शनि देव मार्गी हो रहे हैं और इसी के साथ ही मंगल ग्रह के साथ एक ही राशि में युति करते हुए दिखाई देंगे. इन दो मुख्य बदलावों के फलस्वरुप कुछ प्रमुख घटनाएं अवश्य ही अपना प्रभाव दिखाएंगी.  ज्योतिष के अनुसार इनके मिलेजुले फल प्राप्त होंगे. स्थितियों में परिवर्तन के साथ ही वस्तुओं में उतार-चढ़ाव भी देखा जा सकता है. शनि और मंगल एक साथ होने के कारण ज्वलनशील पदार्थों के दामों में उतार-चढ़ाव के योग रहेंगे. समाज में उपद्रव की घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं.

वक्री ग्रह अधिक बलवान होता है और शनि का यह स्वरुप कुछ कष्टकारी भी हो सकता है. अब तक शनि वक्री अवस्था में चल रहे थे और अब वह मार्गी हो रहे है,  तो लिहाजा इस दृष्टि से उनका यह स्वरुप सभी राशि के जातकों को भी अवश्य ही प्रभावित करेगा. वर्तमान में कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक एवं मीन राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव चल रहा है और जिन राशियों पर शनि की अढ़ैया अथवा साढ़े साती चल रही है, उनके लिए वक्री शनि कई प्रकार के बदलाव लेकर आ सकता है और इसके साथ ही सतह अन्य राशियों पर भी शनि अपना प्रभाव दिखाएंगे.

शनि के प्रभाव स्वरुप व्यक्ति राजा से रंक और रंक से  राजा बन सकता है. शनि की कृपा से जातक समस्त सुखों को प्राप्त कर सकता है. कोई भी शनि के प्रकोप से नहीं बच सकता है, इस समय शनि के  प्रभाव के कारण मुल्यवान धातुओं में तेजी देखी जा सकती है. शनि के मार्गी होने से लंबे समय से चले आ रहे असमंजस दूर होंगे पारिस्थितियों में कुछ सुधार की संभावना भी बन सकती है.

जब शनि  मार्गी होते हैं अत्यधिक श्रम कराते हैं. इसलिए राजनैतिक हलकलों में तेजी की स्थिति देखी जा सकती है. कार्य क्षेत्र में तेजी बनी रहेगी कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है तथा साथ ही साथ कुछ असंतोष की भावना भी उभर सकती है. कार्यों में परिश्रम तो होगा लेकिन उनकी सफलता की गारंटी है या नही इस बात पर मन में उलझन बनी रहेगी. काम में स्वयं अपने को साधनों की तरफ ले जाने के प्रयास तो रहेंगे ही लेकिन साधन या तो वक्त पर खराब हो सकता है या उपयोग में नहीं आ पाएगा.

26 जून दिन मंगलवार से शनि अपनी चाल बदल रहे हैं, अभी शनि वक्री है और 26 जून के बाद ये मार्गी होंगे शनि वर्तमान में कन्या राशि में स्थित हैं. मार्गी होने के पश्चात अगस्त को तुला राशि में प्रवेश करेंगे. शनि की स्थिति से सभी राशियों पर सीधा-सीधा प्रभाव होगा. शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों को लाभ मिलेगा, लेकिन राशियों के लिए अशुभ रहेगा. इसलिए इनके शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि शनि संबंधि उपाय किए जाएं

शनिवार का व्रत रख सकते हैं तथ ऐसके सतह ही साथ शनि कवच, स्तोत्र एवं मन्त्र जप करने से शनि देव शिघ्र प्रसन्न होते हैं.  शनि देव को प्रसन्न करने हेतु हनुमान जी का पूजन भी अत्यंत लाभदायक होता है. शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, तिल, कुलथी, लोह, काले या श्याम वस्त्र दान किए जा सकते हैं तथा शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की कील का बना छल्ला मध्यमा अंगुली में में धारण कर सकते हैं.