Articles in Category Hindu Calendar

2024 में सूर्य संक्रांति का समय और कब करें दान-पूजा (पुण्यकाल)

सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्राति कहलाता है. संक्रान्ति को हिन्दू पंचांग में सूर्य राशि परिवर्तन समय कहा जाता है. इस समय के दौरान बहुत से धार्मिक कृत्य भी किए जाते हैं. 12

जानें, पूर्णिमा व्रत की महिमा और पूजा मुहूर्त समय

श्री सत्यनारायण व्रत कथा को मुख्य रुप से पूर्णिमा तिथि पर संपन्न किया जाता है. इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने हेतु भी श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है. मान्यथा है कि

2024 के लिए शिवरात्रि तिथि व मुहूर्त पूजन समय

भगवान शिव की आराधना का एक विशेष दिन होता है शिवरात्रि. प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि के रुप में जाना जाता है. इस तरह से यह शिवरात्रि मासिक होती है जो हर माह आती है. पौराणिक

इस दिन है गंडमूल नक्षत्र, जानिये मूल नक्षत्र का प्रभाव कैसे बदल सकता है आप के बच्चे का जीवन

27 नक्षत्रों में से 6 नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र कहलाते हैं. ज्येष्ठा, आश्लेषा, रेवती,मूल, मघा और अश्विनी नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि और नक्षत्र की समाप्ति का

प्रदोष व्रत तिथियां 2024

प्रदोष व्रत एक अत्यंत ही शुभकारक एवं प्रभावशाली व्रत होता है. यह व्रत एक निश्चित तिथि और समय को दर्शाता है. प्रदोष को प्रदोषम के नाम से भी पुकारा जाता है. प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष ओर कृष्ण पक्ष की

साल 2024 में इस दिन होगी अमावस्या

हिन्दू पंचांग की 30वीं व अंतिम तिथि अमावस्या कही जाती है. अमावस्या का दिन अंधकार का समय होता है जब चंद्रमा पूर्ण रुप से लुप्त हो जाता है और दिखाई नहीं देता है. हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ

गणेश चतुर्थी मुहूर्त और आसान पूजा विधि

गणेश चतुर्थी का उत्सव बहुत ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता रहा है. भगवान श्री गणेश जी का पूजन एवं स्मरण मात्र ही सभी संकटों को दूर कर देने का अचूक उपाय होता है. गणेश जी को चतुर्थी तिथि अत्यंत

जानिए एकादशी व्रत की महिमा, 2024 में इस दिन है एकादशी और ऎसे करें एकादशी पूजा

एकादशी पूजा विधि एकादशी के दिन ब्रह्मामुहूर्त अथवा प्रात:काल समय उठकर, स्‍नान आदि से दैनिक कार्यों से निवृत होकर भगवान श्री विष्णु का स्मरण करना चाहिए. पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा अथवा

जानिए वर्ष 2024 में कब-कब लगेगा पंचक और क्या होगा इसका असर

पंचक अर्थात पांच, किसी कार्य का बार-बार होना और उसकी शुभता में कमी होना. यह नक्षत्र आधारित गणना होती है. जिसमें धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती नक्षत्र तक का समय पंचक का समय कहलाता है. पंचक की

वर्ष 2022 पंचांग व्रत और त्यौहार

नववर्ष के आरंभ के साथ ही आरंभ होता है एक बार फिर से व्रत और त्यौहारों के पुनरागमन का समय होता है. इस वर्ष 2021 में आने वाले व्रत और त्योहारों का एक विस्तृत रुप हमें देखने को मिलेगा और ये व्रत और

शुभ विवाह मुहूर्त दिसंबर 2022

हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की

नवंबर 2022 में ये दिन रहेंगे शादी के लिए सबसे शुभ

शादी जैसे शुभ मांगलिक कार्य के लिए एक अच्छे शुभ दिन का होना बहुत जरुरी माना गया है. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई नया अध्याय जुड़ता ही है ऎसे में शादी-विवाह का कार्य भी दो लोगों के जीवन की

घर बैठे जानें, अक्टूबर माह 2022 में शादी विवाह का शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त में किए गए कामों को करने का फल भी शुभ प्रभाव देने वाला होता है. विवाह जैसा कार्य भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है. यह ऎसा काम है जो विवाह को एक शुभ आरंभ देता है और दांपत्य जीवन की मजबूत

जुलाई माह 2022 में ये दिन रहेंगे सबसे शुभ विवाह के लिए

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह - धनु राशि की कन्या

मई 2023 में विवाह शुभ मुहूर्त की कमी नहीं, चुनें अपनी पसंद की डेट

हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की

मार्च 2024 ये दिन रहेंगे विवाह के लिए शुभ मुहूर्त समय

विवाह को हर धर्म संप्रदाय में एक अत्यंत ही पवित्र बंधन के रुप में देखा जाता है. यह दो लोगों के जीवन का एक नया अध्याय होता है जिसे दोनों को एक साथ मिलकर लिखना होता है. एक सुखी दांपत्य जीवन की इच्छा हर

विवाह मुहूर्त 2024 : इन दिनों में भूलकर भी न करें मांगलिक कार्य

विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह

कैसे और कब बनता है यमघंटक योग : एक अशुभ योग

कुछ अशुभ योगों की गिनती में यमघंटक योग का नाम भी आता है. यह वह योग है जो अच्छे कार्यों में त्याज्य होता है. इस योग में व्यक्ति के किए गए शुभ कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष में

तिथि क्या है और ज्योतिष में इसका महत्व क्यों है, जानिये.

ज्योतिष में तिथियों का एक महत्वपूर्ण स्थान है. हिन्दु धर्म में तिथियों के आधार पर मुहूर्त्त निकाले जाते हैं और उनके अनुसार विभिन्न कार्य किए जाते हैं. सभी कार्यों का मुहुर्त तिथियों के अनुसार बाँटा

कुण्डली में शारदा योग क्या है और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के कई मुख्य योगों की श्रृंखला में शारदा योग भी आता है. शारदा योग के बनने से व्यक्ति भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तरक्की तथा उन्नति करता है. जैसे लेखक, कवि, राजनेता या अभिनेता आदि बनने के