मंगल ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के जिस भाव में होगा वहां बैठ कर कई तरह के असर दिखाने वाला होता है. मंगल ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 40 दिनों तक गोचर करता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता है, वहां से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में गोचर करने पर यह सकारात्मक परिणाम लाता है. शेष भावों में, यानी पहले भाव, दूसरे भाव, चौथे भाव, पांचवें भाव, सातवें भाव, आठवें भाव, नवम भाव, दशम भाव और बारहवें भाव में अनुकूलता की कमी को दर्शाने वाला होता है. मंगल का ये गोचर कुछ नकारात्मक प्रभाव भी ला सकता है. मंगल का गोचर आपके जीवन को कई तरह से प्रभावित कर सकता है.

पहले भाव में मंगल गोचर का फल 

जब मंगल पहले भाव में गोचर करता है, तो व्यक्ति स्वयं को लेकर उत्साहित होता है. खान पान और रहन सहन में बदलाव का समय होता है. धन की ओर अधिक ध्यान देना शुरू हो जाता है. कमी के नए स्त्रोत विकसित होने का समय होता है. इस दौरान कुछ अनचाहे खर्चे भी हो सकते हैं. स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको बुखार या रक्त संबंधी रोग हो सकते हैं. करियर में कुछ उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं. इस समय व्यवहार की कठोरता से बचना सबसे आवश्यक होता है. 

दूसरे भाव में मंगल गोचर का फल 

दूसरे भाव में मंगल का गोचर चारित्रिक गुणों, शारीरिक बनावट, स्वभाव एवं वाणी पर असर डालता है. इस समय पर जीवन की अनिश्चितताओं और अचानक होने वाले बदलावों को देख पाते हैं. मंगल का यह गोचर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी दर्शा सकता है. इसके अलावा इस समय मंगल देव प्रभाव से अपने कार्यक्षेत्र में हर काम को एक नई ऊर्जा के साथ करते हुए नजर आते हैं

तीसरे भाव में मंगल गोचर का फल  

तीसरे भाव में मंगल का गोचर अच्छे परिणामों को प्रदान करने वाला माना गया है. इससे आपको अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है. पार्टनरशिप से जुड़ा व्यापार करने वाले लोगों के बेहतर लाभ के मौके मिलते हैं. यह गोचर बहुत ही शुभ फल देने की संभावना वाला होता है. जीवनसाथी भी आपके कारोबार में खुलकर सहयोग करता है. वहीं नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह गोचर अधिक शुभ फल लेकर आता है. क्योंकि इस समय कार्यस्थल पर आपके काम को सभी सराहेंगे और इसके परिणाम स्वरूप आपको पूर्ण सफलता मिलती है. 

चतुर्थ भाव में मंगल गोचर का फल 

मंगल का गोचर चतुर्थ भाव में होने पर व्यक्ति को कई मामलों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है. इस दौरान काम ओर घर दोनों स्थानों पर तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता होती है. अपने लक्ष्य के प्रति खुद को केंद्रित रखते हुए कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है. पारिवारिक जीवन में इस अवधि में आपको अपनी माता के स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि इस बात की आशंका अधिक है कि इस गोचर के दौरान आपकी माता का स्वास्थ्य अथवा उनके साथ संबंध चिंता का कारण हो सकते हैं. 

पंचम भाव में मंगल गोचर का फल 

कुंडली के पांचवें भाव में मंगल का गोचर कई मायनों में मिलेजुले परिणामों को देने वाला होता है. प्रेम संबंधों को लेकर इस समय गोचर के दौरान कुछ बदलाव साफ तौर पर देखने को मिल सकते हैं. रिश्ता पहले से ज्यादा गहरा होता है लेकिन कई बार कुछ बातें अलगाव और विवाद का कारण भी बन जाती हैं. अपने प्रियतम के साथ परिणय सूत्र में बंधना चाहते हैं तो इस समय अनुकूल परिणाम मिलने वाले होते हैं.

छठे भाव में मंगल गोचर का फल 

छठे भाव में मंगल का गोचर अच्छे प्रभाव दिखाता है. इस भाव में मंगल का गोचर व्यक्ति की छवि को दूसरों पर प्रभावशाली रुप से डालने वाला होता है. इस दौरान हर तरह के कानूनी विवाद में सफलता पाने का भी अवसर प्राप्त होता है. इस बात की भी संभावना है कि यदि किसी कानूनी पचड़े में फंस भी जाते हैं तो मंगल देव की कृपा से आप उससे भी निकलने में सफल रहते हैं.इसके अलावा जिन लोगों का कोई कोर्ट केस चल रहा है उनका फैसला भी आपके पक्ष में आ सकता है. विरोधियों को दबाने में सफल होते हैं. 

