ग्रहों का दशाफल अनेक प्रकार से अपने प्रभावों को दर्शाता है. ग्रह के दशाफल का अंतर सप्ष्टता से देखा जा सकता है क्योंकि कोई एक ग्रह यदि उच्च का है तो उसके प्रभावों में शुभता अधिक देखी जा सकती है लेकिन अगर वही ग्रह नीच का हो तो उसका प्रभाव जातक पर एकदम विपरीत असर देने वाला रहेगा. अत: दशाफल विचार करते हुए हमें इस बात पर अवश्य ध्यान देना होता है कि कोई ग्रह किन परिस्थितियों से घिरा हुआ है.  यहां हम उच्च राशिग्रह की दशा फल पर विचार करेंगे अर्थात जब ग्रह अपनी उच्चता में होता है तो उसका दशाफल कैसे प्रभाव उत्पन्न करता है.

उच्चस्थ ग्रह जातक को वैभव तथा यश प्रदान करने वाला होता है. इस अवस्था में जातक को वस्त्र आभूषण और वाहन की प्राप्ति होती है. पद प्रतिष्ठा में वृद्धि मिलती है. जातक राजा के सामान सुख प्राप्त करता हे. शत्रुओं का दमन होता है तथा रूकावटें दूर होने लगती हैं. उच्चस्थ ग्रह की दशा में भू-संपदा का लाभ होता है राज्यसम्मान की प्राप्ति होती है तथा व्यक्ति के भीतर धैर्य और नैतिकता का समावेश देखा जा सकता है.

ग्रहों की उच्च्स्थ स्थिति | Exalted state of Planets

उच्चस्थ सूर्य | Exalted Sun

उच्च का सूर्य जातक को नेतृत्व की क्षमता प्रदान करता है. व्यक्ति को नेता या नायक बनाकर मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा देता है. व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति होती है, वाहन सुख प्राप्त होता है. अच्छी वस्तुओं की प्राप्ति होती है पर साथ ही उसमें गर्व की भावना भी अधिक देखी जा सकती है.

उच्चस्थ चंद्रमा | Exalted Moon

चंद्रमा की यह स्थित होने पर जातक को स्त्री सुख, संतान सुख की अनुभूति प्राप्त होती है. जातक को माता का प्रेम प्राप्त होता है, मन में भावनों की अधिकत अहोती है तथा तीर्थाटन एवं पर्यटन के मौके प्राप्त होते हैं.

उच्चस्थ मंगल | Exalted Mars

उच्चस्थ मंगल व्यक्ति को राज्य सम्मान एवं राजा से पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति कराता है. जातक में अत्यधिक क्रोध और बाहुबल की मजबूति देखी जा सकती है उसके भीतर साहस एवं शौर्य का संचार होता है. व्यक्ति को स्त्री सुख तथा बंधुओं का सुख प्राप्त होता है.

उच्चस्थ बुध | Exalted Mercury

उच्चस्थ बुध के प्रभाव से जातक को धन-संपदा प्राप्त होती है. हास्य एवं मनोविनोद का व्यवहार पाता है. बौद्धिकता उन्नत होती है, जातक व्यापार एवं व्यवसाय में उन्नती पाता है. मित्रों, संबंधियों एवं संतान का सुख प्राप्त होता है.

उच्चस्थ गुरू | Exalted Jupiter

उच्चस्थ गुरू के प्रभाव स्वरुप जातक को विद्वता प्राप्त होती है, उसे शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त होता है अपने क्षेत्र में अग्रीण्य स्थान पाता है. मान, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. व्यवहार में सात्विकता का समावेश होता है धर्म के प्रति आस्थावान होता है तथा भौतिक सुखों के प्रति निस्सार का भाव रखता है.

उच्चस्थ शुक्र | Exalted Venus

शुक्र की उच्चता में व्यक्ति को भौतिक सुखों के प्रति अधिक लालसा का भाव हो सकता है, व्यक्ति स्त्री संग के कारण धन का नाश पाता है. धर्म विरोधी कार्यों में रूचि रखने वाला हो सकता है. कुछ अन्य विचारकों के अनुसार जातक स्त्री, संतान और आभूषण भौजन इत्यादि का सुख पाता है.

उच्चस्थ शनि | Exalted Saturn

उच्चस्थ शनि की दशा में सत्ता का सुख प्राप्त हो सकता है, पिता एवं अन्य संबंधियों से विरोध भी झेलना पड़ सकता है. जीवन में कठिनाईयों का सामना करने की दिशा मिलती है, सही गलत का पता चलता है.

उच्चस्थ राहु | Exalted Rahu

उच्चस्थ राहु की दशा जातक को विदेश यात्राओं को करने का वसर मिलता है. राज्य के उच्च अधिकारियों से मैत्री होती है तथा धन एवं सुख की प्राप्ति होती है, धार्मिक स्थानों की यात्राएं भी कर सकता है.

उच्चस्थ केतु | Exalted Ketu

यह राजा से मान सम्मान प्रदान कराता है. सुख शांति में वृद्धि करता है. परिवार में सुख एवं शांति को बढा़ता है. जातक को धर्म कर्म के कार्यों को करने का अवसर प्राप्त होता है.