मेषस्थ मंगल योगफल | Mars Aspecting Aries Sign

मेष में स्थित होने पर मंगल अपने ही स्वामित्व को पाकर बली बन जाता है. यह स्थिति मंगल को अधिक बल देने में सहायक बनती है. मंगल रूक्ष व दाहक माना जाता है अत: इस स्थान पर होने पर वह अपने प्रभावों में अधिक तेज होता है. जातक तेजस्वी व्यक्तित्व का स्वामी होता है.

सत्यवादी होता है, रक्त वर्ण के समान वह दिखाई देता है. जातक में क्रोध की अधिकता रह सकती है लेकिन अधिक देर तक बना नही रहता जल्द ही शांत भी हो जाते हैं तथा सहनशक्ति में कमी देखी जा सकता है. यह एक निड़रता और साहस का परिचय देता है यहां होने पर व्यक्ति में अदभूत साहस देखा जा सकता है.

भय का उसके लिए कोई स्थान नहीं होता, अपने कामों में भी वह पूर्ण साहस के साथ देखा जा सकता है. इसमें मंगल ग्रह का एक बहुत आवेगी रूप देखने को मिलता है. व्यवहार में बदलाव की स्थिति बनी रहती है. एक साथ पर टिककर बैठना इन्हें पसंद नहीं होता है, तुरंत ही प्रतिक्रिया करते हैं,यह लोग अतीत में नहीं रहते और न ही कोई शिकायत करते हैं

नेतृत्व की खूबी होती है इनमें भीड़ को अपने साथ आगे ले जाने की अच्छी क्षमता होती है इनमें. शूरवीर होते हैं और अपने लोगों के समक्ष सम्मान पाते हैं. कर्म में आलस्य नहीं लाते सेना जैसे कार्यों में इनका बल देखते ही बनता है. प्रसन्नचित होते हैं व दान धर्म में विश्वास भी रखते हैं.

अपने सहज ज्ञान से पूर्ण होते हैं और आमतौर पर तेजी से और अच्छे निर्णय लेने वाले बनते हैं. जातक नए विचारों व नई योजनाओं में अग्रणी कार्रवाई शुरू करने का आनंद लेते हैं. आम तौर पर चुनौतियों का सामना करना इन्हें पसंद होता है. इनके साथ रिश्ते रोमांचक हो सकते हैं. यह सीधे सपाट बात करना पसंद करते हैं और लाग लपेट इन्हें पसंद नहीं आता है.

वृषस्थ मंगल योगफल | Mars Aspecting Taurus

वृष राशि में मंगल के होने पर जातक धीमे और स्थिरता लिए हो सकता है. यह लक्ष्य की ओर उन्मुख रहते हुए अपनी गति के अनुरूप चलते रहते हैं. यहां पर शक्ति के साथ स्थाईत्व की भावना भी दिखाई देते है. यह आम तौर पर शांत स्वभाव और अल्हड़ किस्म के लोग होते हैं वृषभ में मजबूती है तो मंगल इसे शक्ति से और भी अधिक संपन्न बनाने में सहायक बनता है. दूसरों के लिए भी सहायक बनते हैं.

वृषभ लोग मूल्य ताकत और स्थिरता को समझते हैं ओर किसी भी कार्य को करने से पिछे नहीं हटते हैं,यह सुरक्षा और निजी संपत्ति के लिए एक प्रति विशिष्ट स्नेह से रखते हैं. ज्यादातर वह क्या चाहते हैं उन्हें इस बात का पता होता है.

यह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उसमें लगे रहते हैं यहां समय अधिक लग सकता है परंतु उसके लिए भी तैयार रहते हैं. काफी विश्वसनीय और मजबूत व्यक्तित्व के भी होते हैं. व्यावहारिक और धैर्यवान होते हैं. भावुक होते हैं, समर्पण और अनुशासन द्वारा आगे बढ़ना जानते हैं.

यह जातक अधिक कामुक हो सकते हैं. प्रेम को गहराई के साथ महसुस करते हैं ओर पूर्णता: के साथ निभाने की चाह भी रखते हैं. सबसे अच्छी तरह से दीर्घकालिक लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प रहते हैं. एक साथ अनेक कामों को नहीं करते अपितु एक-एक करके उन्हें पूरा करने के बारे में सोचते हैं. पर साथ ही जिस पर मन लगा देते हैं उससे फिर असानी से हटते नहीं हैं.

मिथुनगत मंगल का योगफल | Mars Aspecting Gemini

मिथुनगत मंगल के होने पर जातक गौरवर्ण का आकर्षण से युक्त होता है. बहुत से विषयों में जानकारी रखने वाला होता है. जातक में अनुशासन प्रियता होती है. काव्यविधान में निपुण होता है. एक अच्छे आलोचक के हुण भी विद्यमान होते हैं. मिथुन के साथ मिलकर इसमें जूनून और नियमों की अनोखी समझ आती है. परिवर्तनशील और कल्पनाओं की उडा़न भी खूब होती है.

जातक में सहनशक्ति भी होती है. परंतु विचारों से काफी दृढ़ हो सकता है. लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला होता है. मित्रों के सहयोग का पात्र बनता है. कई कामों में संलग्न रहने वाला होता है. व्यवहार में सौम्यता का प्रदर्शन होता है.

मनोहर व्यक्तित्व वाला और कलाओं से पूर्ण होता है अथवा इनमें लगाव की सहजवृति देखने को मिलती है. धर्म के कार्यों को करने में तत्पर रहता है, दयालुता के गुण भी होते हैं. मेधावी होता है और गुणों से युक्त होता है शिल्प ज्ञान का बोध होता है. कार्यों को कुशलता पूर्वक करने वाला होता है.

"मंगलराशि दृष्टि योगफल - भाग 2"

"मंगलराशि दृष्टि योगफल - भाग 3"

"मंगलराशि दृष्टि योगफल - भाग 4"