वैदिक ज्योतिष में यदि हम सूक्ष्मता से देखें तो हर व्यक्ति के चारित्रिक गुण तथा दोषो का पता लगाने में कामयाब हो सकते हैं. व्यक्ति की जन्म कुंडली उसके व्यक्तित्व के बारे में सभी कुछ बताने में सक्षम होती है. कुछ व्यक्ति चारित्रिक गुणों की खान होते हैं तो कई कमजोर चरित्र के भी होते हैं. कमजोर चरित्र से अभिप्राय हमारा व्यक्ति के झूठ बोलने, बेईमान होने तथा इसी तरह की कई अन्य बातों से हैं. आज हम आपको यही बताने का प्रयास करेगें कि एक व्यक्ति के चारित्रिक गुण तथा दोषों का पता कैसे लगाया जा सकता है.

बेईमान होने का कारण | Reasons For Being Dishonest

सबसे पहले हम उन योगो की बात करेगें जिनके कारण व्यक्ति बेईमान स्वभाव का होता है. जन्म कुंडली के तीसरे भाव में मंगल बिना किसी शुभ दृष्टि के स्थित हो तब व्यक्ति के ईमानदार होने में संदेह होता है.

जन्म कुंडली का चौथा भाव व्यक्ति का मन माना जाता है. इसके पीड़ित होने पर व्यक्ति का मन परेशान रहता है. जब जन्म कुंडली में चतुर्थेश अथवा नवमेश कुंडली के छठे भाव में स्थित हो तब व्यक्ति बेईमान बन जाता है.

बुध को बुद्धि का कारक भी माना जाता है. इससे बुद्धिमत्ता का आंकलन किया जाता है. जब बली बुध ग्रह नवें भाव में एक अशुभ ग्रह के साथ स्थित हो तब व्यक्ति का झुकाव बेईमानी की ओर रहता है.

जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में दशमेश या अष्टमेश स्थित होने पर भी व्यक्ति के ईमानदार होने में संदेह रहता है. जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में दो नैसर्गिक पाप ग्रहों मंगल व शनि स्थित हों या मंगल व राहु स्थित हो तब व्यक्ति अन्य लोगों के साथ बेईमानी करता है. जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में अशुभ ग्रह स्थित हो या अशुभ ग्रह इस भाव को देख रहे हों तब भी व्यक्ति बेईमान होता है.

स्वभाव से निर्लज्ज व्यक्ति | Reasons For Being Impudent In Nature

आपको अपने जीवन में ऎसे बहुत से व्यक्तियों से पाला पड़ा होगा जो बात करने में हिचकते नहीं है चाहे वह पहली बार ही किसी से मिलें हो और उनमें बहुत से तो निर्लज्ज स्वभाव के भी होते हैं जिन्हें पता ही नही होता कि क्या कह रहे हैं या उन्हें कब क्या कहना चाहिए. आइए ऎसे लोगो का अध्ययन कुंडली के माध्यम से करने का प्रयास करें. जन्म कुंडली में जब चंद्रमा व बुध ग्रह को मंगल देख रहा हो तब व्यक्ति निर्लज्ज स्वभाव का हो सकता है.

जन्म कुंडली के सातवें भाव में मंगल और लग्न में बुध व शुक्र स्थित हो तब व्यक्ति बिना किसी शर्म के नि:संकोच रहता है. जन्म कुंडली के लग्न में बृहस्पति स्थित हो और मंगल देख रहा हो तब भी व्यक्ति को अपनी बात किसी के भी समक्ष कहने में कोई शर्म या हिचक नही होगी.

त्रिक भाव अर्थात कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में कमजोर चंद्रमा, मंगल के साथ स्थित हो तब भी व्यक्ति निर्लज्ज से स्वभाव का हो सकता है.

कुटिल स्वभाव का व्यक्ति | Person With Cunning Nature

आइए हम ऎसे योगो की बात करते हैं जिनके द्वारा व्यक्ति की बुद्धि कुटिल होने की संभावना बनती है. जन्म कुंडली में मेष राशि में बुध स्थित हो क्योकि बुध को बुद्धि कौशल का कारक माना जाता है और जब वह अपने परम शत्रु ग्रह की राशि में स्थित होता है तब व्यक्ति की बुद्धि कुटिल होने की संभावना बनती है.

जन्म कुंडली में बुध लग्न का स्वामी होकर छठे भाव में स्थित हो, ऎसा केवल मिथुन लग्न और कन्या लग्न में ही संभव होगा. व्यक्ति की बुद्धि में कुटिलता का वास तभी संभव हो सकता है जब कुंडली के अन्य शुभ योग कमजोर हो. जन्म कुंडली के किसी भी भाव में राहु, शनि और मंगल की युति हो रही हो तब भी व्यक्ति की बुद्धि में कुटिलता समाई रह सकती है.

क्रोध करने वाला व्यक्ति | People With Aggressive Nature

अंत में हम उन योगो की बात करेगें जिनके कारण व्यक्ति को अत्यधिक क्रोध आने की संभावना बनती है. यदि जन्म कुंडली के लग्न में मंगल कमजोर अवस्था में स्थित हो या सप्तम भाव में स्थित और शनि से दृष्ट हो रहा हो तब आपको अत्यधिक क्रोध आने की संभावना बनती है.

कुंडली में मंगल के लग्न या सप्तम भाव में स्थित होने पर व्यक्ति को अधिक क्रोध आता है क्योकि मंगल स्वयं एक आक्रामक ग्रह है और लग्न से संबंध बनने पर वह आपको अत्यधिक क्रोधी स्वभाव का बना देता है. जन्म कुंडली का लग्नेश आठवें या बारहवें भाव में स्थित होने पर भी आपको अधिक क्रोधी बना सकता है.

जन्म कुंडली में चंद्र राशिश अर्थात आपकी कुंडली में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उसका स्वामी ग्रह कुंडली के पांचवें या नवम भाव में स्थित होने पर भी आपको अधिक गुस्सा आ सकता है. जन्म कुंडली का लग्नेश, मंगल और शनि के प्रभाव में होने से भी आपको अधिक क्रोध आने की संभावना बनती है.