सातवें भाव में मंगल गोचर का फल 

सातवें भाव में मंगल का गोचर होने के कारण यह परिवार एवं दांपत्य जीवन पर असर डालने वाला होता है. 

गोचर की यह अवधि उन के लिए भी कुछ बेहतर हो सकती है जो काम या विदेश में बसने से संबंधित विदेश यात्रा के इच्छुक हैं, लेकिन कुछ समस्याएं भी बनी रहेंगी. सेहत पर असर पड़ सकता है. अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता होगी. वहीं पारिवारिक जीवन में भी एक दूसरे से मतभेद से बचने की जरूरत होगी. 

आठवें भाव में मंगल गोचर का फल 

मंगल का गोचर कुछ मायनों में आठवें भाव पर जब होता है, तब स्थिति कुछ कठिन और चुनौतिपूर्ण रहती है. 

इस समय हर तरह के लेन-देन करते समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत है. यह आठवां भाव जीवन में अनिश्चितता और अचानक अच्छे और बुरे बदलावों को दिखाता है. अष्टम भाव में ग्रह स्थिति थोड़ी चिंताजनक हो सकती है. इसका सबसे बड़ा असर सेहत पर कई तरह की परेशानियां ला सकता है. करियर की बात करें तो इस अवधि में कई उतार-चढ़ाव देने वाला होता है. इस वजह से कार्यक्षेत्र में संघर्ष और मेहनत करने की आवश्यकता होगी. अपनी मेहनत के अनुसार सफलता और संतुष्टि में कमी रह सकती है. व्यवसाय से जुड़े हैं तो इस गोचर काल में कुछ लाभ मिलने के योग भी बनते हैं.

नवम भाव में मंगल गोचर का फल 

मंगल के यहां होने पर नौकरी और कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने के योग बनते है. निजी जीवन इस गोचर के कारण जीवनसाथी के साथ कुछ अनबन का सामना करना पड़ सकता है, वहीं वरिष्ठों से साथ रिश्ते मिलेजुले से होंगे. कार्यस्थल पर कार्यभार और दबाव अधिक होने के कारण परिवार के लिए समय की कमी परेशान कर सकती है. अपने जीवनसाथी को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे जिसे रिश्ते के बीच कुछ तनाव और गलतफहमी पैदा हो सकती है. यह समय आध्यात्मिक स्थिति को प्रभावित करने वाला होगा. यात्राओं के मौके बने हुए होंगे. 

दशम भाव मंगल गोचर का फल 

खासतौर पर प्रतियोगी परीक्षा या किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों के लिए मंगल देव सफलता मिलने के पूरे योग बनाते हैं. खेल के क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों को अच्छा प्रदर्शन देने में भी मंगल देव सहायक होते हैं. शत्रु और विरोधी सक्रिय रहेंगे, लेकिन अपनी सूझबूझ और मेहनत के बूते उन पर विजय पाने में सफल रह सकते हैं. 

ग्यारहवें भाव मंगल गोचर का फल 

लाभ भाव में मंगल का गोचर अच्छे फलों को दर्शाने वाला होता है. इस समय पर इच्छाएं ओर परिश्रम दोनों मिलकर काम करते हैं. जीवन में कुछ प्राप्तियों का समय होगा. इस समय मान सम्मान को पाने का अथवा कुछ बेहतर लाभ पाने का बेहतर समय होगा. स्वास्थ्य को लेकर सुधार की संभावना भी है. रिश्तों में सहभागिता का समय दिखाई देगा. सामाजिक रुप से स्थिति पक्ष में रहने वाली होगी. 

बारहवें भाव मंगल गोचर का फल 

बारहवें भाव में मंगल का गोचर चिंता को दिखाने वाला होता है. इस समय लम्बी दूरी की यात्राएं अधिक रह सकती हैं. इस गोचर के दौरान शरीर में कुछ दर्द बना रहता है. पैरों, आंखों और पेट से संबंधी रोगों को लेकर सावधान रहना चाहिए. नींद संबंधी कुछ विकार भी बने रहते हैं. यह वह अवधि है  ख़र्चों को कम करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता होती है.