत्पत्ति - Tarot Card reading - History and Origin

टैरो कार्ड के आरंभ के विषय में इतिहासकारों के मध्य कई तर्क मौजूद है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि टैरो कार्ड का 18 वीं सदी से पहले खेल के रूप में प्रयोग किया गया है। वास्तविकता में, कुछ लोगो का मानना है कि इसमे 56 कार्ड माइनर अरकाना के रूप में जाने जाते हैं जो सिर्फ 1909 तक खेल के कार्ड (ताश के पत्ते) के सेट के रुप मे थे। माइनर अरकाना मे कुछ अंतर होता है इसमे जैक के स्थान पर प्रत्येक सूट में एक पेज और एक नाइट होता है। इस सूट मे पारंपरिक इतावली सूट के  स्टेव्स, कप, स्वार्ड (तलवार), और सिक्के होते हैं। हम फ्रांसीसी सूट क्लब, हार्ट, स्पेड्स और डाइमंड जो फ्रांसीसी सूट के समकक्ष है से भी परिचित हैं।

वास्तविकता में टैरो कार्ड परंपरागत खेले जाने वाले डेक (ताश की गड्डी) से भिन्न हैं। इसमे सबसे बड़ा अंतर अतिरिक्त 22 चित्र कार्ड हैं जिसे मेजर अरकाना या ट्रम्प कहते हैं। ये चित्र कार्ड उन छवियों का संग्रह है जो मध्यकालीन समय की सामान्य तौर पर देखे जा सकने वाली तस्वीरे थी। द फूल (मूर्ख), द मेजीशियन (जादूगर)  मानवीय चित्र को दर्शाते हैं। द इम्पेरर (सम्राट), द पोप  कुछ चित्र शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।    कुछ कार्ड नैतिक गुण, न्याय, संयम और दृढ़ता  को दर्शाते हैं और द डेथ ( म्रृत्यु ), द डेविल (शैतान) कार्ड भाग्य चक्र का साथ न होने के कारण जीवन मे संघर्ष को दर्शाते हैं। यहॉ पर आध्यात्मिक शक्ति की छवियों को भी जैसे सूर्य, चंद्रमा और ईश्वरीय दंड (यमराज) को दर्शाया गया है।

इतिहासकारों का मानना ​​है कि इन कार्डों को खेलने के लिए बनाया गया था जो ब्रिज (ताश के खेल) के समान था। रॉबर्ट ओ नेइल जो टैरो सेम्बोलिग्म के लेखक है का सटीक तर्क है कि टैरो के लिए नव - प्लैटोवाद, ने रहस्यमय विचारों को दर्शाया है। प्लोटनिअयस और उनके उत्तराधिकारियों द्वारा तीसरी शताब्दी ई. में एलेक्संडेरिया ( सिकन्दरिया) में दार्शनिक प्रणाली को विकसित किया। इसका हम वर्तमान समय में मूल तथ्य को समझने के लिए, मार्गदर्शन और भविष्यवाणी का सटीक अर्थ जानने के लिये व्यवहारिक उपकरण के रुप मे प्रयोग किया जाता है। 18 वीं सदी में फ्रांस में गुप्त गतिविधि के साथ इसकी शुरूआत मान सकते हैं।

एन्टोइन कोर्ट डे गेबलिन, फ्रेंच भाषाविद्, मौलवी, तांत्रिक, गुप्त संस्था के सदस्य, फिलेलेथिसिस के लॉज के सदस्य और नाइन वेल्यूम वर्क के लेखक मान्डे प्रिमीटिफ ने टैरो कार्ड डेक को देखा और उन्हें लगा कि ट्रम्प निश्चित रूप से प्राचीन काल से धार्मिक रहस्य खोजने वाले हैं।  कार्ड्स के सही अर्थ की खोज में उनकी अटकलों ने काफ़ी रुचि उत्पन्न की। उनका यह मानना था कि कार्ड मिस्र से उत्पन्न हुये। उन्होंने यह भी माना कि कार्ड के द्वारा ही पुजारीयों की शुरुआत हुई। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि टैरो के मेजर अरकाना, थोथ की पुस्तक थी और सभी ज्ञान प्राचीन मिस्र के मंदिरों और पुस्तकालयों में चित्रलिपि के रूप में संश्लेषण किया है।

इस सिद्धांत ने भी यह विश्वास दिलाया कि कार्ड, जिप्सीस द्वारा मिस्र से यूरोप में लाया गया था। ऐसा माना जाता है कि नपालियान फ्रांस के एक विग निर्माता ऐलियेट, पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पाइथागोरस के समान कार्ड्स और गणितीय अवधारणाओं के बीच संबंध दर्शाया था। उनका ऐसा भी कहना था कि भगवान थोथ -हेम्स ने टैरो कार्ड का डेक बनाया था।